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इस इंग्लैंड- भारत 5 टेस्ट की सीरीज के आखिरी टेस्ट में क्या हो सकता है- इसकी चर्चा से पहले दो ख़ास रिकॉर्ड देखिए :

  • 1990-2010 का दौर टीम इंडिया के लिए महान बल्लेबाजी का युग था- तब भी इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में 4 टेस्ट जीते। पिछले 9 महीनों में टीम इंडिया ने 4 टेस्ट जीत लिए हैं। क्या ये कोई मामूली बात है?
  • संभवतः ओल्ड ट्रेफर्ड टेस्ट के बाद इंग्लैंड को टेस्ट क्रिकेट की वह पहली टीम कहेंगे जिसके एक बल्लेबाज ने 80+ औसत से 500 रन बनाए और 4 अलग-अलग गेंदबाज ने 25 या उससे कम औसत पर 7+ विकेट लिए- तब भी सीरीज नहीं जीत पाए।

इंग्लैंड और भारत के बीच 2021 साल में ये 9 वां टेस्ट होगा- इंग्लैंड में मौजूदा सीरीज में 5 और इससे पहले भारत में इस साल की शुरुआत में 4 टेस्ट। ये बहरहाल एक कैलेंडर साल में इन दोनों टीम का आपस में नया रिकॉर्ड होगा पर अपना-अपना नया रिकॉर्ड नहीं।

  • इंग्लैंड : 1902 और 2013 में 9 टेस्ट ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध भी खेले थे। इंग्लैंड ने 1921 में भी ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध 9 टेस्ट खेले- अगर 31 दिसंबर, 1920 को शुरू हुए टेस्ट को 1921 में गिन लें तो।
  • भारत : 11 टेस्ट खेले वेस्टइंडीज के विरुद्ध 1983 में- ये टेस्ट रिकॉर्ड भी है।

टीम इंडिया की संरचना क्या होगी इसका अंदाजा लगाना, कम से कम विराट कोहली युग में तो, बड़ा मुश्किल काम है। टीम कैंप के सूत्रों से रविचंद्रन अश्विन और ‘रैस्ट’ के बाद मोहम्मद शमी अटैक को फ्रेश लुक देने, ओल्ड ट्रेफर्ड में खेलेंगे।

दूसरी तरफ, ये अंदाज़ा लगाना कतई मुश्किल नहीं कि ओवल की हार के बाद जो रुट ने हर मिनट अपने खिलाडियों का हौसला बढ़ाने में लगाया होगा। इसका संकेत तो ओवल टेस्ट ख़त्म होते ही दे दिया था। इंग्लैंड के खिलाड़ियों से जसप्रीत बुमराह की शानदार गेंदबाजी से प्रेरणा लेने के लिए कहा। बुमराह ने ऐसा अद्भुत स्पेल फेंका जिसने वास्तव में खेल ही बदल दिया। रूट की निराशा में से एक फैक्ट ये भी है कि हालांकि उनके खिलाड़ी अपनी दो पारियों में आठ मौकों पर 30 के स्कोर पर पहुंचे, लेकिन कोई भी 100 तक नहीं पहुंचा।

ओल्ड ट्रेफर्ड के पांचवें टेस्ट से पहले इंग्लैंड के पास अपनी सारी निराशा ख़त्म करने के लिए ज्यादा दिन नहीं थे। ऐसा नहीं कि इंग्लैंड मैनचेस्टर टेस्ट जीत नहीं सकता और सीरीज 2-2 से बराबर नहीं कर सकता, पर उसके लिए बेहतर क्रिकेट खेलनी होगी। इंग्लैंड के जूझने का ये सिलसिला हाल के सालों में खूब देख रहे हैं :

  • 2019 : इंग्लैंड 18 साल में पहली बार ऑस्ट्रेलिया को इंग्लैंड में हराने में नाकामयाब रहा।
  • 2020 : वेस्ट इंडीज से 1- 0 से पीछे रहने के बाद जीते और पाकिस्तान को जोस बटलर और क्रिस वोक्स की आश्चर्यजनक पार्टनरशिप से ही हरा पाए।
  • 2021 : न्यूजीलैंड के विरुद्ध कमजोर टीम चुनी और हार गए। अब भारत से हारने के कगार पर हैं।
  • 20 साल में पहली बार ऐसा हो रहा है कि इंग्लिश समर में अपनी कोई भी टेस्ट सीरीज नहीं जीत रहे।
  • अगर ओल्ड ट्रेफर्ड में भी हार गए तो 35 साल में पहली बार सीजन की दोनों सीरीज हारेंगे।

सच्चाई यह है कि इस सीरीज में लंदन में दोनों टेस्ट भारत ने जीते। इंग्लैंड को मानना होगा कि हर हाल में भारत उनसे बेहतर टीम है। इंग्लैंड तभी जीत सकता है जब वे अपनी पिचों और मौसम में खेलने का फायदा उठाएं – सीम और स्विंग को मदद देने वाली पिच मिले उन्हें। जो खबर है वह ये कि पिच टर्न लेगी पर इन दिनों चिलचिलाती धुप है वहां और ये मौसम अभी भी इंग्लैंड के लिए अलग तरह की पिच की उम्मीद बन सकता है- बाकी का काम पिच पर पानी डालने और घास न काटने से हो जाएगा। 35 साल में पहली बार अपनी समर में जुड़वां सीरीज की हार से बचने के लिए इंग्लिश मैनेजमेंट पिच पर, अपनी क्रिकेट से ज्यादा ध्यान दे रही है। पिछली विंटर में 6 टेस्ट में 28 विकेट लेने वाले जैक लीच को बुला तो लिया पर अगर एक स्पिनर के साथ खेले तो मोईन अली ही फ्रंट-लाइन स्पिनर होंगे।

विराट कोहली खेल तो क्रिकेट रहे हैं पर एक ऐसे योद्धा कप्तान के तौर पर जो युद्ध में जाते हैं और अपने खिलाड़ियों से कहते हैं – ‘मेरे पीछे आओ। मुझ पर विश्वास करो। मैं हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हूँ।’ टीम इंडिया उनके साथ है।

-चरनपाल सिंह सोबती

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