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भारत में इंटरनेशनल क्रिकेट की मुफ्त स्ट्रीमिंग ने जो सबसे बड़ा नुकसान किया उसे किसी ने नहीं देखा- रेडियो कमेंट्री तो खत्म ही हो गई। एक समय जो रेडियो कमेंट्री, भारत में क्रिकेट की लाइफ लाइन थी- आज उसकी चिंता किसे है? आपको यह जानकार हैरानी होगी कि इस युग में भी इंग्लैंड में रेडियो कमेंट्री सुनते हैं। इसीलिए एक खबर जो भारत में कहीं नहीं छपी पर इंग्लैंड में खूब चर्चा में है- टॉकस्पोर्ट ने 2024 के इंग्लैंड के भारत के टेस्ट टूर के ब्रॉडकास्ट अधिकार हासिल कर लिए और मात दी बीबीसी को। यहां तक कि जब हीदर नाईट की इंग्लैंड टीम मुंबई में महिला टेस्ट खेली तो उसकी कमेंट्री के लिए भी बीबीसी को कॉन्ट्रैक्ट न मिला पर जब तक टॉकस्पोर्ट को कॉन्ट्रैक्ट मिला तो इतनी देर हो चुकी थी कि वे भी इसका कोई इंतजाम न कर पाए।

हो सकता है भारत के क्रिकेट प्रेमियों की इस खबर में रुचि न हो पर ये खबर वास्तव में उस टेस्ट मैच स्पेशल (टीएमएस) के अंत की शुरुआत है जिसकी बदौलत टीवी युग से पहले दुनियाभर की क्रिकेट की खबर सबसे पहले मिलती थी। जब ऑल इंडिया रेडियो, टीम इंडिया के इंग्लैंड में टेस्ट और वनडे की कमेंट्री भी ब्रॉडकास्ट नहीं करता था तो क्रिकेट प्रेमी बीबीसी के इसी प्रोग्राम की ट्यूनिंग करते थे अपने रेडियो पर।

तो इस तरह टॉकस्पोर्ट को 2024 की भारत में इंग्लैंड की 5 टेस्ट की सीरीज के ऑडियो अधिकार मिल गए। ये खेल है पैसे का- कभी बीबीसी के टेस्ट मैच स्पेशल को ऐसे अधिकार मुफ्त मिलते थे पर आज वे जो पैसा देते हैं, उससे बड़े ऑफर देने वाले आ गए हैं। बीबीसी को लगातार दूसरी मात मिली- वे वेस्टइंडीज में लिमिटेड ओवर सीरीज के अधिकार भी हार गए थे। यहां तक कि बीसीसीआई ने उन्हें महिला टेस्ट के भी अधिकार नहीं दिए। अब परंपराओं और इतिहास की चिंता किसे है?

टॉकस्पोर्ट ने महिला टेस्ट के पहले दिन के ऑडियो अपडेट दिए और कोशिश की कि आगे के दिनों की सीधे कमेंट्री दें पर इंतजाम हो न सका। आगे से ऐसा नहीं होगा क्योंकि अब 4 साल के लिए अधिकार उनके पास हैं। उनके पोर्टफोलियो में वेस्टइंडीज और श्रीलंका में इंग्लैंड के सभी मैच पहले से हैं। दूसरी तरफ बीबीसी के पास इंग्लैंड के सभी घरेलू मैचों के ऑडियो अधिकार के साथ-साथ क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के साथ 4 साल का कॉन्ट्रैक्ट और सभी ग्लोबल टूर्नामेंट के लिए आईसीसी के साथ कॉन्ट्रैक्ट है। इसका मतलब है कि जब इंग्लैंड  की टीम 2025 की शुरुआत में 8 वाइट बॉल मैच के लिए भारत आएगी उसकी कमेंट्री भी टॉकस्पोर्ट ही ब्रॉडकास्ट करेंगे। अभी अगले टेस्ट टूर पर कुछ तय नहीं हुआ।

