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2008 में आईपीएल शुरू हुई और तब तक किसी ने भी वनडे इंटरनेशनल में 200 का स्कोर नहीं बनाया था। आईपीएल के पहले ही मैच में ब्रेंडन मैकुलम ने 73 गेंदों में 158* रन बनाकर बता दिया कि लिमिटेड ओवर क्रिकेट में रन बनाने का एक नया युग ज्यादा दूर नहीं। वही हुआ- गुंडप्पा विश्वनाथ और सुनील गावस्कर सरीखे बल्लेबाजों की जमीन से, उन्हीं की तरह के बल्लेबाज, सचिन तेंदुलकर ने 2010 में पहला 200 का स्कोर बना दिया। उससे पहले वे 430 पारी खेल चुके थे- बात साफ़ है कि ये स्कोर बनाना कोई आसान नहीं था। यहां तक कि जब इंग्लैंड में वनडे में 60 ओवर खेलते थे- तब भी ये रिकॉर्ड नहीं बना। 200 के पीछे सोच में टी20 ने जो काम किया- उसे नजरअंदाज नहीं कर सकते।

उसके बाद तो 200 बनाने का सिलसिला ऐसा शुरू हुआ कि 9 और स्कोर बन चुके हैं 200 के। इनमें से आख़िरी 2 तो एक महीने के अंतर पर 2 युवा भारतीय बल्लेबाजों- शुभमन गिल और ईशान किशन ने बनाए। बात धीरे-धीरे दिग्गजों के हाथ से निकल कर युवा खिलाड़ियों तक आ पहुंची है- ईशान किशन ने 9, फ़ख़र ज़मान ने 17 और शुभमन गिल ने 19 वीं पारी खेलते हुए 200 बना दिए। सचिन तेंदुलकर के ऐसा करने तक वनडे में जो 200 का स्कोर असंभव लग रहा था- अब नहीं है। नई प्लेइंग कंडीशंस, फील्ड प्लेसिंग और वाइट बॉल की हालत- सब ने इसमें मदद की।

वनडे में दोहरा शतक- इस के लिए लगभग 37 की उम्र तक सचिन तेंदुलकर ने इंतजार किया। उनसे भी पहले के ग्लेन टर्नर, कपिल देव और सईद अनवर जैसे कई बड़े बल्लेबाज ये स्कोर न बना पाए थे पर ग्वालियर में सचिन तेंदुलकर के 200 के बाद से, 7 और खिलाड़ियों ने 200 रन की मंजिल को पार किया है- इनमें से 4 भारतीय और कुल वनडे के 10 दोहरे शतक में से 7 भारतीय क्रिकेटरों के नाम।

टॉप पर रोहित शर्मा (3) और उनके अतिरिक्त बाकी सभी के एक-एक तथा गैर भारतीय क्रिस गेल, मार्टिन गुप्टिल और फखर। ज्यादातर 200 उपमहाद्वीप की परिस्थितियों में बनाए गए हैं। शुभमन गिल और इशान किशन ने हाल ही में 1 महीने के अंतराल में दोहरे शतक बनाए।

हैदराबाद की जो जमीन मोहम्मद अजहरुद्दीन, वीवीएस लक्ष्मण और मिताली राज जैसों की स्टाइलिश बल्लेबाजी के लिए मशहूर है- वहां शुभमन गिल, वनडे में 200 बनाने वाले सबसे कम उम्र के क्रिकेटर बने (23 साल 132 दिन) और ईशान किशन (24 साल 145 दिन) का रिकॉर्ड तोड़ा। किशन का रिकॉर्ड सिर्फ 38 दिनों तक चला। ध्यान दीजिए- शुभमन गिल, सूर्यकुमार यादव, ईशान किशन और ऋषभ पंत जैसे मौजूदा दौर के बल्लेबाज, जिस दिन रंग में हों, विपक्षी गेंदबाजी की धज्जियां उड़ाने की क्षमता रखते हैं।

7 दोहरे शतक उपमहाद्वीप की फ्लैट पिचों पर बने- ये बात ग्वालियर से हैदराबाद तक सच है। ऐसा नहीं कि भारतीय बल्लेबाज विदेशों में बड़े स्कोर नहीं बना पाए- टांटन में सौरव गांगुली के 183, टनब्रिज वेल्स में कपिल देव के 175* और पर्थ में रोहित शर्मा के 171* में से भी, कोई भी 200 में बदल सकता था। एकदम शुभमन गिल का नाम टॉप पर है। उनकी टेलेंट की चर्चा तो थी पर इस एक स्कोर ने उन्हें वह मशहूरी दिला दी जो उनके पिछले कई स्कोर न कर पाए। क्या भारतीय लाइन-अप में वे वही भूमिका निभाएंगे जो विराट कोहली ने 2010 के दशक में निभाई? 149 गेंदों में 208 जिसमें 9 छक्के और आखिर 6 तो 11 गेंदों में। गिल रन बनाते गए और नए -नए रिकॉर्ड बनते गए।  कुछ ख़ास जो उनका प्रभुत्व दर्शाते हैं :

  • भारत का स्कोर 349-8 : वनडे में ऐसा सबसे कम स्कोर जिसमें दोहरा शतक भी लगा (पिछला रिकॉर्ड : 2015 वर्ल्ड कप, जिम्बाब्वे के विरुद्ध वेस्टइंडीज के 372-2 और इसमें क्रिस गेल के 215)।
  • रिकॉर्ड जो दूसरी बार बना- जिस वनडे पारी में दोहरा शतक उसमें दूसरा कोई बल्लेबाज 50 तक भी नहीं पहुंचा (इससे पहले : मार्टिन गुप्टिल, 2015 में वेस्टइंडीज के विरुद्ध 237* और उनके बाद रॉस टेलर के 42)।
  • हैदराबाद ओडीआई में भारत के टॉप दो स्कोरर- गिल 208 और रोहित शर्मा 34- इन स्कोर के बीच 174 रन का अंतर जो एक ओडीआई पारी में टॉप दो स्कोर के बीच तीसरा सबसे बड़ा है (टॉप : 198, जब रोहित ने 2014 में श्रीलंका के विरुद्ध 264 बनाए तो उनके बाद विराट कोहली के 66)।
  • शुभमन गिल ने 182 से 200 तक पहुंचने के लिए 6,6,6 हिट किए।
  • वनडे में 200 बनाने के लिए ली गई पारी : 9 ईशान किशन, 17 फखर जमान, 19 शुभमन गिल, 103 रोहित शर्मा ,103 मार्टिन गप्टिल, 234 वीरेंद्र सहवाग, 261 क्रिस गेल, और 431 सचिन तेंदुलकर। 

हैदराबाद के प्रशंसकों को उनकी मेहनत  का इनाम मिला और एक बेहतरीन पारी देखने को मिली- स्टेडियम शहर से दूर, उस दिन ट्रैफ़िक डायवर्जन (हैदराबाद के आख़िरी निज़ाम का फ्यूनरल) की वजह से तो पहुंचना और भी मुश्किल हो गया था। वे कोहली/सूर्यकुमार स्पेशल देखने आए थे- जो देखने को मिला शायद उससे भी बेहतर था।

  • चरनपाल सिंह सोबती

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