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क्रिकेट में पिछले दिनों दो बड़ी ख़ास घटना हुईं जिनका सीधे रन और विकेट की गिनती से तो नाता नहीं पर क्रिकेट की चर्चा के लिए बहुत जरूरी हैं- दोनों में कुछ ख़ास मेसेज है।

भारत ने महिला टेस्ट में शानदार क्रिकेट की बदौलत इंग्लैंड को हराया। ऐसा नहीं कि शुरू से ही इंग्लैंड को कोई मौका नहीं मिला पर धीरे-धीरे टेस्ट उनकी पकड़ से निकल गया। यहां तक कि मेजबान टीम ने पहले दिन 410-7 रन बनाए, जिसमें 4 फिफ्टी थे। बस इंग्लैंड इस स्कोर के दबाव से निकल ही नहीं सका। इस तरह इंग्लैंड का 100वां टेस्ट और 2005 के बाद उनका भारत में पहला टेस्ट ऐतिहासिक बन गया- जब वे पिछली बार खेले थे, तब से अब तक क्रिकेट में बहुत बदलाव आ चुका है। टेस्ट में कई रिकॉर्ड बने।

यहां तक कि 4 दिन का टेस्ट होने के बावजूद स्पष्ट नतीजा निकला- अभी भी महिला टेस्ट आम तौर पर 4 दिन के ही हैं पर इस वजह से टेस्ट ड्रा ज्यादा हो रहे हैं। इस साल एशेज टेस्ट 5 दिन का खेले थे ताकि ड्रा की उम्मीद कम रहे। बीसीसीआई को भी सुझाव दिया था 5 दिन के टेस्ट का पर वे क्रिकेट कैलेंडर में एक अतिरिक्त दिन न निकाल पाए। 21 दिसंबर से अगला टेस्ट है।

इस टेस्ट की सबसे बड़ी चर्चा टीम इंडिया की बेहतर क्रिकेट तो है ही पर यहां कप्तान हरमनप्रीत के पहली पारी में 49 रन पर आउट होने की बात कर रहे हैं। स्कोर 190-4 था और यहां इंग्लैंड को उनका विकेट मिला- ये तो भला हो मिडिल आर्डर की अन्य बल्लेबाज की कोशिश का अन्यथा हरमन के विकेट ने तो इंग्लैंड को वापसी का पूरा मौका दे दिया था। असल में हरमन का अजीब तरीके से रन आउट होना ख़ास है।

फुटेज में साफ़ है कि अपनी तरफ से तो उन्होंने टेस्ट कप्तान के तौर पर डेब्यू टेस्ट और वैसे भी पहली बार टेस्ट में फिफ्टी बना लिया था- इसलिए 49 रन पर आउट दिए जाने पर हैरान रह गईं। उन्हें टीवी अंपायर ने रिव्यू में आउट दिया और रिप्ले में देखा गया कि उनका बैट क्रीज लाइन के ठीक सामने जमीन में धंस गया था। संयोग से गेंद उस चार्ली डीन की थी जिसे 2022 में हरमन की टीम ने नॉनस्ट्राइकर सिरे पर आउट किया था और हरमन ने उस आउट को सही ठहराया था।

वैसे हरमन इस तरह से क्यों आउट हो रही हैं? भारत में सोशल मीडिया पर जो भी रिएक्शन सामने आए- उनमें से सभी ने हरमन को गलत माना, उन्हें ‘सुस्त’ और ‘लापरवाह’ के टाइटल दिए। इस साल के शुरु में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध टी20 वर्ल्ड कप के कड़े सेमीफाइनल के दौरान भी ऐसा ही हुआ था- तब 52 रन बनाए पर उनके आउट होते ही भारत ने एकदम हार की राह पकड़ ली। ये तय है कि हरमन को इस टेक्निकल ‘कमी’ पर काम करना होगा- उनका इस तरह से आउट होना, उन जैसी सीनियर के प्रोफाइल में सही नहीं लगता। उनका विकेट टीम के लिए बहुत कीमती है।

दूसरा किस्सा ऑस्ट्रेलिया-पाकिस्तान पहले टेस्ट का है- भारत में जो भी रिपोर्ट छपी हैं उनमें यही लिखा है कि ऑस्ट्रेलिया के विकेटकीपर ने अब्दुल्ला शफीक को रन आउट करने की कोशिश की पर स्टंप्स से बेल्स नहीं गिरीं। इस तरह से ये घटना उस लिस्ट में शामिल हो गई- जिसमें गेंद के स्टंप्स पर लगने के बावजूद बेल्स न गिरने का जिक्र करते हैं। ऑस्ट्रेलिया टीम ने स्पष्ट किया है कि ये सही नहीं है। तो क्या हुआ था?

