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आयोजन में गफलत की खबर बीसीसीआई के साथ तो फिट बैठती है पर इंग्लैंड में ओवल में डब्ल्यूटीसी फाइनल जैसा बड़ा और प्रतिष्ठित आयोजन हो तो आईसीसी से ऐसी उम्मीद नहीं।  क्या आप जानते हैं कि डब्ल्यूटीसी फाइनल टेस्ट में किस ब्रांड की गेंद से खेलेंगे? भारत में एसजी गेंद से टेस्ट खेलते हैं और ऑस्ट्रेलिया में कूकाबुरा से पर ये टेस्ट इंग्लैंड में है इसलिए परंपरा के नाते टेस्ट ड्यूक गेंद से खेलना चाहिए- इंग्लैंड में इंटरनेशनल क्रिकेट के लिए ड्यूक गेंद का ही प्रयोग होता है।

इस साफ़ सिस्टम के बावजूद किस गेंद से टेस्ट खेलना है- ये एक सवाल बना हुआ है और अलग-अलग दावे सामने आ रहे हैं। बीसीसीआई को भी पक्के तौर पर कुछ नहीं मालूम और इसीलिए अपनी-अपनी आईपीएल टीम के नेट्स पर जब इस डब्ल्यूटीसी फाइनल के लिए टीम इंडिया के गेंदबाज ‘रैड चैरी’ से प्रेक्टिस कर रहे थे तो किसी ने ड्यूक, तो किसी ने कूकाबुरा और यहां तक कि एसजी गेंद का भी इस्तेमाल किया। 
हालात देखिए- इस मामले में अब, ऑस्ट्रेलिया के भूतपूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग की स्टेटमेंट को ही ‘ऑफिशियल स्टेटमेंट’ माना जा रहा है और बीसीसीआई की तरफ से, जानकारी न होने की वजह से कोई कुछ नहीं बोल रहा।

पोंटिंग का मानना है कि इंग्लैंड में हालात पैट कमिंस एंड कंपनी के लिए ज्यादा फायदे वाले रहेंगे- रोहित शर्मा की टीम की तुलना में। इसकी एक वजह ये भी है कि ऑस्ट्रेलिया के दो टॉप बल्लेबाज़ स्टीव स्मिथ और मारनस लाबुशेन काउंटी क्रिकेट खेल रहे हैं- तेज़ गेंदबाज़ ऑलराउंडर सीन एबॉट और माइकल नेसर भी इंग्लैंड में हैं। भारत से इसका जवाब सिर्फ चेतेश्वर पुजारा हैं। द ओवल में ऑस्ट्रेलिया ने 18.42 प्रतिशत टेस्ट जीते हैं- टीम इंडिया ने 14.28 प्रतिशत। आईपीएल 2023 के 28 मई को खत्म होने के बाद डब्ल्यूटीसी फाइनल के लिए इंग्लैंड की परिस्थितियों के मुताबिक़ तैयारी के लिए कितने दिन मिल रहे हैं? इसीलिए लीग राउंड खत्म होते ही टीम इंडिया के क्रिकेटरों को भी इंग्लैंड भेजना शुरू कर दिया था।

द ओवल की पिच और मौसम ऑस्ट्रेलिया के लिए उतनी अलग नहीं हैं जितनी टीम इंडिया के लिए- भारत की गर्मी और धीमी पिचों से एकदम इंग्लैंड में टेस्ट खेलना। सबसे बड़ा सवाल गेंद है। ये पोंटिंग ने ही कहा कि टेस्ट कूकाबुरा गेंद से खेल सकते हैं। 2021 में साउथेम्प्टन में पहले डब्ल्यूटीसी फाइनल में (जहां न्यूजीलैंड को भारत पर जीत मिली थी) ड्यूक गेंद से खेले थे।

