टीम का नाम किंग्स इलेवन पंजाब से पंजाब किंग्स में बदल गया, ऑक्शन की बदौलत कई कप्तान और खिलाड़ी बदल गए, कोच और सपोर्ट स्टाफ भी बदल लिए पर टीम का रिकॉर्ड न बदला। एक और सीजन निकल गया और पंजाब किंग्स ने आईपीएल में प्लेऑफ के लिए क्वालिफाई नहीं किया- लगातार 10 सीजन इस नाकामयाबी का रिकॉर्ड हो गया है उनके नाम। दिल्ली कैपिटल्स (2013-2018) 6 साल और खुद पंजाब टीम (2009-2013) 5 साल का रिकॉर्ड बहुत पीछे रह गए हैं।
इसके बावजूद पंजाब किंग्स के लिए 2024 सीजन में एक ऐसा प्लस रहा जिसे वे कभी भूलेंगे नहीं- मजे की बात ये कि ऐसा प्लस जो वास्तव में वे अपने हिस्से में चाहते ही नहीं थे। अब पंजाब किंग्स को अपने गलत बिड पर पछतावा नहीं होगा क्योंकि शशांक सिंह मेगा इवेंट में अब तक उनके टॉप खिलाड़ी रहे हैं। अगर शशांक को, टीम से और बल्लेबाज का सपोर्ट मिलता तो शायद टीम कई और मैच जीत सकती थी। सिर्फ आशुतोष शर्मा के साथ कुछ मैच जीतने वाली पार्टनरशिप ने सम्मान दिलाया- टीम का ग्राफ बदलने के लिए ये काफी नहीं था।
आईपीएल 2024 के पहले मैच में शशांक 0 पर आउट होने के बाद निराश थे और तभी, अचानक जॉनी बेयरस्टो ने पीछे से थपथपाया और कहा- ‘अगर तुम्हें मुस्कुराते न देखा तो मैं तुमसे बात करना बंद कर दूंगा।’ इस एक बात ने शशांक की किस्मत बदल दी और ऐसा हौसला मिला कि उन्हें टीम का ही नहीं, सीजन का एक ‘फाइंड ऑफ द सीजन’ कहने वाले कम नहीं। सीजन में रिकॉर्ड (11 मई तक)- 12 पारी में 352 रन 58.66 औसत और 168+ स्ट्राइक रेट से जिसमें 28 चौके और 21 छक्के।
अभी मैच बचे हैं और रिकॉर्ड बदलेगा पर जब सीजन के बाद टीम उन खिलाड़ियों की लिस्ट बनाएगी जिन्हें रिटेन करना चाहेंगे- तो अब उस लिस्ट में शशांक का नाम जरूर होगा और इस बार टीम किसी ‘गलत पहचान’ की बात नहीं करेगी। ठीक है 32 साल के शशांक सिंह को एक युवा टेलेंट को ढूंढना नहीं कहेंगे पर ये तय है कि इस सीजन ने उन्हें ढूंढा- घरेलू क्रिकेट में लगभग 10 साल बिताए और अपना पहला आईपीएल कॉन्ट्रैक्ट 6 साल पहले मिला था और तब,अब आईपीएल 2024 की ‘फाइंड’ का नाम मिला है!
तो इस तरह से जो शशांक सिंह (छत्तीसगढ़) आईपीएल 2024 के ऑक्शन की सबसे बड़ी स्टोरी थे गलत पहचान और गलत खरीद की वजह से, अब, आईपीएल 2024 के बीच में ही ‘फाइंड ऑफ द सीजन’ बन गए। आईपीएल 2024 में 11 मई तक उनके ख़ास स्कोर- 21(8), 61(29), 46(25), 41(25), 68(28) और 37(19) उस टीम के लिए जिसके लिए वास्तव में खेलना ही नहीं था।
ऑक्शन में बैठे पंजाब किंग्स के मालिकों और मैनेजमेंट ने साफ़ कहा कि इस खिलाड़ी के लिए तो बिड किया ही नहीं था पर नाम की गफलत में उसे ‘गलती से’ खरीदना पड़ा। पंजाब किंग्स को ऑक्शनर मल्लिका सागर का शुक्रिया अदा करना चाहिए जिन्होंने टीम की गलत खरीद की अपील को न माना और ‘गलत’ शशांक जबरदस्ती पंजाब किंग्स के हिस्से में आ गए। पंजाब किंग्स ने सोचा भी न होगा कि 20 लाख रुपये के इस कॉन्ट्रैक्ट के तमाशे में उनके हाथ जैकपॉट लगा है।
शशांक के बारे में नया नजरिया केकेआर के विरुद्ध 26 अप्रैल के मैच के बाद बना क्योंकि जो हुआ वह वास्तव में अद्भुत था। 261 रन लक्ष्य था- जब शशांक क्रीज पर आए तो जीत के लिए 7.3 ओवर में 84 रन की जरूरत थी और जॉनी बेयरस्टो 39 गेंद पर 93* पर थे। शशांक ने तब 68* बनाए और बेयरस्टो ने उस दौरान तीसरे विकेट की पार्टनरशिप में 9 गेंद में 15 रन जोड़े। पंजाब ने टी20 में सबसे ज्यादा रन चेज करने का रिकॉर्ड और बढ़ा दिया और शशांक इसमें हीरो बने।