एलेक्स कैरी ने जॉनी बेयरस्टो की स्टंपिंग के ‘रिपीट’ की कोशिश की। ऑस्ट्रेलिया के विकेटकीपर ने एशेज में बेयरस्टो की स्टंपिंग की तरह ही, अब्दुल्ला शफीक को विवादास्पद तरीके से आउट करने की कोशिश की थी। सब जानते हैं कि ‘बेयरस्टो स्टंपिंग’ पर बड़ा बवाल हुआ था और यहां भी अगर अब्दुला आउट हो जाते तो वही होता। इसलिए गेंद कैरी के हाथ में थी, शफीक का पिछला पैर क्रीज से बाहर था और कैरी ने स्टंप्स पर गेंद लगाने के बावजूद बेल्स नहीं गिराईं।

इसी संदर्भ में, हाल के एक और स्टंपिंग विवाद का जिक्र जरूरी हो जाता है। इस साल अक्टूबर में मेलबर्न स्टार्स की एडिलेड से आख़िरी ओवर में हार के बाद डब्ल्यूबीबीएल में इस मामले में जो विवाद शुरू हुआ वह अभी तक चर्चा में है। स्ट्राइकर्स ने जब जीत हासिल की इस जंक्शन ओवल के मैच में 133-6 बनाकर तो सभी स्टार्स की बल्लेबाज राइस मैककेना (14) के रन आउट को याद कर रहे थे। वह स्ट्राइक पर थी तो मेगन शट की एक गेंद उन्हें पार करते हुए विकेटकीपर ब्रिजेट पैटरसन के पैड से ऐसे टकराई कि वापस स्टंप्स पर जा लगी। जब गेंद स्टंप्स से टकराई, मैककेना क्रीज में थी, वह इसके बाद रन लेने भागी पर स्क्वायर लेग अंपायर ने उसे स्टंप आउट दे दिया।

डब्ल्यूबीबीएल ने पिछले सीज़न में पहली बार थर्ड अंपायर और डीआरएस की शुरुआत की थी पर ये सिर्फ टीवी पर बिना फीस ब्रॉडकास्ट 24 मैच के लिए ही है। ये सिर्फ स्ट्रीम मैच था और इसलिए वीडियो तकनीक नहीं थी- इस तरह रिप्ले में साफ़ दिख रहा था कि मैककेना को आउट नहीं होना चाहिए पर वे आउट दे दी गईं और कुछ नहीं हो सका। यहां मुद्दा उठता है इस सिस्टम का दायरा बढ़ाने का। मैककेना का विकेट उस मुकाम पर गिरा जब वे 5 गेंद पर 14 रन बना चुकी थी और स्टार्स की पारी को बचाने की कोशिश थी पर यहीं से मैच पलटा।

पिछले दिनों में रिंकू सिंह के आखिरी गेंद पर लगाए एक 6 की भी बड़ी चर्चा हुई- सवाल है उसे गिनने या न गिनने का। आखिरी गेंद पर 6 लगाकर आस्ट्रेलियाई टीम पर जीत रिंकू सिंह को अपने टी20 करियर की शुरुआत पर हमेशा याद रहेगी। मैच था विशाखापटनम में और रिंकू के इस 6 को उनके स्कोर में जोड़ने के बाद भी हटा दिया- वजह ये कि सीन एबॉट की उस गेंद को नो-बॉल दे दिया और चूंकि नो-बॉल का रन बनते ही भारत ने मैच जीत लिया- इस लिए उस गेंद पर लगाए 6 को भी नहीं गिना।

यहीं लॉ 16 लागू हुआ जो इस बात से संबंधित है कि क्रिकेट मैच कब नतीजे पर पहुंचता है- इसमें साफ़ लिखा है कि जैसे ही नतीजा निकला तो मैच ख़त्म। उसके बाद जो कुछ भी होता है…उसे मैच का हिस्सा नहीं माना जाएगा। चूंकि एबट ने ओवरस्टेप किया, नो बॉल फेंकी और इस तरह भारत लक्ष्य तक पहुंच गया और मैच वहीं खत्म। ये मुद्दा अब बहस है कि नो बॉल कॉल तब आई जब गेंद पर  6 का शॉट लग चुका था तो इस 6 को, न कि नो बॉल को विजयी हिट गिना जाना चाहिए था। नो बॉल कॉल के लिए टेक्नीक के इस्तेमाल से पहले, नो बॉल कॉल बाउंड्री से पहले आती थी पर अब ऐसा नहीं है। स्कोर बराबर होने पर नो बॉल पर बाउंड्री मारने का सिस्टम भी अब नहीं है। अगर ये 6 मान लेते तो वह 200+ स्ट्राइक रेट से 100 करियर टी20ई रन का रिकॉर्ड बनाते- रिकॉर्ड रह गया 50 गेंद में 97 रन। अगर ये मैच किसी टूर्नामेंट का हिस्सा होता तो संभव है एनआरआर की गिनती का एक नया विवाद शुरू हो जाता। 

  • चरनपाल सिंह सोबती

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