fbpx

इंतजार ख़त्म हुआ और 25 जनवरी 2023 को, महिला आईपीएल को न सिर्फ इसका ऑफिशियल नाम मिल गया- ये भी तय हो गया कि टीम कौन-कौन बनाएगा? हालांकि दो अलग-अलग दौर की इवेंट की आपसी तुलना गलत है, तब भी माना ये जा रहा है कि डब्ल्यूपीएल ने टीम बिक्री में, 2008 के आईपीएल रिकॉर्ड को तोड़ दिया (आईपीएल में 8 फ्रेंचाइजी- टीम बिकी थीं कुल 723.59 मिलियन अमरीकी डालर में)- महिला क्रिकेट में एक क्रांति की शुरुआत का प्रतीक जो न सिर्फ महिला क्रिकेट, पूरी खेल बिरादरी के लिए गर्व की बात है। मीडिया अधिकार वायकॉम18 को 951 करोड़ रुपये में बेचे और अब टीम की बिक्री का रिकॉर्ड। दावा है- इन दोनों को मिलाकर डब्ल्यूपीएल, अब आईपीएल के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिकेट लीग है और WNBA और ब्रिटेन में महिला सुपर लीग के बाद दुनिया की सबसे अमीर महिला लीग। अगर ऐसा है तो बीसीसीआई ने शुरुआत में इतनी देर क्यों की? डब्ल्यूपीएल के ये फैक्ट नोट कीजिए :

  • 5 टीम की बिक्री से मिले 4669.99 करोड़ रुपये- जिसमें अडानी स्पोर्ट्सलाइन ने सबसे महंगी टीम बनाई
  • अहमदाबाद टीम- कीमत 1289 करोड़ रुपये। इस तरह जो अडानी ग्रुप 2021 में लखनऊ और अहमदाबाद फ्रेंचाइजी की बिक्री के समय, आईपीएल टीम खरीदने में नाकामयाब रहा था- अब डब्ल्यूपीएल में टीम हासिल कर, भारतीय क्रिकेट में ऑफिशियल तौर पर शामिल हो गए। ये बात अलग है कि जिस समय ये खबर आई- अडानी ग्रुप अपने शेयर की कीमत में भारी गिरावट और नेगेटिव ख़बरों को झेल रहा था।
  • आईपीएल टीम मुंबई इंडियंस, रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर और दिल्ली कैपिटल्स की डब्ल्यूपीएल में भी टीम होगी- क्रमश: 912.99 करोड़ रुपये, 901 करोड़ रुपये और 810 करोड़ रुपये में अधिकार खरीदे।
  • दूसरी नई एंट्री कैप्री ग्लोबल होल्डिंग्स की- लखनऊ फ्रेंचाइजी के लिए 757 करोड़ रुपये खर्च किए।
  • इस तरह टीम मालिक की लिस्ट :अडानी स्पोर्ट्सलाइन प्रा. लिमिटेड – 1289 करोड़ रुपये, अहमदाबाद टीम 
    इंडियाविन स्पोर्ट्स प्रा. लिमिटेड (MI) – 912.99 करोड़ रुपये, मुंबई टीम 
    रॉयल चैलेंजर्स स्पोर्ट्स प्रा. लिमिटेड (RCB) – 901 करोड़ रुपये, बैंगलोर टीम 
    जेएसडब्ल्यू जीएमआर क्रिकेट प्रा लिमिटेड (DC) – 810 करोड़ रुपये, दिल्ली टीम 
    कैप्री ग्लोबल होल्डिंग्स प्रा. लिमिटेड- 757 करोड़ रुपये, लखनऊ टीम 

बीसीसीआई सचिव जय शाह ने इसे क्रिकेट में एक ऐतिहासिक दिन बताया तो गलत नहीं है। जिसे महिला आईपीएल कह रहे थे- उसे डब्ल्यूपीएल (वूमन प्रीमियर लीग) का नया नाम भी मिल गया। और फैक्ट नोट कीजिए :

