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चेन्नई सुपर किंग्स ने आईपीएल जीतने के लिए गुजरात टाइटन्स को हराया- एक खबर के तौर पर ये स्टेटमेंट सही है। यहां तक पहुंचने के लिए पूरे भारत में ही नहीं, क्रिकेट की दुनिया में आईपीएल की जो चर्चा हुई- उसने साबित कर दिया कि 2008 में शुरू हुई इस लीग के मुकाबले पर क्रिकेट में कुछ नहीं। जडेजा ने फाइनल में जीत के लिए आखिरी दो गेंद पर 10 रन बनाए और चेन्नई ने मुंबई इंडियंस के 5 टाइटल के रिकॉर्ड की बराबरी की- ये दोनों इसमें ‘आइसिंग ऑन केक’ हैं।

एमएस धोनी की टीम ने अहमदाबाद में, बारिश से प्रभावित फाइनल में, पिछले साल के विजेता गुजरात टाइटन्स को 5 विकेट से हरा दिया। गुजरात 214-4 फाइनल के नजरिए से कोई छोटा स्कोर नहीं था और इस माहौल के दबाव में, बारिश की लंबी रुकावट के बाद 15 ओवर में 171 रन के नए टारगेट को बनाना भी आसान नहीं था। न गुजरात ने फाइनल हारने वाली क्रिकेट खेली और न चेन्नई को किसी टीम की ख़राब क्रिकेट ने टाइटल थाली में परोस कर दिया।

फाइनल इतवार को था पर खेले रिज़र्व डे पर। जब शुभमन गिल (अपनी पिछली 4 पारियों में 3 शतक और उस समय 3* पर) का कैच दीपक चाहर ने स्क्वायर-लेग पर गिराया तो यूं लगा था कि चाहर ने एक कैच नहीं, टाइटल ‘गिरा’ दिया है। उसके बाद जो भी क्रिकेट हुई- शायद दोनों टीम ने अपने सबसे बेहतर को फाइनल के लिए बचा रखा था। पेंडुलम की तरह, जीत की उम्मीद इधर से उधर होती रही। मोहित शर्मा ने अंबाती रायडू और धोनी को लगातार गेंदों पर आउट कर दिया तो इस पूरे सीजन में खुल कर बैटिंग न कर पाए जडेजा ने अपना पूरा जोश फाइनल के लिए बचा रखा था।

आखिरी ओवर : 13 रन चाहिए थे और पहली 4 गेंद में सिर्फ 3 रन बने। आखिरी दो गेंद पर 10 रन चाहिए थे- ये जडेजा के लिए पिछले सीजन की कसर निकालने का मौका था। इस तरह चेन्नई सुपर किंग्स ने 5 वां आईपीएल टाइटल जीता और मुंबई इंडियंस के 5 टाइटल के रिकॉर्ड की बराबरी की। फाइनल में 0 पर आउट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने वही किया जो उनकी टीम चाहती थी- टाइटल जीतने वाली टीम के कप्तान के सबसे खराब योगदान (15 मैच की 11 पारी में 104 रन- 6 कैच और 2 स्टंप) में से एक का रिकॉर्ड है उनके नाम पर किसी सीएसके फैन से पूछ कर देखिए- वे टाइटल ही धोनी के नाम लिख देंगे। अगर देश में ‘धोनी मंदिर’ की गिनती अब और बढ़ जाए तो कोई हैरानी नहीं होगी।

अब सीएसके कैंप में सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या धोनी अगले साल एक बार फिर सीएसके का नेतृत्व करने के लिए लौटेंगे? ये पूरा आईपीएल और यहां तक कि फाइनल भी धोनी-जोश के बारे में था। उनके प्रशंसकों पर मौसम खराब का कोई असर नहीं हुआ और सोमवार को आधी रात के बाद भी मैच शुरू होने का इंतजार किया- यह सब धोनी को फिर से आईपीएल जीतते, देखने के लिए था।

ये फाइनल बीसीसीआई के लिए भी आंखें खोलने वाला है। बीसीसीआई और मेजबान क्रिकेट एसोसिएशन का खजाना किस काम का- पिच के लिए घटिया कवर और आज के समय में भी ग्राउंड स्टाफ कपड़े और बाल्टी की मदद से पानी सोखने के पारंपरिक तरीके लगा रहा। बाद में अलग-अलग तरह की मिट्टी डालने और भारी रोलिंग ने मदद की। और कहीं नहीं- कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन से ही सीख ले लें- ड्रेनेज के सिस्टम के लिए। देश के सबसे बड़े स्टेडियम की भी कलई खुली- बरसात का पानी छत से कई जगह से टपक रहा था। जल्दबाजी में, रिकॉर्ड बनाने और एक नाम देने के लिए बने ऐसे महंगे प्रोजेक्ट किस काम के जब जिस क्रिकेट के लिए उन्हें बनाया तो उसे ही न खेल सकें?

गिल के लिए भी इस आईपीएल को याद रखेंगे- किसी भी बल्लेबाज के लिए रिकॉर्ड दूसरा सबसे बड़ा स्कोर (890 रन) उनके नाम पर फाइनल वाला दिन चेन्नई के क्रिकेटरों का था।

  • चरनपाल सिंह सोबती

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