fbpx

पिछले कुछ दिन में महिला स्पोर्ट्स में हुए दो डेब्यू ख़ास थे पर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया-21 जुलाई 2023 – कनाडा की क्विन का फीफा वर्ल्ड कप में। 
4 सितंबर 2023 – कनाडा की डेनिएल मैकगेही का इंटरनेशनल क्रिकेट में।

डेब्यू तो और भी हुए पर ये सबसे अलग हैं- ये दोनों ट्रांसजेंडर खिलाड़ी हैं और पहली बार किसी ट्रांसजेंडर ने इन खेलों में इंटरनेशनल मैच खेला। जैसे ही कनाडा ने मैकगैही को टी20 इंटरनेशनल की टीम में चुना तो लिंग पर बहस और तेज हो गई और कई खेल के इंटरनेशनल बोर्ड परेशान हैं कि अब ऐसे खिलाड़ियों पर वे क्या करें?

ये डेनिएल मैकगेही कौन हैं? ऑस्ट्रेलिया में जन्म, उम्र 29 साल, फरवरी 2020 में कनाडा माइग्रेट और उसी साल नवंबर में ‘महिला’ बन गई। क्रिकेट उन कुछ गिनती के खेल में से एक है जो इन्हें खेलने से नहीं रोकता और आईसीसी ने तो ट्रांसजेंडर के खेलने की गाइडलाइन भी बनाई हैं- कनाडा ने उन्हें पूरा किया और मैच खिला दिया।

मैकगेही ने मई 2021 में मेडिकल शर्तों को पूरा करना शुरू किया और कनाडा महिला टीम में आने में ज्यादा वक्त नहीं लगा। कनाडा टीम, बांग्लादेश में 2024 के महिला टी20 वर्ल्ड कप के लिए क्वालीफाई करने की कोशिश कर रही है और मैकगेही उस कोशिश में एक ख़ास नाम है। उसने 4 सितंबर से लॉस एंजिल्स (यूएसए) में इसी वर्ल्ड कप के एक क्वालीफाइंग टूर्नामेंट में हिस्सा लिया और डेब्यू किया ब्राजील के विरुद्ध।

चूंकि आईसीसी ट्रांसजेंडर को इंटरनेशनल मैच खेलने से नहीं रोकता इसलिए क्रिकेट की दुनिया में कोई तमाशा नहीं हुआ। मौजूदा हालात ये हैं कि एथलेटिक्स, साइकिलिंग और तैराकी जैसे कई खेल सुरक्षा और बराबरी का मौका देने की दलील पर ट्रांसजेंडर एथलीट पर प्रतिबंध की शर्त सख्त करते जा रहे हैं और इधर फुटबाल और क्रिकेट में ट्रांसजेंडर इंटरनेशनल मैच खेल गए। जो ट्रांसजेंडर को खेलने देते थे, वे भी अब तो उन्हें रोक रहे हैं। देखिए-

  • 9 अक्टूबर 2020: वर्ल्ड रग्बी ने महिला टीम में ट्रांसजेंडर महिलाओं पर रोक लगाई।
  • 20 जून 2022: तैराकी की इंटरनेशनल एसोसिएशन फ़िना ने ट्रांसजेंडर एथलीट को महिलाओं की इवेंट में हिस्सा लेने से रोका।
  • 21 जून 2022: इंटरनेशनल रग्बी लीग ने ट्रांसजेंडर महिलाओं पर प्रतिबंध लगा दिया- लेकिन कहा कि आगे इस बारे में और सोचेंगे। 
  • 23 मार्च 2023: वर्ल्ड एथलेटिक्स ने ट्रांसजेंडर महिलाओं को इंटरनेशनल आयोजन में महिला इवेंट में  हिस्सा लेने से रोका। 
  • 15 जुलाई 2023: वर्ल्ड साइकिलिंग (यूसीआई) ने ट्रांसजेंडर महिलाओं को महिला इवेंट में हिस्सा लेने से रोका।

इसे पढ़कर, अब आपको अंदाजा हो गया होगा कि क्रिकेट में कितना बड़ा डेब्यू हुआ एक ट्रांसजेंडर खिलाड़ी का। इस समय इन खिलाड़ियों पर आईसीसी की जो गाइडलाइन हैं वे आखिरी बार 2021 में अपडेट की थीं। ट्रांस महिला, महिला मैच में कब खेल सकती है, इसके बारे में संक्षेप में- 

  • उनके रक्त सीरम (blood serum) में टेस्टोस्टेरोन (testosterone) का स्तर लगातार 5nmolL1 (प्रति लीटर) से कम हो- कम से कम पिछले 12 महीने में।
  • जब तक इस लेवल की शर्त पूरी रहेगी और एथलीट महिला मैच में खेलने को तैयार हो- तब तक खेल सकता है।  
  • पुरुष से महिला ट्रांस खिलाड़ी को ‘मेडिकल ऑफिसर’ को लिखित में हस्ताक्षरित घोषणा देनी होगी कि वह ‘महिला’ है।
  • खिलाड़ी प्रोफ़ाइल में ये भी बताए कि किसके विरुद्ध खेले और कितने रन बनाए/विकेट लिए।   