ये महज ताबड़-तोड़ हिटिंग नहीं थी- सोच समझ की हिटिंग थी और तभी तो सुनील नरेन को पूरा सम्मान मिला। नरेन की 7 गेंद पर सिर्फ 3 रन बनाए जिसका मतलब ये कि बची 21 गेंद पर 65 रन बनाए। इस नजरिए से शशांक की बल्लेबाजी की असली खूबी सामने आती है। अहमदाबाद में गुजरात टाइटंस को हराया तब शशांक ने 29 गेंद में 61* रन बनाए और वहां भी टीम ने अचानक ही मुश्किल लक्ष्य हासिल कर लिया।
इस सीजन में चर्चा में कई दिग्गज पीछे रह गए। मजे की बात ये है कि शशांक के लिए पूरे क्रिकेट करियर में सही पहचान का संकट ही रहा है। किसी को न मालूम था कि ये शशांक सिंह कौन है और आईपीएल 2024 ऑक्शन की उस चर्चा से पहले वह कहां था? यही बात ईडन गार्डन्स में उनके 68* के बाद उनके पिता शैलेश सिंह ने कही और अपने बेटे की क्रिकेट के अब तक न चमकने के लिए मुंबई लॉबी को जिम्मेदार बताया। ये सब सही पहचान वाला ही मामला है।
शैलेश सिंह भिलाई में पुलिस में थे। जब उनका मुंबई ट्रांसफर हुआ तो उन्हें लगा कि उन की बेटे को एक क्रिकेटर बनाने की हसरत वहां पूरी होगी। शशांक में टेलेंट था तभी तो मुंबई में जूनियर क्रिकेट खेले, कांगा लीग में 6 लगाने के लिए मशहूर हुए पर सीनियर क्रिकेट में एंट्री आसान नहीं थी। वहां कहते हैं कि सूर्य कुमार यादव और लाड से तुलना में मात खाते रहे और उनका टेलेंट किसी ने न पहचाना। शशांक ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में मुंबई का प्रतिनिधित्व किया और पहली कोशिश में 172.72 स्ट्राइक रेट से 95 रन बनाए। विजय हजारे ट्रॉफी में भी मुंबई की शर्ट पहनी लेकिन रणजी ट्रॉफी में मौका नहीं मिला।
जो शशांक मुंबई टीम में सूर्यकुमार यादव और सिद्धेश लाड से मुकाबला कर रहे थे- मध्य प्रदेश के लिए खेले तो वहां टॉप खिलाड़ी थे। तब भी ये मानते हैं कि मुंबई में, जितना खेला उस से बहुत कुछ सीखा- मुंबई ने रियलिटी चेक दिया कि कहां खड़े हैं? खुद मानते हैं कि सूर्या और सिद्धेश को बल्लेबाजी करते देखा तो एहसास हुआ कि उनके स्तर के आसपास भी नहीं थे।
नतीजा- मुंबई छोड़ दिया। 3 सीजन इंतजार में बेकार करने के बाद एक सीज़न पुडुचेरी के लिए खेले और तब एक नए स्टेट में आ चुके अपने घर वापस आ गए। यहां से छत्तीसगढ़ के लिए खेलना शुरू हुआ। संयोग देखिए कि जब मुंबई पर छत्तीसगढ़ ने घरेलू क्रिकेट में अपनी पहली जीत दर्ज की तो उसमें यही शशांक हीरो थे। 2023-24 सीज़न में, मणिपुर के विरुद्ध एक ही लिस्ट-ए मैच में 150+ रन और 5 विकेट लेने वाले पहले भारतीय बने।
आईपीएल में भी किसी ने न पहचाना। दिल्ली डेयरडेविल्स (2017) और राजस्थान रॉयल्स (2019 एवं 2020) ने लिया तो पर एक भी मैच में न खिलाया। इसकी तुलना में सनराइजर्स हैदराबाद (2022) ने 10 मैच में मौका दिया पर तब तक इंतजार और कुछ ख़ास करने का दबाव हावी हो गया था और एक सीजन बाद ही वहां से छुट्टी हो गई- आखिरकार 5 पारी में 69 रन और 2 ओवर में 0 विकेट के रिकॉर्ड के बाद वे करते भी क्या? वे भी सही टेलेंट न पहचान पाए और इस तरह नाम आईपीएल 2024 के ऑक्शन की लिस्ट में आ गया।
अब लगता है- सही पहचान न मिलने वाला किस्सा ख़त्म और सबसे पहले पंजाब किंग्स ही उन्हें बड़ी रकम पर रिटेन कर, सही पहचान का सर्टिफिकेट देंगे। हालांकि पंजाब किंग्स को अब अपने गलत बिड पर पछतावा नहीं है क्योंकि शशांक अब तक उनके टॉप खिलाड़ी हैं। ये स्टोरी किसी भी नए क्रिकेटर के लिए मोटिवेशन होगी।
- चरनपाल सिंह सोबती