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आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप के दिनों में, हर चर्चा में इस के ब्रॉडकास्ट की बदौलत डिज्नी स्टार के लिए बड़े मुनाफे की बात होती थी। एक रिपोर्ट में तो 2 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की गणना भी कर दी थी। मौजूदा स्थिति ये है कि आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप के ब्रॉडकास्ट के बावजूद डिज्नी स्टार के स्पोर्ट्स सेगमेंट का ऑपरेटिव घाटा दिसंबर 2023 तक 144% बढ़कर 315 मिलियन डॉलर (2583 करोड़ रुपये) हो गया था और इसकी तुलना में दिसंबर 2022 का हिसाब देखें तो घाटा 129 मिलियन डॉलर (1057 करोड़ रुपये) था। कंपनी ने घाटे की इस बढ़ोतरी के लिए ब्रॉडकास्ट अधिकार की महंगी कीमत को जिम्मेदार ठहराया है। ये चर्चा कोई नई नहीं कि ब्रॉडकास्ट अधिकार लगातार इतने महंगे होते जा रहे हैं कि मुनाफ़े के आसार बहुत कम रह गए हैं और उस पर जियो की नई-नई स्कीम।

भारत में था ये वर्ल्ड कप 2023 जिसमें 10 टीम ने 5 अक्टूबर से 19 नवंबर के बीच 48 मैच खेले। डिज्नी स्टार के पास टीवी और डिजिटल मीडिया अधिकार दोनों ही थे और मैचों को स्टार नेटवर्क के अलग-अलग चैनल पर ब्रॉडकास्ट किया गया। कमाई का एक बड़ा जरिया तो इस वजह से हाथ से निकल गया कि रिलायंस इंडस्ट्रीज के जियो सिनेमा के साथ ‘मुफ्त’ के मुकाबले में अपने डिज्नी+हॉटस्टार एप पर मैचों को मुफ्त स्ट्रीम किया।

कुछ फैक्ट नोट कीजिए :

  • अक्टूबर-दिसंबर 2023 के दौरान स्पोर्ट्स सेगमेंट में स्टार इंडिया की कुल कमाई 71% बढ़कर 399 मिलियन डॉलर (3272 करोड़ रुपये) थी- एक साल पहले की इसी तिमाही में ये 233 मिलियन डॉलर (1911 करोड़ रुपये) थी। गड़बड़ ये रही कि इस दौर का ऑपरेटिव घाटा 129 मिलियन डॉलर (1058 करोड़ रुपये) से बढ़कर 315 मिलियन डॉलर (2583 करोड़ रुपये) हो गया। .
  • जिस पिछली तिमाही से तुलना कर रहे हैं उसमें आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप का ब्रॉडकास्ट किया था।
  • इसलिए सीधा घाटे में बढ़ोतरी के लिए वर्ल्ड कप के ब्रॉडकास्ट को जिम्मेदार मान रहे हैं और इसी वजह- 1. हर मैच की औसत लागत और ब्रॉडकास्ट मैचों की गिनती ज्यादा होने से प्रोग्रामिंग और प्रॉडक्शन की कीमत बढ़ गई और 2. ज्यादा मैच और ज्यादा व्यूअरशिप का जो फायदा मिलना चाहिए था उसे विज्ञापन रेट में कमी ने बराबर कर दिया। विज्ञापन रेट भी जियो के साथ मुकाबले में घटाने पड़ गए थे।

4 साल में एक बार होने वाले वनडे वर्ल्ड कप टूर्नामेंट से टीवी और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर कुल विज्ञापन कमाई 2000-2200 करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया था (4 साल पहले के 2019 वर्ल्ड कप में ये 1350 करोड़ रुपये थी)। इसकी वजह ये थी कि भारत में 12 साल के बाद वर्ल्ड कप का आयोजन था और उस पर भारत अकेला मेजबान था। इसलिए सब कुछ बहुत अच्छा नजर आ रहा था- जो हुआ वह सामने है। इस रिपोर्ट की हर गणना में 1 मिलियन डॉलर को 8.2 करोड़ रुपये गिना है।

ये वर्ल्ड कप तो निकल गया पर आगे के लिए बहुत बड़ी चेतावनी दे गया है। घाटे का ये सिलसिला यूं चला तो ब्रॉडकास्टर चाहे कोई भी हो- ब्रॉडकास्ट अधिकार से पैसा कैसे कमाएगा? उनके लिए ब्रॉडकास्ट एक शुद्ध व्यापार है जिसमें कमाई कम नहीं हुई पर उस तुलना में लागत बहुत बढ़ गई। अगर दो टीम वाली सीरीज के रिकॉर्ड को देखें तो भी सच्चाई ये है कि प्रति मैच जो ब्रॉडकास्ट अधिकार कीमत 60 करोड़ रुपये थी- उसकी तुलना में किसी भी मैच में 38 करोड़ रुपये से ज्यादा नहीं आए। तो फिर पैसा कहां है? इन आंकड़ों के बावजूद जियो ने मुफ्त स्ट्रीमिंग क्यों शुरू की?

