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इस वर्ल्ड कप का नतीजा चाहे जो रहे- इस वर्ल्ड कप को वनडे की शायद सबसे बेहतरीन पारी के लिए जरूर याद रखा जाएगा। पैट कमिंस के मुताबिक़ अफगानिस्तान के विरुद्ध ग्लेन मैक्सवेल का दोहरा शतक अब तक की सबसे महान वनडे पारी है। मौकों को गंवाने की निराशा अफगानिस्तान क्रिकेट में हमेशा चर्चा में रहेगी पर मैक्सवेल की पारी की बात अलग है- 128 गेंद में 201* और अकेले दम पर 91-7 से 292-7 स्कोर ले जाना और इसी के साथ ऑस्ट्रेलिया का सेमीफाइनल खेलना पक्का हुआ।

ग्लेन मैक्सवेल पूरी तरह फिट नहीं थे- गोल्फ-कार्ट से गिरने में लगी चोट के कारण पिछले मैच में भी नहीं खेले थे। ऐसे में 202* की पार्टनरशिप, 68 गेंद में 12* रन बनाने वाले कमिंस के साथ और इस तरह पारी को देखने के लिए सबसे बेहतर सीट पर कमिंस ही थे- ‘यह शायद अब तक की सबसे बड़ी वनडे पारी है।’ बेन स्टोक्स, एडम गिलक्रिस्ट, माइकल वॉन और सचिन तेंदुलकर भी इस स्टेटमेंट से सहमत हैं।

वे फिट नहीं थे पर शॉट खेलने या रन लेने में कोई कंजूसी नहीं की- लड़खड़ाते हुए भी शॉट्स खेले। हिल नहीं सकते थे- फिर भी रिवर्स (स्वीप) से थर्ड मैन के ऊपर से 6 लगा। इसीलिए सचिन तेंदुलकर ने तो मैक्सवेल की ‘अब तक देखी गई सबसे बेहतर वनडे पारी’ खेलने के लिए तारीफ़ की।

मुंबई में बेहद गर्म दिन था। उस पर ऑस्ट्रेलिया ने अपने इस टूर के सबसे गर्म तापमान में पहले फील्डिंग की। हैरानी ये कि ऐंठन से फुटवर्क गायब हो गया था और वे शॉट्स खेलने के लिए अपने फुटवर्क की जगह हाथों का इस्तेमाल करते रहे। अफगानिस्तान की तरफ से सबसे बड़ी गलती ये रही कि वे रन बनने के इस आतंक में क्रिकेट समझ बिलकुल भूल गए- मैक्सवेल को क्रीज से बाहर निकालने की कतई कोशिश नहीं की और यूं गेंदबाजी की मानो उन्हें फुटवर्क के बिना वाली, बैटिंग प्रेक्टिस करा रहे हों।

उनके कोच ट्रॉट ने बिलकुल सही कहा- मैक्सवेल को आउट करने की कोई कोशिश ही नहीं की और ये इंतजार करते रहे कि मैक्सवेल कब अपनी गलती से आउट हो जाए। उस पर 50 से पहले उसके दो आसान कैच टपका दिए- बाकी मौकों की तो बात अलग है। जो ऐसे चल रहा हो जैसे कोई गर्म अंगारों पर अपनी एड़ियों के बल चलता है- वह 201* बना गया। यहां तक कि मैक्सवेल ने मुजीब उर रहमान को एक चौका और तीन छक्के लगाए, आखिरी ओवर में दोहरा शतक बना और वानखेड़े स्टेडियम में खलबली मच गई। ये वही मुजीब थे जिसने सबसे आसान कैच तब छोड़ा था जब मैक्सवेल 33 पर थे, स्कोर 112-7 था। मैक्सवेल ने जितना ये दोहरा शतक बनाया- उतना ही अफगानिस्तान ने इसे बनवाया।

ऐंठन से हालत ये थी कि मैक्सवेल जमीन पर गिरकर दर्द से कराह रहे थे, लग रहा था आगे नहीं खेल पाएंगे और सब 1986 में चेन्नई टाई टेस्ट में डीन जोन्स की वह इनिंग याद कर रहे थे जब डिहाइड्रेशन से उनकी जान जाने की हालत हो गई थी। ठीक है खिलाड़ी का फर्ज है मैच जीतने की कोशिश करना पर अपनी फिटनेस/जान जोखिम में डाल कर क्या ऐसे में बैटिंग जरूरी थी- ऑस्ट्रेलिया को फिट मैक्सवेल की आगे ज्यादा जरूरत होगी और सेमीफाइनल तो वे खेल ही लेते।

ये सब लिखने का मतलब कतई मैक्सवेल से उनके हिस्से की तारीफ़ छीनना नहीं है- जैसे उस दिन एलन बॉर्डर ने जोन्स को पिच से हटने के लिए नहीं कहा वैसा ही कमिंस ने किया। मैक्सवेल ने हर शॉट लगाया, कोचिंग मैनुअल को फिर से लिखा- आखिर फुटवर्क की जरूरत ही क्या है?

अब ये सवाल क्रिकेट के जानकारों को उलझाए रखेगा कि क्या इसे वनडे क्रिकेट में अब तक देखी गई नंबर 1 पारी कह दें? तुलना स्वाभाविक है। कोई पैमाना तो हैं नहीं किसी पारी की श्रेष्ठता के आंकलन का। रोहित शर्मा के 2014 में श्रीलंका के विरुद्ध 264 वनडे में सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर हैं। एबी डिविलियर्स ने 149 रन में सबसे तेज़ 100 का रिकॉर्ड बनाया- सिर्फ 44 गेंद खेलीं। सर विव रिचर्ड्स के 189- इंग्लैंड के विरुद्ध 1984 में और तब वनडे में व्यक्तिगत स्कोर का नया रिकॉर्ड था। वे 272 तक ले गए थे टीम को 11-2 से और इसमें 166-9 के बाद 106 रन की पार्टनरशिप थी माइकल होल्डिंग के साथ। इसे अब तक की सबसे महान पारी में से एक मानने वालों की गिनती बहुत ज्यादा है।

कपिल देव के 175 (विरुद्ध जिंबाब्वे, 1983) कौन भूल सकता है- क्रीज पर आए तो स्कोर 9-4 और फिर 78-7 भी था पर इसे 266 तक ले गए। इसी तरह हर्शेल गिब्स के 175- ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध 2006 में। 50 ओवर में 434-4 को पार करना मजाक था क्या? तब भी दक्षिण अफ्रीका ने एक गेंद के रहते मैच जीत लिया। एडम गिलक्रिस्ट के 149 (विरुद्ध श्रीलंका) तो 2007 वर्ल्ड कप फाइनल में थे- 104 गेंद पर 149 रन। 

2015 में मार्टिन गप्टिल के 237* हैं- 145.39 स्ट्राइक रेट, 24 चौके एवं 11 छक्के। लिस्ट में सनथ जयसूर्या (189) और सईद अनवर (194) भी जोड़ सकते हैं। सचिन तेंदुलकर ने 2010 में 200* रन बनाए। इन सभी के मुकाबले की एक पारी खेली ग्लेन मैक्सवेल ने और सबसे बेहतरीन की बहस में बात पसंद अपनी-अपनी पर अटका दी।

  • चरनपाल सिंह सोबती
One thought on “कितनी ‘महान’ इनिंग खेली ग्लेन मैक्सवेल ने?”

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