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आईपीएल के चक्कर में पिछले दिनों के क्रिकेट में एक अनोखे तमाशे पर किसी ने ध्यान ही नहीं दिया। जो हुआ उसे अद्भुत और हैरान करने वाला कह सकते हैं। आज के कम्युनिकेशन के इस दौर में भी ऐसा हो सकता है – ये जानेंगे तो हैरान रह जाएंगे। चलिए सीधे इस किस्से पर चलते हैं :

  • केन्या के ऑलराउंडर कॉलिन्स ओबुया 23 साल के करियर के बाद क्रिकेट से 42 साल की उम्र में रिटायर हुए। वे और इंग्लैंड के जेम्स एंडरसन ही ऐसे दो खिलाड़ी बचे थे जो 2003 वनडे वर्ल्ड कप खेले और अभी तक एक्टिव थे। ये वही कॉलिन्स ओबुया हैं जिन्होंने वर्ल्ड कप 2003 में केन्या के आश्चर्यजनक प्रदर्शन में बड़ी ख़ास भूमिका निभाई थी। 2011 वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध 98* बनाए थे। रिटायर हुए अफ्रीकन गेम्स में क्रिकेट गोल्ड के टूर्नामेंट में ब्रॉन्ज़ मैडल (नंबर 3 प्ले-ऑफ) मैच में युगांडा के विरुद्ध अपनी टीम की 106 रन से हार के बाद। 
    टूर्नामेंट में 5 पारी में 184 रन बनाए- केन्या के लिए सबसे ज्यादा। कुल रिकॉर्ड- 2044 रन वनडे में (केन्या के लिए 2000 रन बनाने वाले 4 में से एक) और टी20 इंटरनेशनल में 1794 रन (केन्या के लिए सबसे ज्यादा)। अनोखा रिकॉर्ड तो रिटायर होने के बाद बनाया- दुनिया के ऐसे पहले क्रिकेटर जिसके रिटायर होने के बाद उसका इंटरनेशनल रिकॉर्ड आईसीसी ने बदल दिया। उनके 20 में दो 50+ स्कोर रिकॉर्ड से हटा दिए।  ये रिकॉर्ड बदलना सबसे बड़ी स्टोरी है।
  • एक और रिकॉर्ड देखिए- इसी अफ्रीकन गेम्स के दौरान 17 मार्च के दक्षिण अफ्रीका-घाना मैच के बाद, ये रिपोर्ट हुआ कि ये ऐसा 5वां इंटरनेशनल मैच है जिसमें एक टीम के सभी 11 खिलाड़ियों ने इंटरनेशनल डेब्यू किया (टीम का पहला इंटरनेशनल मैच नहीं गिन रहे)। आज ये रिकॉर्ड हट चुका है। इस मैच से आईसीसी ने इंटरनेशनल का दर्जा ही छीन लिया है। इस तरह इन दो बड़े रिकॉर्ड के बदलने के पीछे की सबसे बड़ी स्टोरी है इन गेम्स के मैचों के इंटरनेशनल दर्जे का तमाशा।  
  • अब सीधे चलते हैं इन 2023 अफ्रीकन गेम्स में क्रिकेट गोल्ड के मैचों पर। गेम्स हुए घाना में और सभी मैच अकरा के अचिमोटा ओवल ग्राउंड में खेले। 
    महिला टूर्नामेंट :  7 से 13 मार्च 2024 तक, 8 टीम (जिम्बाब्वे, युगांडा, केन्या, रवांडा, दक्षिण अफ्रीका, नाइजीरिया, तंजानिया और नामीबिया) और दक्षिण अफ्रीका-जिम्बाब्वे फाइनल टाई होने के बाद, ज़िम्बाब्वे ने सुपर ओवर में जीत हासिल की और गोल्ड जीत लिया। नाइजीरिया ने युगांडा को हराकर ब्रॉन्ज़ जीता।  पुरुष टूर्नामेंट : 17 से 23 मार्च 2024 तक, 8 टीम (दक्षिण अफ्रीका, युगांडा, केन्या, मेजबान घाना, जिम्बाब्वे, तंजानिया, नाइजीरिया और नामीबिया)।जिम्बाब्वे ने गोल्ड जीता नामीबिया को हराकर और ब्रॉन्ज़ जीता युगांडा ने केन्या को हरा कर। 
