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आम तौर पर क्रिकेट की किताबों में लिखा है कि ओपनर बल्लेबाज का काम है पारी को जमाना ताकि मिडिल आर्डर बड़ा स्कोर खड़ा करे। अब ये सोच बदल चुकी है लेकिन इसमें समय लगा। हालांकि के श्रीकांत आज के कई ओपनर से ‘धीमे’ थे पर उनकी तेज बल्लेबाजी भी हजम नहीं होती थी और इसीलिए अक्सर उन्हें गैरजिम्मेदाराना खेलने का कसूरवार मानते थे। अब डेविड वार्नर और रोहित शर्मा जैसों ने अटैक को ‘कुचलने’ वाला काम किया है पर ये सिलसिला वीरेंद्र सहवाग से बेहतर और किसी ने शुरू नहीं किया।

राजकोट टेस्ट में हर दिन एक 100 बना- पहले दिन रोहित शर्मा, दूसरे दिन बेन डकेट, तीसरे और चौथे दिन यशस्वी जयसवाल के 100- क्रमशः 104* और 110*। डकेट और यशस्वी खेले आधुनिक टेस्ट युग की सबसे बेहतर इनिंग में से एक। अब ओपनर का काम नई गेंद की चमक उतारना या एक मजबूत प्लेटफार्म बनाना नहीं रह गया है- वे गेंदबाजी की ऐसी दुर्गति करते हैं और इतनी तेजी से स्कोर करते हैं कि एक सैशन में ही मैच मोड़ दें।

टेस्ट में ओपनर के कम से कम 850 रन की लिस्ट में डकेट से तेज कोई नहीं है- हर 100 गेंद पर 88 रन। यशस्वी- पिछले साल डेब्यू, अभी सिर्फ 7 टेस्ट और इस लिस्ट में 100 गेंद पर 69 रन के साथ नंबर 6 हैं। यशस्वी को देखकर अगर कोई भारत में याद आ रहा तो वीरेंद्र सहवाग- 100 गेंद पर 83 रन और जो ओपनर के तौर पर 99 टेस्ट खेला हो, उसके लिए तो ये कमाल का स्ट्राइक रेट है। सहवाग का कुल रिकॉर्ड- 104 टेस्ट में 82.23 स्ट्राइक रेट और 49.34 औसत से रन बनाए।

सहवाग ने 2002 में टेस्ट डेब्यू किया और यकीनन ऐसे पहले बल्लेबाज थे जिनके हाथ में बैट किसी हथियार जैसा था। उसके बाद तिलकरत्ने दिलशान, डेविड वार्नर और शिखर धवन जैसों ने इस सिलसिले कोआगे बढ़ाया। इन तीनों में से, सबसे लंबा करियर वार्नर का रहा और 112 टेस्ट में 70.19 का स्ट्राइक रेट दर्ज किया। यशस्वी का रिकॉर्ड 7 टेस्ट में, 71.75 औसत और 68.99 स्ट्राइक रेट से 861 रन है। जिस तरह से क्रिकेट खेलने की स्टाइल बदल रही है और लिमिटेड ओवर क्रिकेट फॉर्मेट का असर टेस्ट पर भी आ रहा है- क्या टीम किसी पुरानी स्टाइल वाले किसी ओपनर को झेल पाएंगी? वाइट बॉल क्रिकेट के स्ट्रोक और सोच दोनों टेस्ट पर कब्जा जमाते जा रहे हैं।  

यशस्वी ने 22 साल की उम्र से पहले न सिर्फ फर्स्ट क्लास क्रिकेट, टेस्ट भी खेलना शुरू कर दिया था। पिछले साल डोमिनिका में वेस्टइंडीज के विरुद्ध टेस्ट डेब्यू पर 171 का स्कोर के और इस सीरीज में हैदराबाद में 74 गेंद में 80, विशाखापत्तनम में 290 गेंद में 209 और राजकोट में 236 गेंद में 214* जैसी इनिंग भी खेली हैं। क्रिकेट की दुनिया में कोई नहीं जो इस बैटिंग को देखकर हैरान नहीं हो रहा।

यशस्वी के 200 रन 231 गेंद में बने- भारत के लिए इससे तेज 200 सिर्फ सहवाग ने बनाए (5 बार) जबकि सिर्फ डॉन ब्रैडमैन (4), ग्रीम स्मिथ (3) और विनोद कांबली (2) ने ही अपने 23वें जन्मदिन से पहले एक से ज्यादा 200 बनाए। विश्वास कीजिए- जायसवाल के पास अभी लगभग 10 महीने बचे हैं ब्रैडमैन का रिकॉर्ड बराबर करने के लिए।

214* में 12 छक्के के साथ टेस्ट रिकॉर्ड की बराबरी की और 3 टेस्ट में 22 छक्के तो पहले से ही एक सीरीज में सबसे ज्यादा 6 का रिकॉर्ड हैं जबकि अभी 2 टेस्ट बाकी हैं। 22 फर्स्ट क्लास मैच में 77 औसत, 12 शतक- जिनमें से 5 को 200 में बदला और 10 में 140+ का स्कोर बनाया।

सिर्फ 7 टेस्ट खेले हैं तो क्या हुआ- टेलेंट सब देख चुके हैं। क्या और कोई अपने टेस्ट करियर की शुरुआत में ऐसा खेला है? जानकार उनका नाम, डॉन ब्रैडमैन और विनोद कांबली के साथ जोड़ रहे हैं। पहले 7 टेस्ट में सबसे ज्यादा रन की लिस्ट में टॉप 5- डॉन ब्रैडमैन (1196), सुनील गावस्कर (918), एवर्टन वीक्स (978), सऊद शकील (875) और यशस्वी (861)। सिर्फ गावस्कर ने 14 पारी खेली, वीक्स ने 10 और बाकी सभी ने 13।

सबसे बेहतर औसत की लिस्ट में (कम से कम 800 रन) टॉप 5 फ्रैंक वॉरेल (104.13), डॉन ब्रैडमैन (99.67), एवर्टन वीक्स (87.80), सऊद शकील (87.50) और सुनील गावस्कर (83.45)- यशस्वी जायसवाल (71.75) लिस्ट में नंबर 7 हैं। सबसे ज्यादा 100 देखें तो (कम से कम 800 रन) टॉप 5 में जॉर्ज हैडली,  एवर्टन वीक्स और डॉन ब्रैडमैन ने 5 जबकि सुनील गावस्कर और हैरी ब्रूक ने 4 शतक बनाए। यशस्वी और फ्रैंक वॉरेल (3) बराबरी पर हैं।

3 बल्लेबाज ने पहले 7 टेस्ट में ही 300 बना दिया था- टॉप पर लेन हटन (364- ये कई साल टेस्ट क्रिकेट में टॉप स्कोर रहा), डॉन ब्रैडमैन (334) और करुण नायर (303*)। करुण नायर तो वास्तव में 7 टेस्ट भी नहीं खेले- 6 टेस्ट की 7 पारी में 374 रन जिनमें एक स्कोर 303* का। इस लिस्ट में यशस्वी नहीं हैं पर सबसे बेहतर स्कोरिंग रेट (कम से कम 700 रन) में  टॉप 5 में हैं- हैरी ब्रूक (99.03), यशस्वी (68.99), मोमिनुल हक़ (61.08), विनोद कांबली (59.40) और फ्रैंक वॉरेल (55.97)।   
दिग्गजों की लिस्ट में यशस्वी एक ख़ास मुकाम पर हैं- अगली मंजिल समय बताएगा।

  • चरनपाल सिंह सोबती

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