  • टीम की कीमत की पेमेंट 10 साल में देनी है- हर साल बराबर किश्त।
  • टीम की बोली के लिए 17 एंट्री को टेक्निकल मंजूरी मिली थी- इनमें से 7 मौजूदा आईपीएल फ्रैंचाइजी थे। आईपीएल लिस्ट में से पंजाब किंग्स, कोलकाता नाइट राइडर्स, राजस्थान रॉयल्स और सनराइजर्स हैदराबाद को टीम नहीं मिली।
  • टीम की बिक्री के लिए कोई बेस कीमत तय नहीं की थी
  • पहले सीजन में कुल 22 मैच- लीग राउंड की टॉप टीम सीधे फाइनल के लिए क्वालीफाई करेंगी। नंबर 2 और 3 टीम आपस में मैच खेलेंगी- फाइनल की दूसरी टीम तय करने के लिए। इसे सेमीफाइनल भी कह सकते हैं।
  • 5 विजेताओं के अलावा, बोली लगाने वालों में अन्य नाम : 369 स्लिंगशॉट स्पोर्ट्स वेंचर लिमिटेड, अमृत लीला एंटरप्राइज प्राइवेट लिमिटेड, एपीएल स्पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, केपीएल ड्रीम क्रिकेट प्राइवेट लिमिटेड, नाइट राइडर्स स्पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, ओम इंडस्ट्रीज लिमिटेड (हल्दीराम), रॉयल मल्टीस्पोर्ट प्राइवेट लिमिटेड, श्रीराम वैल्यू सर्विस लिमिटेड, सन टीवी नेटवर्क लिमिटेड, टोरेंट इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड और यदु इंटरनेशनल लिमिटेड।
  • 10 शहर लिस्ट में थे टीम बनाने के लिए- कुल 84 बोलियां लगीं।* अडानी स्पोर्ट्सलाइन ने सबसे ज्यादा 5 शहरों (अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, गुवाहाटी और कोलकाता) के लिए सबसे ऊंची बोली लगाई- बराबर 1289 करोड़ रुपये की यानि कि वे इनमें से किसी भी शहर की टीम बना सकते थे- अहमदाबाद को चुना। * सबसे ज्यादा बोली बेंगलुरु और चेन्नई की टीम बनाने के लिए थीं : 12 बोली। नंबर 3 पर कोई मेट्रो शहर नहीं- इंदौर था (11)।
  • इसके बाद कोलकाता (9) और मुंबई (4) रहे।
  • 2008 में, सबसे सस्ती टीम बनी थी राजस्थान रॉयल्स (आईपीएल में जयपुर फ्रेंचाइजी) 67 मिलियन डॉलर में ।15 साल बाद भी, इस टीम के मालिकों ने सबसे कम बोली का रिकॉर्ड बनाया- मौजूदा मालिक, रॉयल मल्टीस्पोर्ट प्राइवेट लिमिटेड ने 3 बोलियां लगाईं: 176 करोड़ रुपये (इंदौर), 178 करोड़ रुपये (धर्मशाला) और 180 करोड़ रुपये (गुवाहाटी)।
  • सबसे कम बोली (इंदौर के लिए रॉयल्स की 176 करोड़ रुपये) और सबसे बड़ी बोली (5 शहरों के लिए अडानी स्पोर्ट्सलाइन की 1289 करोड़ रुपये) के बीच का अंतर- 1113 करोड़ रुपये।
  • दो मौजूदा आईपीएल फ्रेंचाइजी- चेन्नई सुपर किंग्स और गुजरात टाइटन्स ने तो डब्ल्यूपीएल टीम बनाने के लिए टेक्निकल एंट्री तक नहीं दी।

शुरू से सभी ने ये मान लिया है कि इन कीमत पर टीम खरीदना घाटे का सौदा रहा- अब कितनी देर में कोई टीम मुनाफ़ा दर्ज करेगी कोई नहीं जानता। इसलिए डब्ल्यूपीएल को मुनाफे में बदलने के लिए बीसीसीआई के साथ, इन सभी को भी इसे प्रमोट करना होगा और ये सभी का मिला-जुला प्रोजेक्ट होगा। आगे इन सभी आंकड़ों का और विश्लेषण करेंगे।

चरनपाल सिंह सोबती

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *