एक तरफ वेस्टइंडीज में, ख़ास तौर पर टी20 सीरीज में, भारत के बल्लेबाज आम तौर पर जूझते दिखाई दिए- पृथ्वी शॉ ने, इंग्लैंड में, मेट्रो वन-डे कप टूर्नामेंट में नॉर्थम्पटनशायर के लिए, समरसेट के विरुद्ध, अपने शानदार दोहरे शतक के साथ कई रिकॉर्ड बनाए। इंग्लिश काउंटी सर्किट में पहली बार खेलते हुए, टीम इंडिया से बाहर, पृथ्वी का नाम उन कुछ क्रिकेटर में शामिल हो गया जो वनडे में 200 बना सके हैं। कुछ ख़ास रिकॉर्ड –
- करियर का टॉप लिस्ट ए स्कोर- सिर्फ 153 गेंद पर 244 रन जिसमें 11 छक्के और 28 चौके- 81 गेंद में 100, 103 गेंद में 150 और 129 गेंद में 200 रन
- नॉर्थम्पटनशायर का स्कोर- 20 ओवर में 415-8 रन
- चेतेश्वर पुजारा का रिकॉर्ड बराबर- इस टूर्नामेंट में 150+ स्कोर दर्ज करने वाले दूसरे और 200 बनाने वाले पहले भारतीय।
- करियर का 9वां लिस्ट ए 100 जिससे लगभग दो साल का सूखा खत्म हुआ- इससे पहले आखिरी 100 था 2020-21 विजय हजारे ट्रॉफी सेमीफाइनल में। इसके बाद डरहम के विरुद्ध 125* तो इस तरह लिस्ट ए 100 हो गए 10 जो कोई साधारण बात नहीं।
- इंग्लिश लिस्ट ए क्रिकेट में दूसरा सबसे बड़ा स्कोर
- रोहित शर्मा के बाद लिस्ट ए क्रिकेट में एक से ज्यादा 200 बनाने पहले भारतीय।
- ओली रॉबिन्सन के 206 (विरुद्ध केंट 2022) का रिकॉर्ड टूटा और अब वन-डे कप में टॉप स्कोर पृथ्वी का
- लिस्ट ए पारी में, एक खिलाड़ी के सबसे ज्यादा बाउंड्री के रिकॉर्ड में अब तीसरे नंबर पर।
- 2 देश में लिस्ट ए 200 दर्ज करने वाले पहले बल्लेबाज
- दो टीम (मुंबई और नॉर्थम्पटनशायर) के लिए लिस्ट ए में 200 बनाने वाले पहले बल्लेबाज।
- लिस्ट ए क्रिकेट में 6वां सबसे बड़ा स्कोर। टॉप स्कोर-
- 277 एन जगदीसन, तमिलनाडु-अरुणाचल प्रदेश 2022
- 268 एडी ब्राउन, सरे-ग्लैमर्गन 2002
- 264 रोहित शर्मा, भारत-श्रीलंका 2014
- 257 डीजेएम शॉर्ट, वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया-क्वींसलैंड 2018
- 248 शिखर धवन, इंडिया ए-साउथ अफ्रीका ए 2013
- 244 पृथ्वी शॉ, नॉर्थम्पटनशायर-समरसेट 2023
- 12 महीने के अंदर ही फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 300, लिस्ट-ए में 200 और टी20 में 100 बनाने वाले पहले खिलाड़ी- 379 विरुद्ध असम (जनवरी 2023), लिस्ट ए- 244 विरुद्ध समरसेट (अगस्त 2023) और टी20- 134 विरुद्ध असम (अक्टूबर 2022)
- लिस्ट ए क्रिकेट में सबसे ज्यादा 200 : 3- रोहित शर्मा, 2- अली ब्राउन और पृथ्वी शॉ
- लिस्ट ए क्रिकेट में पिछले सभी 200 के 6 स्कोर भारतीय बल्लेबाज के : 200- समर्थ व्यास (13 नवंबर ’22), 277- एन जगदीसन (21 नवंबर ’22), 220*- रुतुराज गायकवाड़ (28 नवंबर ’22), 210- ईशान किशन (10 दिसंबर ’22), 208- शुभमन गिल (18 जनवरी ’23) और अब 244- पृथ्वी शॉ
ये सभी रिकॉर्ड और ख़ास बात ये कि जिस खिलाड़ी ने लिस्ट ए क्रिकेट का 6वां टॉप स्कोर हासिल किया- उसे जितनी तारीफ़ मिली उससे ज्यादा ट्रोल किया गया उसके लुक के लिए। सभी ने कहा- 23 साल की उम्र में इतना मोटापा जबकि आज तो दौर है बेहतर फिटनेस का। उनके 200 को नहीं, वह कैसे दिखते हैं- इसे ज्यादा देखा गया। इस 200 ने शायद पृथ्वी के करियर को जितना फायदा पहुंचाया- उससे ज्यादा नुकसान कर दिया।
अगर बैटिंग देखें तो सवाल ये है कि वे अब तक, कम से कम टी20ई में नियमित कैसे नहीं है? कुछ साल पहले घरेलू स्तर पर वे गायकवाड़ से बेहतर गिने गए, मुंबई में उन्हें, अगला तेंदुलकर भी कह रहे थे और अजीब बात ये कि अब टीम इंडिया के सेलेक्टर उनके नाम की चर्चा भी नहीं करते- सहवाग स्टाइल की बैटिंग की छवि बनाने के बावजूद।
ये सब, वे जैसे दिख रहे हैं उसका नतीजा है। आज फिटनेस के लिए जो सुविधा हैं- उन में एक 23 साल के क्रिकेटर को ऐसा नहीं दिखना चाहिए। रोहित से तुलना कर रहे हैं- सच ये कि रोहित तुलना में बहुत फिट हैं और भारत के टॉप फील्डर में से एक। बाकी का काम उनके विवाद और लापरवाही ने कर दिया।
पृथ्वी शॉ का करियर हमेशा इस स्टडी के लिए चर्चा में रहेगा कि कैसे एक अच्छे करियर को खराब नहीं करना चाहिए? स्कूल क्रिकेट से अपनी टेलेंट से पहचान बनाई, टेस्ट क्रिकेट में शुरू में ही 100, वाइट बॉल क्रिकेट में, खासकर आईपीएल में शुरू से असरदार- इससे बेहतर और क्या हो सकता था?