भारतीय अधिकार से हाथ धोना टीएमएस के लिए एक बहुत बड़ा झटका है- सिर्फ पांच साल पहले टॉकस्पोर्ट ने कमेंट्री के बाजार में एंट्री की थी और तब से वे एक के बाद एक विदेशी अधिकार बीबीसी से छीन रहे हैं। टॉकस्पोर्ट ने ही 2021 की शुरुआत में इंग्लैंड के भारत टूर का ब्रॉडकास्ट किया था- वह उनके लिए इतने फायदे वाला रहा कि इस बार बीसीसीआई को ऐसा ऑफर दिया कि वे इंकार न कर सके। 
मजे की बात ये है कि जबकि एक तरफ, दो टीम वाली सीरीज के ब्रॉडकास्ट अधिकार की लोकप्रियता लगातार गिर रही है- तब भी बोर्ड इतना पैसा मांग रहे हैं कि अधिकार खरीदना मुश्किल हो रहा है। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि जिन सीरीज के इंग्लैंड के लिए अधिकार कोई नहीं खरीद पाता तो इंग्लिश बोर्ड पैसे से मदद करता है। 

आखिरकार 2018 में वापसी के बाद से, टॉकस्पोर्ट ने ऐसा क्या किया है कि इंग्लैंड के पुरुष टीम के लगभग सभी विदेश टूर के कवरेज अधिकार उनके पास आ गए हैं- बेहतर प्रेजेंटेशन इसके लिए जिम्मेदार है तो साथ-साथ बदलते समय को पहचानना भी। पूरा कसूर बीबीसी का भी नहीं- आमदनी लगातार कम हो रही है और अधिकार महंगे होते जा रहे हैं। साथ में बीबीसी अभी भी अतीत में जी रहा है- वे रुतबा दिखाते हैं, बोर्ड करेंसी देखना चाहते हैं।

जब ज्योफ बॉयकॉट बीबीसी को छोड़कर टॉकस्पोर्ट के साथ थे तब बदलाव शुरू हुआ। बॉयकॉट ने उनके लिए अधिकार हासिल करने के लिए सीधे टॉप बॉस से बात की। 2000 में दक्षिण अफ़्रीका टूर के अधिकार सीधे डॉ. अली बाकर से बात करने से मिले- ऑफर दिया कि जो पैसा बीबीसी से मिलना है उस से तीन गुना ज्यादा देंगे पर शर्त ये है कि कोई नीलामी/टेंडर नहीं। यही पाकिस्तान और श्रीलंका के साथ किया और अब भारत में। 2001 की शुरुआत में श्रीलंका में जो हुआ वह तो अद्भुत था। टॉकस्पोर्ट के कमेंटेटर गॉल के स्टेडियम के अंदर बैठकर कमेंट्री कर रहे थे और बीबीसी के कमेंटेटर स्टेडियम के बाहर किले की दीवारों पर बैठे थे चिलचिलाती धूप में बिना कवर के। ये किस्सा एक अलग स्टोरी है। बीबीसी का ऑफर आखिरी मिनट में आता था- इसे ले लो या छोड़ दो क्योंकि कोई अन्य ऑफर देने वाला नहीं था। अब ऐसा नहीं हो रहा।

आपको बता दें कि टेस्ट मैच स्पेशल (टीएमएस) एक ब्रिटिश स्पोर्ट्स रेडियो प्रोग्राम है जिसे शुरू तो सिर्फ टेस्ट क्रिकेट के लिए किया था पर अब सभी क्रिकेट कवर करते हैं। टेस्ट मैच की हर गेंद को कवर करने वाले वे पहले ब्रॉडकास्टर थे- 1927 से लाइव क्रिकेट ब्रॉडकास्टर हैं पर टेस्ट मैच क्रिकेट को धीमा मानकर बाद में लाइव कमेंट्री कम कर दी। 1957 में टीएमएस को लॉन्च किया और फिर से बॉल टू बॉल कवरेज शुरू हुआ। विश्व के कई बेहतरीन कमेंटेटर उनके लिए काम कर चुके हैं और इनकी टीम इतनी लोकप्रिय रही हैं कि उस पर ही किताबें लिखी जा चुकी हैं। टॉकस्पोर्ट ने ज्योफ बॉयकॉट को उनसे ही छीना था।

सितंबर 2021 में, मेलिसा स्टोरी टीएमएस पर अब तक की सबसे कम उम्र की कमेंटेटर बन गई- उनसे पहले ये रिकॉर्ड क्रिस्टोफर मार्टिन-जेनकिंस के नाम था।

  • चरनपाल सिंह सोबती

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