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ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर एंड्रयू साइमंड्स का एक कार एक्सीडेंट में निधन होने पर क्रिकेट दुनिया में उन्हें अलग-अलग तरह से याद किया गया। कहीं उनकी बल्लेबाजी (जिसमें ख़ास तौर पर लिमिटेड ओवर क्रिकेट), कहीं फील्डिंग तो कहीं उनके विवाद (जिसमें ख़ास तौर पर ‘मंकी गेट’)।
जिस एक ख़ास भूमिका की चर्चा जरूरी है वह है पॉवर हिटिंग- जिसकी शुरुआत एंड्रयू साइमंड्स ने टी 20 क्रिकेट के पेशेवर बनने से भी 8 साल पहले की थी। साइमंड्स अपने समय से आगे थे। जिस तरह यह कहा जाता है की जब गैरी सोबर्स अपने प्राइम पर थे, अगर तब वन डे इंटरनेशनल होते तो वे न जाने क्या कर गए होते- उसी तरह से एंड्रयू साइमंड्स को अपने प्राइम में ज्यादा टी 20 क्रिकेट खेलने का मौका नहीं मिला। वे भी न जाने क्या कर गए होते? 
उनके करियर के लगभग आखिर तक आईपीएल  शुरू नहीं हुई थी। तब भी 2008 यानि कि पहले सीजन में नीलामी में 1.3 मिलियन डॉलर की रिकॉर्ड कीमत पर बिके- टीम ने उन्हें एक पावर-हिटर, गेंदबाज (मीडियम पेस और ऑफ स्पिन दोनों) और ‘गन-फील्डर’ के तौर पर देखा- तभी तो इतनी बड़ी कीमत पर बिके। उनका पॉवर हिटिंग का अंदाज देखने वाला था।  
जब 1995 में साइमंड्स को इंग्लैंड में ग्लॉस्टरशायर ने कॉन्ट्रैक्ट दिया था तो वे सिर्फ 19 साल के थे और तब भी हालत ये थी कि वे बैटिंग करते तो दर्शक स्टैंड में फैल जाते थे- कहीं एंड्रयू साइमंड्स के छक्के से जान न चली जाए। सिर्फ 20 साल की उम्र में 1995 में एबर्गवेनी में ग्लैमरगन के विरुद्ध ग्लॉस्टरशायर के लिए बल्लेबाजी करते हुए एक चैंपियनशिप पारी में सबसे ज्यादा छक्के का रिकॉर्ड बनाया- 254 के पहली पारी के स्कोर में 16 छक्के और दूसरी पारी में 4 और छक्के लगाकर 20 छक्के के साथ एक और रिकॉर्ड बनाया। इस साल ही ये रिकॉर्ड टूटा- बेन स्टोक्स ने चैंपियनशिप पारी में नया रिकॉर्ड बनाया।
शरीर से मजबूत और पुष्ट- तभी तो लगभग हर गेंद पर छक्का मार सकते थे। तब भी टेस्ट बल्लेबाज के तौर पर कम नहीं थे। अपने 26 टेस्ट में 40 की औसत से रन बनाए- काश कुछ और टेस्ट खेल लेते। बहरहाल व्हाइट-बॉल क्रिकेट में वे टॉप थे :
– वन डे इंटरनेशनल मैचों में 92.44 का स्ट्राइक रेट यानि कि हर 100 गेंद में 92+ रन।  – इस तेजी से 5000 से ज्यादा रन(5088) बनाए- आज जैसी कोचिंग और नई-नई मदद देने वाली प्लेइंग कंडीशन न मिलने के बावजूद। तब भी आज ऑलराउंडर बेन स्टोक्स का स्ट्राइक-रेट 95 ही है। – 2003 और 2007 की वर्ल्ड कप विजेता टीम में थे। – मीडियम पेस और ऑफ स्पिन से 133 वन डे विकेट लिए।
टी 20 में तो वे आज कमाल कर गए होते- तब भी  टी 20 इंटरनेशनल मैचों में उनका औसत 48+ था और इससे बेहतर औसत वाले खिलाड़ी, भारत के विराट कोहली और पाकिस्तान के मोहम्मद रिजवान को गिनते हैं और ये दोनों विशेषज्ञ बल्लेबाज हैं।
प्रभाव गजब का था। 6 फुट 2 इंच लंबे, स्पोर्टिंग शोल्डर-लेंथ ड्रेडलॉक और सन ब्लॉक जिसे वारपेंट की तरह लगाया- सामने वाले डर जाते थे। शानदार, एथलेटिक फील्डर जिसने उपयोगी ऑफ-स्पिन और मीडियम पेस गेंदबाजी भी की- किसी भी कप्तान को और क्या चाहिए होगा? टेस्ट, 50 ओवर और टी 20 इंटरनेशनल में अपने देश के मास्टर क्रिकेटर नहीं पर साइमंड्स ने एक टॉप ऑलराउंडर की कसौटी को पूरा किया- उनकी बल्लेबाजी औसत से कम है गेंदबाजी औसत।
पहली आईपीएल नीलामी में एमएस धोनी सबसे महंगे खिलाड़ी थे जब चेन्नई सुपर किंग्स ने उन्हें 6 करोड़ रुपये में खरीदा था। दूसरा सबसे महंगा कौन था? यह साइमंड्स थे। ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर को डेक्कन चार्जर्स ने 5.4 करोड़ रुपये का भारी चेक दिया था। उनकी ऑस्ट्रेलियाई टीम के साथी गिलक्रिस्ट को भी डेक्कन चार्जर्स ने ही खरीदा था लेकिन साइमंड्स कीमत में काफी आगे थे- गिलक्रिस्ट को फ्रेंचाइजी ने 2.8 करोड़ रुपये में खरीदा था।
पॉवर हिटिंग की शुरुआत में उनका जिक्र हमेशा ख़ास रहेगा। 
– चरनपाल सिंह सोबती  

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