  • इन गेम्स से जुड़ी, क्रिकेट मैच शुरू होने से पहले की तो क्या, मैच शुरू होने के कुछ दिन बाद तक के हर रिलीज में कहा गया कि सभी मैच टी20 इंटरनेशनल हैं। आईसीसी ने 2022 में किसी भी मैच के इंटरनेशनल कहे जाने की जो कंडीशन तय की थीं उनके मुताबिक़ भी सभी मैच इंटरनेशनल ही थे।   5. अन्य सभी टीम की तुलना में दक्षिण अफ्रीका और जिम्बाब्वे बड़े क्रिकेट देश हैं और दोनों ने अपना वह रूतबा दिखा दिया। दक्षिण अफ्रीका ने कहा कि चूंकि उनके ज्यादातर टॉप क्रिकेटर आईपीएल खेल रहे हैं इसलिए वे युवा टीम भेजेंगे। महिला टीम को नाम दिया साउथ अफ्रीका एमर्जिंग प्लेयर्स वुमन क्रिकेट टीम का जबकि पुरुष टीम को यूनिवर्सिटी स्पोर्ट साउथ अफ्रीका (यूएसएसए) का नाम दिया। इसी तरह जिम्बाब्वे ने अपनी पुरुष टीम को जिम्बाब्वे एमर्जिंग टीम का नाम दिया और इसमें 25 साल से कम उम्र के खिलाड़ी चुने। इन दोनों के क्रिकेट बोर्ड ने एक बार भी मैचों के इंटरनेशनल के दर्जे को चुनौती नहीं दी। 
  • महिला गोल्ड के मुकाबले में अपनी टीम की हार पर दक्षिण अफ्रीका वाले बौखला गए जबकि जिम्बाब्वे ने गोल्ड जीत लिया। इसके बाद जब दक्षिण अफ्रीका की टीम पुरुष टूर्नामेंट में केन्या और युगांडा से हारकर सेमीफाइनल के लिए भी क्वालीफाई न कर पाई तो दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट बोर्ड ने शोर मचाना शुरू कर दिया कि चूंकि वे नंबर 1 टीम के बिना खेल रहे हैं और बाकी सभी नंबर 1 टीम के साथ खेल रहे हैं- इसलिए दक्षिण अफ्रीका टीम के मैच इंटरनेशनल न गिने जाएं। दक्षिण अफ्रीका को चिंता सिर्फ इन गेम्स में रिकॉर्ड की नहीं थी- अपने से कम रैंकिंग वाली टीम से हारने पर आईसीसी टीम रैंकिंग पर जो असर आ रहा था (सीधा असर 2026 टी20 वर्ल्ड कप के लिए सीधे क्वालीफाई करने की रेस में)- वे उससे ज्यादा चिंतित थे। 
  • आईसीसी ने, पुरुष टूर्नामेंट शुरू हो जाने के बाद की इस गलत मांग में उनका साथ दिया और पुरुष और महिला दोनों के टूर्नामेंट में उनके मैचों से इंटरनेशनल का दर्जा हटा लिया। सभी इंटरनेशनल क्रिकेट रिकॉर्ड बदल गए। इन गेम्स में गोल्ड के मुकाबले के मैचों का महत्व एकदम बदल गया। आईसीसी ने इस फैसले की घोषणा के समय कहा- दोनों टूर्नामेंट में बाकी टीमों के बीच सभी मैच टी20 इंटरनेशनल रहेंगे। ऐसा फैसला क्यों लिया- आईसीसी ने कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया। 
