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स्कूल और बचपन के दिन जरूर याद होंगे जब गली-मोहल्ले में आस-पास के घर के शीशों को तोड़ने के डर में या कभी-कभी उससे भी कम जगह में, अजीब-अजीब बॉउंड्री/स्कोरिंग लॉ बना कर खेले। क्या आप सोच सकते हैं कि आज भी दुनिया की एक सबसे बड़ी टी20 लीग में से एक में, ऐसे ही एक अजीब लॉ के साथ क्रिकेट खेल रहे हैं। और भी मजेदार बात ये कि ये लॉ सालों पहले बना और चूंकि इस्तेमाल में नहीं आया इसलिए सब भूल गए थे। अब एक तमाशा हुआ है और क्रिकेट की दुनिया हैरान है उस लॉ को जान कर। क्या है ये?

आम तौर पर क्रिकेट में- बल्लेबाज के शॉट से गेंद बाउंड्री की तरफ जाती है बिना रुकावट। इस लॉ में- रुकावट आ गई बॉउंड्री की तरफ जा रही गेंद के रास्ते में। लॉ आसान भाषा में- शॉट से गेंद, स्टेडियम की छत से टकराए तो सीधे 6 रन, ये सोचे बिना कि गेंद छत से न टकराती तो क्या बॉउंड्री के बाहर जाती? ये लीग है- ऑस्ट्रेलिया में बिग बैश। अब सीधे चलते हैं इस सीजन में इसी लीग पर – 

14 जनवरी, 2023 का दिन एतिहाद स्टेडियम (नया नाम : मार्वल स्टेडियम)- मेलबर्न रेनेगेड्स के विरुद्ध मेलबर्न स्टार्स  को जीत के लिए 163 रन बनाने थे। तीसरे ओवर में, उन के ओपनर बल्लेबाज जो क्लार्क के एक स्किड शॉट से गेंद ऊपर गई- इतनी ऊंची कि स्टेडियम की छत पर जा लगी। नीचे गिरी तो भी  30 गज के सर्किल के अंदर थी। ये क्या- अंपायर ने 6 का इशारा कर दिया।

अभी इस 6 की चर्चा चल ही रही थी कि 15वें ओवर में, ब्यू वेबस्टर का एक शॉट- इसमें भी गेंद स्टेडियम की छत से जा टकराई, वापस पिच के करीब गिरी और फिर से 6 का इशारा।  स्टेडियम में या स्क्रीन पर जो मैच देख रहे थे, उनमें से ये मानने वाले ज्यादा थे कि अंपायर गलत हैं और जिन शॉट पर कैच लपकना चाहिए था उन्हें 6 घोषित कर दिया। किसी को भी नहीं मालूम था कि अंपायर गलत नहीं थे और छत पर गेंद लगे तो 6 का ये लॉ तो 2012 से चला आ रहा है। तो हुआ न अजीब क्रिकेट लॉ जिससे हर कोई नाराज़ है। बीबीएल के लॉज़ के ‘स्टेडियम रूफ’ चेप्टर में 19.7.1 पर लिखा है- ‘अगर गेंद बैट से छू कर, स्टेडियम की छत के किसी भी हिस्से से टकराती है, तो उसके वापस लौटने पर 6 का इशारा होगा।’

चूंकि सिर्फ ऑस्ट्रेलिया में ऐसे स्टेडियम में क्रिकेट खेल रहे हैं, जहां ग्राउंड पर छत है- इसलिए रूफ हिट्स के बारे में, पिछले कुछ सालों में जो भी चर्चा हुई, उस पर ऑस्ट्रेलिया से बाहर, किसी ने भी ज्यादा ध्यान नहीं दिया। क्या किसी को याद है कि ऑस्ट्रेलिया के माइक हसी ने 2005 में सुपर सीरीज के दौरान आईसीसी इलेवन के विरुद्ध खेलते हुए एक ऐसा शॉट लगाया था जिससे गेंद छत से टकराई थी- तब उस गेंद को ‘डेड’ घोषित किया था अंपायर ने। 2011 में जब बीबीएल शुरू हुई तब भी यही नियम था। तो इसे बदला क्यों?

आज चर्चा ये हो रही है कि बिना देरी इस 6 वाले लॉ को बदलो- 6 की बजाय डेड बॉल का इशारा हो। कप्तान एडम ज़म्पा, जिनकी टीम को वास्तव में मौजूदा लॉ से फायदा हुआ- वे भी इस लॉ को बदलने के हिमायती हैं। सबसे ज्यादा ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेटर मार्क वॉ  बोले और साफ कहा कि ये लॉ गलत है क्योंकि एक तरफ तो गेंदबाज के पास विकेट हासिल करने का मौका होने के बावजूद उसे विकेट नहीं दे रहे और उस पर मुफ्त में 6 रन मिल रहे हैं। इस तरह के मैच में 12 रन एक बड़ा अंतर है।

रेनेगेड्स के कप्तान आरोन फिंच भी उनमें से हैं जिन लोगों ने लॉ की आलोचना की और बोले- ‘आज रात ये दो आसान कैच होते। दोनों में गेंद सीधे ऊपर गई और छत न होती तो आउट हो सकते थे।’ ये बात, माइक अप के दौरान, फिंच ने कमेंट्री टीम को कही थी। मैच के ब्रॉडकास्टर फॉक्स स्पोर्ट्स के मार्क हावर्ड, ने ये बताने में देरी नहीं की कि ते सब फिंच का ही तो किया-धरा है- फिंच की वजह से ही तो ये मुश्किल पैदा हुई। ये सब क्या है?
असल में ये बीबीएल सीजन 2 का किस्सा है। फिंच की वजह से इस लॉ में बदलाव किया गया था। इसी स्टेडियम में, खेलते हुए, फिंच ने एक शॉट लगाया जिससे गेंद ऊंची तो गई पर दूर भी जा रही थी- 6 वाला शॉट था ये पर गेंद छत के एक हिस्से से जा टकराई और 6 नहीं मिला फिंच को। इसे डेड बॉल कहा गया और बड़ा शोर हुआ। इस के बाद लॉ बदला और शॉट से गेंद लगने पर 6 का लॉ बना जो आज तक चला आ रहा है।  

ये 12 रन मिलने के बावजूद स्टार्स मैच हार गए तो शोर थोड़ा कम हो गया- अगर जीत गए होते तो ये और विवादास्पद साबित हो सकता था। ये तो सब मान रहे हैं कि इस तरह से 6 मिलना गलत है पर करें क्या? इस तरह के स्टेडियम में क्रिकेट ही क्यों खेलें? इस स्टेडियम से हाल-फिलहाल क्रिकेट हटाने का कोई इरादा नहीं है। ऐसे में मार्क वॉ का एक सुझाव और है- अपने आप सीधे 6 देने के बजाय फैसला अंपायर पर छोड़ दें- अगर ऐसा लगता है कि शॉट ऐसा नहीं है कि 6 बनता तो इसे छक्का नहीं देना चाहिए। ये सुझाव खुद किसी विवाद से कम नहीं।  इससे तो कहीं बेहतर है डेड बॉल।

इस समय मार्वल स्टेडियम, बीबीएल में छत के साथ उपयोग में आने वाला एकमात्र स्टेडियम है। इस स्टेडियम में क्रिकेट को लेकर ये पहला तमाशा नहीं पर सब चल रहा है।  

  • चरनपाल सिंह सोबती

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