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भारत की टीम बेहतर क्रिकेट खेल रही थी और अपनी नई किताब को इंग्लैंड में लॉन्च करने का मौका- रवि शास्त्री अपनी नई किताब को चर्चा दिलाने के लिए इससे बेहतर और कुछ नहीं मांग सकते थे।आज भी इस बुक लॉन्च की ही सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है पर इसलिए कि लेंकशायर और इंग्लिश क्रिकेट बोर्ड कम से कम 40 मिलियन पौंड के नुकसान का दर्द झेल रहे हैं और इंग्लैंड- भारत क्रिकेट सम्बन्ध दांव पर लगे हुए हैं।

टेस्ट और सीरीज तो रुक ही गए पर सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिरकार इस मुकाम पर कैसे पहुंचे? सोशल मीडिया भरा पड़ा है हैड कोच रवि शास्त्री की नई किताब के पब्लिक लॉन्च को इस सब का दोष देने के आरोप से- क्या वास्तव में सब गड़बड़ वहां से हुई? कोविड का ये मामला ऐसा है कि स्कॉटलैंड यार्ड भी ये पता नहीं लगा पाएगा कि रवि शास्त्री को कोविड इंफेक्शन कहाँ से मिला इसलिए सिर्फ अटकलों पर कोई धारणा बना लेना सही नहीं होगा। हाँ, इतना तय है कि बिना इजाजत (दोनों बोर्ड से) इस बुक लॉन्च में टीम इंडिया और सपोर्ट स्टाफ का शामिल होना गलत था।

एक ऐसे समय में जबकि राहुल द्रविड़ और एमएस धोनी के नाम उनकी गर्दन में फंदा कस रहे हैं- रवि शास्त्री अपनी किताब की कमर्शियल कामयाबी के आगे सब कुछ भूल गए। ये गलती उनके लिए भारी पड़ेगी। इससे भी ज्यादा खराब बात ये कि बुक लॉन्च के बारे में सही फैक्ट बताए ही नहीं गए। देखिए :

  • बुक लॉन्च से चार दिन बाद रवि शास्त्री कोविड-19 पॉजिटिव हुए।
  • बुक लॉन्च में सभी भारतीय खिलाड़ियों के साथ- साथ 150 की पब्लिक भी मौजूद थी और लॉन्च समारोह की फोटो बताती हैं कि सोशल डिस्टेंसिंग जैसी कोई सावधानी नहीं थी वहां।
  • ऐसा नहीं है कि सीरीज के दौरान दोनों में से किसी भी टीम के खिलाड़ी बिना किसी रोक टोक पब्लिक में और कहीं देखे नहीं गए पर ये भी सच है कि इस सीरीज के दौरान पिछली इंग्लिश समर जैसी सख्ती और सख्त बायो सिक्योर प्रोटोकॉल जैसा कुछ नहीं था। खिलाड़ियों और स्टाफ को बाहर के रेस्तरां में जाने की इजाजत थी- इस सलाह के साथ कि बाहर बैठो। खिलाड़ी अपनी फैमिली के साथ घूम रहे थे, शॉपिंग कर रहे थे – इधर उधर जा रहे थे। जब इतनी ढील हो तो प्रोटोकॉल कहीं रहेगा- ढेरों फोटो हैं ‘सेल्फी’ की, रेस्तरां में जहां चाहा- बैठे, मास्क गायब, थके और जोखिम लिया। तो अकेले बुक लॉन्च को दोष क्यों दें?
  • यहां तक कि जब मेनचेस्टर में ये विवाद शुरू हो चुका था, तब भी टीम इंडिया के दो क्रिकेटरों को सेलफ्रिज स्टोर में देखा गया।
  • ओवल में चौथे टेस्ट के दौरान क्या हुआ? भारत ने विवाद का पिटारा खुलने से पहले ही कह दिया था कि सपोर्ट स्टाफ को दी जा रही सुविधा सही नहीं- इसी टेस्ट के दौरान या उसके तुरंत बाद उनमें से चार कोविड पॉजिटिव हुए। वहां खिलाड़ियों के लिए ड्रेसिंग रूम तक पहुंचने के लिए अपनी अलग लिफ्ट और सीढ़ियां थीं पर सपोर्ट स्टाफ वही लिफ्ट/ सीढ़ियां प्रयोग कर रहा था जो और भी कई प्रयोग कर रहे थे।

अब सवाल ये है कि 2021 की इंग्लिश समर वाला सख्त बायोसिक्योर प्रोटोकॉल इस बार क्यों नहीं था? असल में हालत बिलकुल बदल चुके हैं- आम पब्लिक को ढेरों रियायतें दे दीं, मास्क पहनना तक जरूरी नहीं रखा तो खिलाड़ियों पर अपने आप सख्ती का दायरा हट गया। उस पर खिलाड़ियों औरअन्य स्टाफ की डबल वेक्सीनेशन ने माहौल बना दिया- अब कुछ नहीं हो सकता। भारत में सख्त लॉक डाउन से इंग्लैंड गए खिलाड़ी एक दम इस ढील का लुत्फ़ उठाने में लग गए।ईसीबी ने क्या किया- सीरीज के बीच में जोस बटलर, डेविड मालन और मोइन अली बाहर से टीम में आए- उनके लिए आइसोलेशन वाली सख्ती क्यों नहीं थी? सिर्फ टेस्ट हुआ और सब ठीक !

इसलिए सिर्फ रवि शास्त्री की नई किताब, स्टारगेजिंग, द प्लेयर्स इन माई लाइफ के लॉन्च को ही अकेले दोष क्यों दें? गलत ये हुआ कि इस लॉन्च की सचाई छिपाई गई- ये महज लॉन्च नहीं और बहुत कुछ था। देखिए :

  • प्रोग्राम के प्रेजेंटर एलन विल्किंस थे।
  • डेविड गॉवर, मार्क निकोलस और कुमार संगकारा भी मौजूद थे।
  • ये सिर्फ बुक लॉन्च नहीं, भारत की होटल चेन, ताज होटल्स के पहले यूरोपीय प्रोजेक्ट की जगह को जग जाहिर करने का प्रोग्राम भी था- ताज 51, बकिंघम गेट्स ने इस प्रोग्राम को खूब पब्लिसिटी दी थी और उनके 150 मेहमानों ने न सिर्फ “कॉकटेल इवनिंग’ का लुत्फ़ उठाया, रवि शास्त्री के साथ बातचीत भी की।इस तरह ये एक कमर्शियल इवेंट था।

ये सही है कि ईसीबी के कोविड विभाग से लॉन्च प्रोग्राम की मंजूरी नहीं ली- वे संभवतः इंग्लैंड की टीम को ऐसे प्रोग्राम की इजाजत नहीं देते। इसी तरह शास्त्री और विराट कोहली की टीम का शामिल होना गलत था। प्रोटोकॉल में रियायत का मतलब ये नहीं कि कमर्शियल इवेंट में शामिल हो जाओ।
रवि शास्त्री को इसका जवाब देना होगा।

जो कुछ हुआ उसने इंग्लैंड की क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया से एशेज टूर में रियायत मांगने की कोशिश को पटरी से उतार दिया है- ये भी इंग्लैंड के लिए झटका है।
सबसे ज्यादा नुकसान क्रिकेट और इस चाहने वालों का हुआ।

  • चरनपाल सिंह सोबती

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