  • क्रिकेट साउथ अफ्रीका का अपना खोखलापन इसी से स्पष्ट हो जाता है कि महिला टीम को भले ही एमर्जिंग का नाम दिया पर इसमें वे फेय ट्यून क्लिफ और एनेरी डर्क्सेन भी थीं, जो सीनियर इंटरनेशनल क्रिकेट खेली हैं और टीम में 16 साल की वह काराबौ मेसो भी थी जिसे हाल ही में श्रीलंका के विरुद्ध सीनियर टीम की सीरीज के लिए चुना है। ठीक है पुरुष टीम में कोई इंटरनेशनल खिलाड़ी नहीं था लेकिन कप्तान वह जॉर्ज वैन हीरडेन थे जो कैरेबियन में 2022 जूनियर वर्ल्ड कप में दक्षिण अफ्रीका अंडर-19 टीम के कप्तान थे।
  • अब चूंकि दक्षिण अफ्रीका उस रीजन की बड़ी टीम है- इसलिए बाकी टीम ने दबी आवाज में इस फैसले का विरोध तो किया पर उनके पास चुप रहने के अतिरिक्त और कोई रास्ता न था। ये आरोप तो साफ़ है कि मैच हारने के बाद ही दक्षिण अफ्रीका ने ये तमाशा किया- अगर जीत गए होते तो कतई ऐसा न करते। जिम्बाब्वे ने गेम्स में दोनों इवेंट का गोल्ड जीता लेकिन स्टेटस के चक्कर में इन जीत का स्वाद खट्टा हो गया। अगर किसी ने मैचों के स्कोर कार्ड साथ-साथ सेव किए तो हर मैच इंटरनेशनल ही था। बाद में स्टेटस बदल दिया। 
  • सब जानते हैं कि मैचों का दर्जा बदलने का ये अनुरोध क्रिकेट साउथ अफ्रीका ने किया और इसमें सबसे बड़ा कसूर आईसीसी का है जो दबाव में आ गए। ऐसा तो पिछले साल एशियाई खेलों में भी हुआ था और सभी टेस्ट देश ने अपनी पुरुष टीम में ज्यादातर युवा खिलाड़ी भेजे पर सभी मैच टी20 इंटरनेशनल थे । इसलिए इस बार की छेड़-छाड़ से आईसीसी ने एक गलत परंपरा को जन्म दे दिया है।
  • और देखिए- जब आलोचना हुई तो आईसीसी को अहसास हुआ कि जिस नंबर 1 टीम न भेज पाने की दलील पर दक्षिण अफ्रीका के मैचों से इंटरनेशनल का दर्जा हटाया गया- वही पैमाना जिम्बाब्वे पर भी तो लागू होना चाहिए। इसलिए एक बार फिर से फैसला बदला और ज़िम्बाब्वे के पुरुष मैच भी टी20 इंटरनेशनल की लिस्ट से हटा लिए। रिकॉर्ड फिर से बदल गए। 
  • आने वाले सालों में ये सवाल पूछे जाते रहेंगे कि अचानक मैचों का दर्जा क्यों बदल गया, टूर्नामेंट से पहले यह तय क्यों नहीं किया कि मैचों का दर्जा क्या होगा- कोई जवाब कहीं नहीं मिलेगा। एक गलत परंपरा की शुरुआत हुई है- गलत मिसाल के साथ। समझ में नहीं आया कि जब कुछ ही दिन पहले दक्षिण अफ्रीका ने न्यूजीलैंड में टेस्ट सीरीज के लिए अपनी लगभग नंबर 2 टीम भेजी तो उन टेस्ट से ‘ऑफिशियल’ का दर्जा हटाने का अनुरोध क्यों नहीं किया?
  • जो हुआ वह पहले से मुश्किल में घिरे अफ़्रीकन गेम्स के लिए भी सही नहीं हुआ। ये गेम्स पिछले साल अगस्त में होने थे लेकिन अधूरी तैयारी में 7 महीने स्थगित कर दिया। ये गेम्स, आम तौर पर हर चार साल में, ओलंपिक से पहले खेलते हैं और पहली बार क्रिकेट गोल्ड के लिए मैच हुए।
  • चरनपाल सिंह सोबती

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