अगर कल को ये खबर आए कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड इस बात के लिए बीसीसीआई से नाराज है कि उनके ऑफिस से लीक एक खबर ने पर्थ टेस्ट से सारी चर्चा छीन ली तो कोई हैरानी नहीं होगी। जो पर्थ में मौजूद थे वे भी चर्चा ये कर रहे थे कि ऐसे तो बीसीसीआई पूरी दुनिया में क्रिकेट का लगभग पूरा कंट्रोल ही अपने हाथ में ले लेगा- इस खबर पर भूचाल तो आना ही था।
खबर ये है कि बीसीसीआई में एक और ‘आईपीएल’ या यूं कहें कि आईपीएल का एक्सटेंशन बहुत जल्दी शुरू करने के प्रोजेक्ट पर काम हो रहा है। इसे अगले साल सितंबर-अक्टूबर में खेलेंगे और बहुत संभव है इसे टी10 या इंग्लैंड के द हंड्रेड जैसे किसी और फॉर्मेट में खेलें।सितंबर-अक्टूबर के दिन यानि कि भारत में त्योहार या छुट्टियों के दिन और उन दिनों के लिए तो वैसे भी स्पांसर अपने खर्चे का बजट बढ़ा देते हैं।
इस प्रोजेक्ट पर संभावित स्पांसर और आईपीएल टीम मालिकों से बात शुरू हो चुकी है। सब जानते हैं कि 2008 में आईपीएल की शुरुआत ने टी20 फॉर्मेट की लोकप्रियता बढ़ाने में क्या योगदान दिया? नतीजा ये है कि दूसरे देश एक और आईपीएल या उस जैसी लीग शुरू करने की बात करते हैं- ऐसा मील का पत्थर है आईपीएल।
अगर वास्तव में ये नई लीग भारत में फ्रेंचाइजी क्रिकेट की लिस्ट में आ गई तो साफ़ है कि क्रिकेट कैलेंडर में और दिन गए, बीसीसीआई की फाईनेंशियल पावर और बढ़ जाएगी तो ये अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं कि क्रिकेट पर कंट्रोल किसका होगा?
नई लीग का सीधे टकराव कैरेबियन प्रीमियर लीग से होगा जिसे इस साल अगस्त-सितंबर में खेले। आईसीसी के ग्लोबल टूर्नामेंट भी मुश्किल में पड़ेंगे क्योंकि इस साल 50 ओवर वर्ल्ड कप भी अक्टूबर-नवंबर में ही खेले थे। खुद ऑस्ट्रेलिया का अगला भारत टूर टलेगा और जनवरी-फरवरी 2027 में इसे खेलने का मतलब होगा भारत/ऑस्ट्रेलिया का घरेलू सीज़न और भी लंबा। दो टीम के बीच की सीरीज तो पहले ही 3 से 2 टेस्ट पर आती जा रही हैं- उसके लिए भी दिन नहीं निकलेंगे। ये भी कह सकते हैं कि कई क्रिकेट टीम शायद इस झटके को आसानी से झेल भी न पाएं। पाकिस्तान इस लिस्ट में पहला नाम है- सबसे ज्यादा पैसा लाने वाली भारत के विरुद्ध सीरीज का उन्हें मौका मिलता नहीं और उस पर उनके क्रिकेटर आईपीएल से कमाई का जो मौका खो रहे हैं- वह अलग है।
आईपीएल इस समय क्रिकेट पर किस तरह असर डाल रही है वह तो पर्थ टेस्ट में भी देख लिया- पैट कमिंस (केकेआर), डेविड वार्नर और मिशेल मार्श (डीसी) और जोश हेज़लवुड (आरसीबी) के साथ ट्रैविस हेड और मिशेल स्टार्क का नाम भी जोड़ लीजिए। सिर्फ ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में इस झटके को झेल पाने की हिम्मत है जबकि दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट में तो वैसे ही ‘भारतीय रंग’ है- उनके नए टी20 टूर्नामेंट पर क्रिकेट साउथ अफ्रीका, ब्रॉडकास्टर सुपरस्पोर्ट और एक भारतीय बिजनेस ग्रुप का कंट्रोल है, जबकि सभी क्लब फ्रेंचाइजी आईपीएल से हैं। क्रिकेट क्या रह जाएगी ये इस साल प्रोटियाज़ ने बता ही दिया है- नंबर 2 टीम चुनी न्यूजीलैंड टूर के लिए क्योंकि टूर का सीधे टी20 लीग से टकराव है।
सऊदी अरब की टूरिज्म क्रिकेट को बढ़ावा देने की कोशिश कैसे भूल जाएं- वे पहले ही भारतीय क्रिकेट के साथ पार्टनरशिप में रुचि दिखा चुके हैं और पैसा लगाने को भी तैयार हैं। अपने टी 20 टूर्नामेंट या आईपीएल के एक हिस्से की मेजबानी- वे तैयार हैं। जिस एकमात्र देश पर आईपीएल ने असर नहीं डाला वह ऑस्ट्रेलिया है- वहां अभी भी लोग टीवी पर आईपीएल नहीं देखते पर टेस्ट देखते हैं, एशेज जैसे मुकाबलों का मजा लेते हैं।
वैसे ये सोच ऐसा नहीं कि बीसीसीआई के लिए आसान है। कहीं ऐसा न हो कि ‘ज्यादा’ की चाह में वे सोने का अंडा देने वाली मुर्गी आईपीएल को ही खत्म कर दें? क्या टी10 लीग शुरू करें या आजमाए हुए टी20 फार्मूले पर ही टिके रहें, क्या इस नई लीग में खिलाड़ियों की उम्र की सीमा तय करें जिससे कि नई टेलेंट इसमें खेले और आईपीएल पर असर न पड़े, क्या मौजूदा आईपीएल फ्रेंचाइजी को ही टीम बनाने का पहला मौका दें?
सबसे बड़ा ख़तरा है कि कहीं ऐसा न हो जाए कि नई लीग, आईपीएल को ही खा जाए? इस सवाल का जवाब देना आसान नहीं है। दूसरी तरफ इस नई लीग से 50 ओवर क्रिकेट के कॉफिन में एक और बड़ी कील ठोकने का जिम्मा भी बीसीसीआई के नाम आएगा।
- चरनपाल सिंह सोबती