बस यहीं से गड़बड़ होने लगी। कई ऑफ-द-फील्ड विवाद और दिल्ली कैपिटल्स के लिए खराब सीजन के बाद, शॉ फिलहाल टीम इंडिया से बाहर हैं। यहां तक कि सेलेक्टर उनके नाम की चर्चा भी नहीं करते- एशिया कप के लिए चुनी टीम इस का सबूत है। यही वह समय है जो किसी युवा खिलाड़ी का इम्तिहान बन जाता है- अब ये तय करना है कि अपनी टेलेंट का सही फायदा कैसे उठाना है?
वन-डे कप में (भले ही इस सीजन में ये टूर्नामेंट दूसरे दर्जे के मैचों वाला साबित हो रहा है)- 153 गेंद में 244 रन बनाने वाले इस खिलाड़ी को ये कहने का हक़ है- ‘मैं बस रन बनाना चाहता हूं। एक बल्लेबाज के तौर पर मेरा काम यही है। अगर बड़े रन बनाना जारी रखूंगा तो यकीन है कि सब अपने आप ठीक हो जाएगा। मेरा ध्यान अपनी टीम के लिए बेहतर प्रदर्शन पर है और इसमें सबसे ख़ास है रन बनाना। मैं भारतीय टीम में वापसी के बारे में नहीं सोच रहा- रन बनेंगे तो भविष्य अपने आप ठीक हो जाएगा।’
जो हालात हैं- चुनौती आसान नहीं है। उम्र पृथ्वी के साथ है- 23 साल में भी सवाल टेलेंट का नहीं, उनके स्वभाव का है तो इसे ठीक किया जा सकता है। यही मिशन होना चाहिए और अगर उस में कामयाब तो पृथ्वी को उस रेस में वापस लौटने में देर नहीं लगेगी जहां उन्हें होना चाहिए था- ‘सपना, भारत के लिए कम से कम 12-14 साल खेलने का है। मैं भारत के लिए वर्ल्ड कप जीतना चाहता हूं। यही एक लक्ष्य है जिसे मुझे अपने जीवन में हासिल करना है।’
पृथ्वी शॉ के मौजूदा 200 को भाव न देने वाले कम नहीं हैं और बड़ी आसानी से कहा जा रहा है कि ये रिकॉर्ड उस टीम के विरुद्ध बनाया जिसके पास कोई इंटरनेशनल गेंदबाज नहीं है। ये ठीक है पर इतिहास गवाह है कि किसी भी टीम के विरुद्ध रन बनाना कभी भी आसान नहीं होता। पृथ्वी ने अपनी मेंटल हेल्थ की दिक्कत को छिपाया नहीं- खुलकर बात की। मोटापा है, बाल उड़ रहे हैं पर क्रिकेट में रन इनसे नहीं बनते। इस दलील में पृथ्वी को खुद मदद करनी है बेहतर छवि बनाने में। अभी भी उम्मीद है- टीम इंडिया में जगह बनाएंगे।
पृथ्वी ने कहा- ‘जब टीम इंडिया से बाहर किया तो मुझे वजह का पता नहीं चला। किसी ने कहा ऐसा फिटनेस की वजह से है- मैंने उस के बाद एनसीए में टेस्ट पास किया, फिर से रन बनाए, लेकिन मौका नहीं मिला। मैं निराश हूं लेकिन आगे बढ़ना चाहता हूं।’ पृथ्वी ने सोचा भी नहीं होगा कि इंग्लैंड में 200 बनाने के बाद जश्न की जो फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं वह उन्हें एक नई चर्चा में ले आएगी। शायद जो हुआ उस से फायदा ही मिले क्योंकि ये भी तो समझ आना चाहिए कि 14 साल की उम्र में हैरिस शील्ड मैच में 546 रन का वर्ल्ड रिकॉर्ड, 17 साल की उम्र में फर्स्ट क्लास डेब्यू पर 100, भारत के लिए अंडर-19 वर्ल्ड कप जीतने वाले कप्तान और टेस्ट डेब्यू पर 100 बनाने वाले इस क्रिकेटर का करियर पटरी से कहां उतरा? 18 साल की उम्र में इंटरनेशनल डेब्यू के बावजूद, अब लगभग 5 साल में सिर्फ 12 मैच।
- चरनपाल सिंह सोबती