मैकगेही ने इन शर्तों को पूरा किया और ऐसी शुरुआत की जिसके बारे में सपने में भी नहीं सोचा था- वे इसे अपने समुदाय के लिए नया रास्ता बताती हैं। टेस्टोस्टेरोन लेवल सबसे मुश्किल शर्त है और मैकगेही दो साल से भी ज्यादा से हर महीने ब्लड टेस्ट करवा रही थी। डॉक्टर को लिखित में सब बताना (जैसे कि पूरी मेडिकल हिस्ट्री, कब युवा हुए, कोई सर्जरी) मुश्किल लगा लेकिन प्रोटोकॉल है तो मैकगैही ने इन्हें पूरा किया।

सच ये है कि कनाडा ने तो मैकगेही को अक्टूबर 2022 में साउथ अमेरिकी चैंपियनशिप में ही खिला दिया था- ये टी20 का इंटरनेशनल टूर्नामेंट था पर चूंकि कनाडा ‘गैस्ट’ था,  उनके मैच इंटरनेशनल नहीं गिने गए। तब कनाडा ने आईसीसी की ट्रांसजेंडर महिला की गाइडलाइन की चिंता नहीं की क्योंकि ये इंटरनेशनल मैच नहीं थे। वहां 3 पारी में 237 रन बनाए और टूर्नामेंट का एकमात्र 100 भी।

क्या आपने नोट किया कि जिन दो डेब्यू का ऊपर जिक्र है- उसमें दोनों खिलाड़ी कनाडा टीम की हैं। कनाडा में 15 साल से बड़ी उम्र के हर 300 लोगों में से एक ट्रांसजेंडर या गैर-बाइनरी है। यहां हाई-प्रोफाइल ट्रांसजेंडर एथलीट-फुटबॉलर क्विन का ज्यादा जिक्र नहीं कर रहा पर इतना जानना जरूरी है कि फीफा की गाइडलाइन क्रिकेट से अलग हैं- फीफा ने क्विन को लिंग पहचान के बजाय जन्म के समय लिखे लिंग के आधार पर खेलने की इजाजत दी। अब ये भी बहस है कि और दूसरे खेल क्या करें?

अब सबसे ख़ास सवाल ये है कि इनके खेलने से दिक्कत क्या है? यूं तो जवाब में लिस्ट बड़ी लंबी है पर बात जिस ख़ास मुद्दे पर अटकती है वह ये कि ऐसे एथलीट कहीं न कहीं ‘सामान्य महिला’ से पावरफुल होंगे और एक ही इवेंट में हिस्सा लेते हुए इसी बेहतर शारीरिक क्षमता का फायदा उठा जाएंगे। आईसीसी ने इसीलिए इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (आईओसी) की ट्रांसजेंडर एथलीट पर गाइडलाइन को ही लगभग अपनाया- इसमें लिखा है कि बताई शर्त पूरी हो जाएं तो ट्रांसजेंडर एथलीट के महिला इवेंट में कोई गलत फायदा उठाने (इसी के लिए टेस्टोस्टेरोन लेवल का टेस्ट है) का डर खत्म हो जाता है। सब बहरहाल इस सारे तमाशे से सहमत नहीं और नई-नई रिसर्च हो रही है। कुछ खेल तो ये भी सोच रहे हैं कि अब पुरुष, महिला इवेंट की तरह से एक अलग ट्रांसजेंडर कैटेगरी भी शुरू कर दें तो ये झगड़ा ही ख़त्म हो जाएगा।

कनाडा जाने से पहले, ऑस्ट्रेलिया में मैकगैही ने मेलबर्न में पुरुष क्लब क्रिकेट में खेलना शुरू किया था। रेजिना, सस्केचेवान में कैवलियर्स क्रिकेट क्लब में नाम था, अगले साल महिला टीम में जाने से पहले- पुरुष टीम के लिए एक सीज़न खेला। अल्बर्टा महिला क्रिकेट लीग में भी हिस्सा लिया और इंटर -स्टेट क्रिकेट में अल्बर्टा का प्रतिनिधित्व किया। डेब्यू मैच के बाद, कनाडा की कप्तान दिव्या सक्सेना से मैकगेही के खेलने में आई किसी दिक्कत के बारे में पूछा तो जवाब था- ‘हम सभी टीम में साथी हैं और एक- दूसरे को सपोर्ट करते हैं।’

  • चरनपाल सिंह सोबती

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *