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एक समय था जब इंग्लिश क्रिकेट अन्य दूसरे देशों में क्रिकेट के लिए प्रेरणा थी- अब इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ये मान रहा है कि वे बदलाव में पीछे रह गए। इसीलिए 2024 का इंग्लिश क्रिकेट सीजन आते-आते इंग्लिश क्रिकेट में बहुत कुछ बदला दिखाई देगा। नए साल में भारत में पहली बड़ी सीरीज इंग्लिश मेहमानों के विरुद्ध है और ऐसे में उनके क्रिकेट ढांचे में क्या नया है- ये जानना और भी जरूरी हो जाता है।

पहली बार 18 खिलाड़ियों को मल्टी-ईयर कॉन्ट्रैक्ट दिए हैं पर मजे की बात ये कि इस लिस्ट में टेस्ट कप्तान बेन स्टोक्स नहीं- ये कॉन्ट्रैक्ट 3 साल तक के हैं। हैरी ब्रूक, जो रूट और मार्क वुड ने 3 जबकि 15 खिलाड़ियों ने 2 साल का कॉन्ट्रैक्ट किया और इनमें वे जोफ्रा आर्चर भी हैं जिनकी फिटनेस इंग्लैंड के लिए एक रहस्यमय सवाल बनी हुई है। वहीं 41 साल के जेम्स एंडरसन को एक और साल की डील मिल गई और भारत आने वाली टीम में उनकी मौजूदगी इस बात का सबूत है कि वे अभी भी टीम की स्कीम में है। ये कॉन्ट्रैक्ट 1 अक्टूबर 2023 से शुरू हो गए। 2000 में सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट सिस्टम शुरू होने के बाद से पहली बार मल्टी ईयर कॉन्ट्रैक्ट दिए हैं। पूरी लिस्ट :

कुल कॉन्ट्रैक्ट : 29
3 साल के : हैरी ब्रुक (यॉर्कशायर), जो रूट (यॉर्कशायर), मार्क वुड (डरहम)
2 साल के : रेहान अहमद (लेस्टरशायर), जोफ्रा आर्चर (ससेक्स), गस एटकिंसन (सरे), जोनाथन बेयरस्टो (यॉर्कशायर), जोस बटलर (लेंकशायर), ब्रायडन कारसे (डरहम), जैक क्रॉली (केंट), सैम कुरेन (सरे), बेन डकेट (नॉटिंघमशायर),लियाम लिविंगस्टोन (लेंकशायर), ओली पोप (सरे), मैथ्यू पॉट्स (डरहम), आदिल रशीद (यॉर्कशायर), जोश टंग (नॉटिंघमशायर- 1 नवंबर से), क्रिस वोक्स (वारविकशायर)
1 साल के : मोईन अली (वारिकशायर), जेम्स एंडरसन (लेंकशायर), बेन फॉक्स (सरे), जैक लीच (समरसेट), डेविड मालन (यॉर्कशायर), ओली रॉबिन्सन (ससेक्स), बेन स्टोक्स (डरहम), रीस टॉपले (सरे)
डेवलॅपमेंट : मैथ्यू फिशर (यॉर्कशायर), साकिब महमूद (लेंकशायर), जॉन टर्नर (हैम्पशायर)

इनमें से 7 (रेहान, एटकिंसन, ब्रूक, कारसे, डकेट, पॉट्स और जोश टंग) को पहली बार सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट ऑफर मिला है। मजे की बात ये है कि एक बार जो कांटेक्ट हो गया वह उसी रकम में चलेगा- जिन्हें वनडे क्रिकेट में खेलने वाला माना वे भले ही वर्ल्ड कप के बाद कोई वनडे न खेलें तो भी उन्हें कॉन्ट्रैक्ट का पूरा पैसा मिलेगा। वहां कॉन्ट्रैक्ट हर साल 130,000 पौंड से 900,000 पौंड तक होता है।

इंग्लैंड अकेला क्रिकेट देश है जहां द हंड्रेड जैसा बिलकुल अलग स्वरुप की क्रिकेट का टूर्नामेंट है। क्या आप जानते हैं कि इंग्लैंड वाले अपने इस टूर्नामेंट को इन्वेस्टर के लिए ‘क्रिकेट की क्रिप्टो करेंसी’ कहते हैं पर अब उन्हें भी चुनौती मिलेगी और अमेरिका एवं कैरेबियाई देश ऐसी टी20 फ्रेंचाइजी बना रहे हैं जिसे इंग्लिश समर के दौरान ही खेलेंगे। इंग्लैंड का दावा तो है कि इंटरनेशनल सर्कस में बड़े खिलाड़ी अमेरिका या वेस्ट इंडीज में खेलने की तुलना में इंग्लैंड को चुनेंगे पर ऐसा क्यों सोच रहे हैं- कोई नहीं जानता। शायद द हंड्रेड में पैसा लगाने वालों को बताने के लिए उनके पास और कुछ है ही नहीं। यहां तक कि इस द हंड्रेड के चक्कर में इंग्लैंड उस टेस्ट क्रिकेट को जो उनके लिए सोने की मुर्गी जैसा है, नजरअंदाज कर रहे हैं। ईसीबी की नजर 750 मिलियन पौंड के इन्वेस्टमेंट पर है पर मुद्दा ये है कि वे पैसा लगाने वालों को कोई कंट्रोल देने के लिए तैयार नहीं।

2024 की एक ख़ास बात- काउंटी चैंपियनशिप में एक सीज़न के बाद ही पॉइंट्स सिस्टम बदल रहे हैं। ऐसा इंग्लिश क्रिकेट में इससे पहले कभी नहीं हुआ। अब कहते हैं कि ड्रॉ के लिए जूझने की टेलेंट को भी बढ़ावा देना है। डर है कि जीतने के लिए खिलाड़ी कहीं मैच बचाने की आर्ट भूल ही न जाएं क्योंकि इस समय वहां सिर्फ बैज़बॉल स्टाइल की आक्रामक क्रिकेट को ही महत्व दिया जा रहा था और इस चक्कर में पिछले सीज़न में ड्रा मैच पर सिर्फ 5 पॉइंट थे जबकि इससे पहले 8 पॉइंट मिलते थे। अब वापस लौट आए हैं इसी गिनती पर।

हालांकि ड्यूक बॉल इंग्लिश क्रिकेट की पहचान है पर 2024 सीज़न में लाल कूकाबूरा गेंद वाले मैच की गिनती 2 से 4 कर रहे हैं । 2021-22 एशेज टूर के खराब रिकॉर्ड को ध्यान में रखते हुए अगली एशेज की तैयारी है ये जिसे 2025-26 में खेलना है।

सीजन के क्रिकेट प्रोग्राम का स्वरूप पिछले सीज़न जैसा ही रहेगा- सीज़न अप्रैल में शुरु 8 राउंड चैंपियनशिप मैचों के साथ, टी20 ब्लास्ट 30 मई को महिला मैचों के साथ- ब्लास्ट पूरे जून और जुलाई में खेला जाएगा और हंड्रेड अगस्त में। साथ ही मेट्रो बैंक वन डे कप चलेगा। टी20 ब्लास्ट फाइनल डे फिर से सितंबर में वापस क्योंकि टी20 वर्ल्ड कप जून में है जिसका असर समर के इंटरनेशनल प्रोग्राम पर पड़ेगा।

एक बड़ी ख़ास बात- काउंटी ग्राउंडस्टाफ पर दबाव कम करने में मदद के लिए 2024 में काउंटी चैम्पियनशिप में पहली बार हाइब्रिड पिचों का उपयोग किया जाएगा। हाइब्रिड पिच क्या हैं- ये भी, ऐसी टर्फ पिच हैं जिनमें प्लास्टिक फाइबर सिले होते हैं जो टर्फ को एक साथ बांधते हैं। प्लास्टिक के रेशे, जो सिर्फ ऊपर से दिखाई देते हैं, प्राकृतिक घास के बराबर काटे जाते हैं। पिछले कुछ सीज़न से कुछ ग्राउंड पर सफेद गेंद वाले मैच इन पर खेल रहे हैं और सबसे बड़ा फायदा ये कि मरम्मत की जरूरत के बिना इन पर कई मैच खेल सकते हैं।

अब तक एक दिन से ज्यादा वाले मैच इन पर नहीं खेल रहे थे क्योंकि ये विकेट, घास वाली पिचों की तरह टूटते नहीं पर अब एक सीज़न में बढ़ती क्रिकेट को देखते हुए चैंपियनशिप मैच में हाइब्रिड पिचों का प्रयोग कर सकते हैं। इस फैसले की एक वजह ये रिसर्च भी है कि वैसे भी नियमित पिचें अब तीसरे और चौथे दिन ज्यादा नहीं टूट रही हैं।

सीजन 5 अप्रैल से शुरू होगा और 26 सितंबर से शुरू होने वाले चैंपियनशिप मैचों के आख़िरी राउंड के साथ खत्म होगा और इंटरनेशनल प्रोग्राम 29 सितंबर को ब्रिस्टल में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध आख़िरी वनडे के साथ खत्म होगा।

  • चरनपाल सिंह सोबती

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