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12 बारह साल पहले, भारत ने जिस वानखेड़े स्टेडियम में वर्ल्ड कप जीता था- वहीं इस बार सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली टीम बन गए। यूं तो किसी एक फैक्टर को इस मुकाम तक पहुंचाने का श्रेय देना सही नहीं होगा पर ये कहना गलत भी नहीं होगा कि मोहम्मद शमी ने इस कोशिश को चौथे गियर में डाल दिया। वैसे वे अकेले ये तारीफ़ लेने के लिए तैयार नहीं- ‘हमारी गेंदबाजी अच्छी स्थिति में है और हर कोई एक-दूसरे की कामयाबी से खुश है- इससे भी बड़ी बात ये कि हम एक यूनिट के तौर पर गेंदबाजी कर रहे हैं।’

मोहम्मद शमी भले ऐसा कहें पर इस वर्ल्ड कप में 3 मैच में 14 विकेट (जिसमें दो बार 5 और एक बार 4 विकेट) का रिकॉर्ड सबसे बड़ा सच है- ऐसी शुरुआत और किसी ने नहीं की और रिकॉर्ड खुद इस दलील के गवाह हैं :

  • वनडे में, एक से ज्यादा मौके पर, लगातार तीन मैच में 4+ विकेट लेने वाले दूसरे गेंदबाज बन गए। 2019 वर्ल्ड कप में लगातार 3 पारियों में 4/40, 4/16 और 5/69 के बाद ऐसी दूसरी स्ट्रीक दर्ज की है अब। सिर्फ वकार यूनिस (तीन बार- दो बार 1990 में और एक बार 1994 में) इस मामले में उनसे आगे हैं।
  • वर्ल्ड कप में भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट की लिस्ट में 45 विकेट के साथ मोहम्मद शमी अब टॉप पर (उनके बाद : 44- जहीर खान एवं जवागल श्रीनाथ) 
  • एक वर्ल्ड कप इवेंट में सबसे ज्यादा 4 विकेट की लिस्ट में अब 3 बार के साथ अपना 2019 का और एडम जम्पा का इस बार का रिकॉर्ड बराबर किया जबकि 4 बार के साथ 2011 में शाहिद अफरीदी और 2019 में मिचेल स्टार्क उनसे आगे हैं।
  • भारत के लिए वनडे सबसे ज्यादा बार 5 विकेट की लिस्ट में अब टॉप पर (4 बार) और जवागल श्रीनाथ एवं हरभजन सिंह (3) पीछे रह गए।
  • वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा 3 बार 5 विकेट लेकर, इस संदर्भ में मिशेल स्टार्क के बराबर।

तो ये है मोहम्मद शमी का इस बार का कमाल। संयोग देखिए कि वानखेड़े स्टेडियम में, 2011 वर्ल्ड कप के फाइनल के ‘रिपीट’ मैच में, श्रीलंका के विरुद्ध खेलते हुए, टीम इंडिया ने जिस गेंदबाज पर दांव लगाया वह तो वास्तव में वर्ल्ड कप शुरू होने पर उनकी स्कीम में भी नहीं था। आर अश्विन और शार्दुल ठाकुर को वरीयता दी और अगर हार्दिक पांड्या को चोट न लगती तो शायद अभी भी शमी बेंच पर ही बैठे होते। अब हार्दिक के फिट होने पर भी शमी को कौन टीम से बाहर करेगा?

श्रीलंका ने 5-18 की गेंदबाजी को देखा। उससे पहले, टीम इंडिया ने धर्मशाला में न्यूजीलैंड और लखनऊ में इंग्लैंड को हराया तो शमी ने क्रमशः 5-54 और 4-22 के आंकड़े दर्ज किए और इस तरह वर्ल्ड कप के सबसे कामयाब गेंदबाजों की लिस्ट में आ गए।

2 नवंबर तक के वर्ल्ड कप रिकॉर्ड में जिन गेंदबाज ने शमी के बराबर 14 या इस से ज्यादा विकेट लिए हैं- उनमें से किसी ने भी 5 से कम मैच नहीं खेले। वे इसी फार्म के साथ, इस वर्ल्ड कप में शुरू से खेलते तो रिकॉर्ड क्या होता- अब इसका सिर्फ अंदाजा ही लगाया जा सकता है। इस समय तक, इस वर्ल्ड कप में 9.43 के स्ट्राइक रेट के साथ गेंदबाजों की लिस्ट में वे टॉप पर हैं। कम से कम 10 विकेट लेने वालों की लिस्ट में शमी के 4.27 से बेहतर इकॉनमी रेट सिर्फ जसप्रीत बुमराह (3.72) का है। और क्या कर सकते थे शमी इन 3 मैच में?

इतना ही नहीं, ये कोई इस वर्ल्ड कप में कामयाबी नहीं है कि उन की चर्चा हो- कुल मिलाकर भी वर्ल्ड कप के सबसे कामयाब गेंदबाजों में से एक। वर्ल्ड कप में अब तक 14 मैच में 45 विकेट के साथ, भारत के गेंदबाजों में टॉप पर और 44 विकेट लेने वाले जहीर खान एवं  जवागल श्रीनाथ का रिकॉर्ड तोड़ा लेकिन ध्यान रहे इन दोनों ने क्रमशः 23 और 34 मैच खेले। अब तक भारत के लिए वर्ल्ड कप में 28 गेंदबाज ने 10 या इससे ज्यादा विकेट लिए हैं और इनमें से शमी अकेले हैं जिसका स्ट्राइक रेट 20 से भी कम (15.76) है। क्या ये रिकॉर्ड शमी को वर्ल्ड कप में भारत के सबसे कामयाब गेंदबाज में से एक साबित नहीं करता?

कुल मिलाकर भी जिन 12 गेंदबाज ने वर्ल्ड कप में 40 या इससे ज्यादा विकेट लिए हैं उनमें से शमी अकेले हैं जिसका स्ट्राइक रेट 20 से कम है- मिशेल स्टार्क का नंबर 2 का रिकॉर्ड (21.88) अपने आप बता देता है कि शमी किस तरह के स्ट्राइक गेंदबाज रहे हैं।

तब भी ये मानना होगा कि शमी की चर्चा/तारीफ़ में अक्सर ही कंजूसी हुई। बीसीसीआई और आईसीसी की वर्ल्ड कप प्रोमो क्लिपिंग में  शमी का जिक्र तक नहीं था। रिकॉर्ड सामने है- उनके रोल को ‘अंडर रेट’ किया गया। शमी इस बारे में नहीं सोचते- उनका काम है विकेट लेना और वे इसे बखूबी कर रहे हैं।  

  • चरनपाल सिंह सोबती

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