असल में ये सवाल उठा ही क्यों कि टेस्ट ड्यूक गेंद से न खेल कर किसी और ब्रांड की गेंद से खेल सकते हैं? पोंटिंग के अनुसार दोनों टीम मैनेजमेंट ने मिलकर ये फैसला किया कि टेस्ट कूकाबुरा गेंद से खेलेंगे। बीसीसीआई की गेंद पर चुप्पी हैरान करने वाली है। जो आख़िरी ऑफिशियल स्टेटमेंट थी उसमें तो यही कहा था कि हमारे खिलाड़ियों ने ड्यूक के साथ प्रेक्टिस शुरू कर दी है और तेज गेंदबाजों को फाइनल की तैयारी के लिए आईपीएल के दौरान ड्यूक गेंद दी हैं।

ड्यूक गेंद की सबसे बड़ी खूबी ये है कि कई ओवर तक इसकी चमक बरकरार रहती है, जिससे 60 ओवर तक गेंद स्विंग कर सकती है। इंग्लैंड में तो वैसी स्विंग को मदद देने वाली परिस्थितियों में ड्यूक फिट बैठती है। ड्यूक में हाथ से सिलाई होती है और ऑर्गेनिक सामग्री से बनाने का भी दावा है। असल में दो बातें हुईं :

  1. इंग्लैंड का कूकाबुरा गेंद से बढ़ता प्यार : अब तक तो ऑस्ट्रेलिया के एशेज टूर वाले साल में अपने गेंदबाजों को, इंग्लैंड में भी, कूकाबुरा गेंद से प्रेक्टिस के लिए कहते थे। इस इंग्लिश सीजन में तो काउंटी चैंपियनशिप के दो राउंड में सभी मैच कूकाबुरा गेंद से खेलेंगे।  
  2. पिछले कुछ महीने में, ड्यूक गेंद की क्वालिटी पर कई शिकायत मिलीं। यहां तक कि इसे बनाने वाली कंपनी के एक्टिव डायरेक्टर दिलीप जाजोदिया को इस पर स्टेटमेंट देनी पड़ी। तब उन्होंने कोविड को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया और कहा कि कुछ ख़ास केमिकल प्रयोग नहीं कर पा रहे। वायदा किया कि 2023 सीजन में टॉप क्वालिटी गेंद मिलेंगी- इस सीजन में आयरलैंड के विरुद्ध इंग्लैंड का एकमात्र टेस्ट, डब्ल्यूटीसी फाइनल और एशेज शामिल हैं।

पिछली इंग्लिश समर में प्रयोग ड्यूक गेंद के साथ सबसे बड़ी गड़बड़ ये थी कि गेंद ‘मुलायम’ थी जिससे जल्दी खराब हो रही थी। यहां तक कि डरहम-ग्लैमर्गन मैच में गेंद को सात बार बदला। इस तरह ड्यूक गेंद खुद एक सवाल है और टेस्ट पर है। ड्यूक्स के निर्माता इंग्लैंड में पेशेवर क्रिकेट के लिए, एक सीजन में, 4,000-5,000 गेंद बेचते हैं। पिछले साल न्यूजीलैंड ने भी इंग्लैंड टूर में ड्यूक गेंद की शिकायत की थी क्योंकि यह अपना आकार खो रही थी और नरम हो रही थी जिससे स्विंग गायब। स्टुअर्ट ब्रॉड ने तो 2022 गेंदों के बैच को ‘बकवास’ का टाइटल दिया था। मजे की बात ये है कि ये गेंद बेन स्टोक्स और ब्रेंडन मैकुलम की तेजी से रन बनाने की पॉलिसी में बिलकुल सही बैठी। इंग्लैंड ने पिछली समर में अपने 7 में से 6 टेस्ट जीते थे।

तो क्या पहली बार टीम इंडिया, इंग्लैंड में ड्यूक गेंद से नहीं खेलेगी? शायद आयरलैंड के विरुद्ध टेस्ट में इस्तेमाल गेंद इस सवाल के जवाब में मदद करे।

  • चरनपाल सिंह सोबती

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