अब आप समझ लीजिए कि क्रिकेट ऐसे मुकाम पर है जिसमें क्रिकेट के ब्रॉडकास्ट से कमाई नहीं होने वाली। मौजूदा दौर में क्रिकेट सिर्फ ग्राहक को अपने चैनल/एप के साथ जोड़ने का जरिया है- दिखाओ क्रिकेट और बेचो कुछ और। जियो ने सिम कार्ड और 5जी (डाटा) को बेचने के लिए क्रिकेट को ‘दुकान’ बनाया जबकि स्टार वाले ऐसा कुछ नहीं बेच पाए। अब बिजनेस क्रिकेट में नहीं- टेलीकॉम में है और क्रिकेट सिर्फ जरिया है। अमेज़ॅन एनएफएल में यही तो कर रहा है- फ़ुटबॉल तो सिर्फ जरिया है।

2022 में प्रीमियम ओटीटी खपत में डिज्नी+हॉटस्टार टॉप पर थे- 38 प्रतिशत हिस्सेदारी थी उनकी बाजार में। न सिर्फ स्पोर्ट्स टूर्नामेंट, हिंदी शो और फिल्म भी दिखा रहे थे वे। रिलायंस के जियो सिनेमा ने आते ही सब बदल दिया। विश्वास कीजिए- डिज्नी+हॉटस्टार के, अक्टूबर 2022 से 84 लाख सब्सक्राइबर उन्हें छोड़ कर जियो में चले गए हैं और ये गिनती अब और बढ़ रही है क्योंकि वे गेम ऑफ थ्रोन्स और सक्सेशन जैसे शो ले आए हैं। आईपीएल मुफ्त देखिए- कभी सोचा था कि ऐसा होगा? वायकॉम18 ने इसे तो मुफ्त कर दिया पर सिम कार्ड और डाटा बेचकर पैसा कमा लिया।

आईपीएल फाइनल के लिए 320 लाख दर्शक- कोई मजाक है क्या? स्टार इंडिया के स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म से ग्राहक ट्रांसफर हुए। भारत-ऑस्ट्रेलिया वर्ल्ड कप फाइनल के कवरेज के लिए 59 मिलियन दर्शक थे पर स्टार के पास इन्हें बेचने के लिए कुछ भी नहीं था।

ये सारी चर्चा इसलिए भी जरूरी है ताकि ये समझ में आ जाए कि डिज्नी स्टार के जियो से ब्रॉडकास्ट मर्जर की बात क्यों उठी? अब ये मर्जर हो चुका है और जल्दी ही उसकी भी अलग से बात करेंगे।

क्रिकेट बाजार की एक और बड़ी खबर विराट कोहली से जुड़ी है। रिपोर्ट आई कि विराट ने जर्मन फुटवियर ब्रांड प्यूमा के साथ 8 साल पुराना रिश्ता खत्म कर दिया है। प्यूमा के साथ विराट 2017 में 110 करोड़ रुपये के एक ऐतिहासिक कॉन्ट्रैक्ट के साथ जुड़े थे (तब भारत के स्पोर्ट्स इतिहास में सबसे बड़े कॉन्ट्रैक्ट में से एक) और ब्रांड एंबेसडर विराट के साथ प्यूमा इंडिया ने भारत में बाजार में अपनी हिस्सेदारी बहुत बढ़ा ली- देश के टॉप स्पोर्ट्स और एथलेटिक ब्रांड बन गए। इसलिए सब हैरान हैं कि ये रिश्ता क्यों टूट रहा है?

इसी रिपोर्ट के अनुसार विराट अब, प्यूमा इंडिया के पूर्व मेनेजिंग डायरेक्टर अभिषेक गांगुली की स्पोर्ट्स फुटवियर कंपनी एजिलिटास (Agilitas) से जुड़ रहे हैं। ख़ास बात ये है कि इस डील में विराट न सिर्फ कंपनी के ब्रांड एम्बेसडर होंगे- वे इसमें इनवेस्ट भी कर रहे हैं। इतना सब कुछ सामने आने के बावजूद प्यूमा इंडिया ने इस रिपोर्ट को मानने से इनकार कर दिया और उनके मुताबिक़ विराट ने कॉन्ट्रैक्ट नहीं तोड़ा है। प्यूमा इंडिया से बहुत बड़ी गिनती में स्टॉफ एगिलिटास स्पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड में जा चुका है। प्यूमा में विराट की लाइफस्टाइल रेंज ‘वन8’ भी थी।

जो क्रिकेट बाजार की ख़बरों से नए जुड़ रहे हैं वे ये समझ लें कि जब 2017 में विराट कोहली ने 110 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट किया तो ये एक ब्रांड के साथ किसी भी भारतीय खिलाड़ी का सबसे बड़ा कॉन्ट्रैक्ट था।

  • चरनपाल सिंह सोबती

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