आईसीसी ने जो फ्यूचर टूर्स प्रोग्राम (एफ़टीपी) 2023-27 जारी किया, उसके हिसाब से 2019-23 के पिछले एफटीपी के मुकाबले, तीनों तरह की क्रिकेट में मैचों की गिनती में बढ़ोतरी है। कुल 777 इंटरनेशनल मैच- 173 टेस्ट, 281 वनडे और 323 टी 20 इंटरनेशनल I 2023-2027 राउंड में 694 मैच थे।
ऐसी बढ़ोतरी में, उम्मीद के अनुसार, भारत का ख़ास हिस्सा है। नए एफटीपी का सबसे बड़ा संदेश- टेस्ट क्रिकेट में इंग्लैंड, भारत और ऑस्ट्रेलिया सबसे बड़ी टीम, पेशेवर टी20 लीग के महत्व में तीन लीग के लिए विंडो- कोई बड़ी टीम उन दिनों में इंटरनेशनल क्रिकेट नहीं खेलेगी और वनडे के अंत की शुरुआत।
टेस्ट क्रिकेट में हर चर्चा बिग 3 पर- सिर्फ भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया ही आपसी सीरीज में तीन से ज्यादा टेस्ट खेलेंगे। भारत का प्रोग्राम : 18 अगस्त 2022 से फरवरी 2027 तक 44 टेस्ट, 63 वनडे और 76 टी20 मैच- ये मार्की आईसीसी इवेंट्स से बाहर हैं जैसे वर्ल्ड कप और चैंपियंस ट्रॉफी के मैच। इस तरह, भारत-ऑस्ट्रेलिया, बॉर्डर/गावस्कर ट्रॉफी की अब हर सीरीज 5 टेस्ट की और इंग्लैंड के विरुद्ध भी 5 टेस्ट मैचों की सीरीज।
अब सवाल ये है कि कितनी क्रिकेट खेलेंगे? आप खुद देखिए : भारत ने कुछ दिन पहले ही तो इंग्लैंड में टी20 और वनडे सीरीज के साथ इंग्लैंड टूर खत्म किया। उसके बाद, शिखर धवन की कप्तानी में एक टीम वेस्टइंडीज के विरुद्ध तीन वनडे खेली जिसके बाद पांच टी20 और ये प्रोग्राम 7 अगस्त को खत्म हुआ। उसके बाद टीम, तीन वनडे के लिए जिम्बाब्वे गए और 18, 20 और 22 अगस्त को खेले।
जिम्बाब्वे से लौटे तो एशिया कप सामने था- संयुक्त अरब अमीरात में 27 अगस्त से 11 सितंबर तक। 20 सितंबर से 11 अक्टूबर के बीच ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध तीन टी20 इंटरनेशनल (क्रमश: 20, 23 और 25 सितंबर को मोहाली, नागपुर और हैदराबाद में) और दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध तीन टी20 इंटरनेशनल (28 सितंबर से 4 अक्टूबर के बीच तिरुवनंतपुरम, गुवाहाटी और इंदौर में) और तीन वनडे (6 से 11 अक्टूबर के बीच लखनऊ, रांची और दिल्ली में) खेलेंगे। टी20 वर्ल्ड कप से पहले के, ये इन तीनों टीमों के लिए आख़िरी मैच होंगे। कप ऑस्ट्रेलिया में 16 अक्टूबर से है। भारत 2022 टी20 वर्ल्ड कप अभियान की शुरुआत 23 अक्टूबर को पाकिस्तान के विरुद्ध सुपर 12 मैच में, मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में करेगा।
तय है कि नंबर 1 टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया जाएंगे और संभव है दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध वनडे के लिए दूसरी-स्ट्रिंग टीम मैदान में उतार दें। भारत के लिए दूसरी लाइन-अप टीमों को मैदान में उतारना अब कोई नई बात नहीं। दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में, लगभग साथ-साथ सीरीज, तो कभी नियमित खिलाड़ियों को एक पैक कैलेंडर से ब्रेक देने के लिए- भारत इसके लिए अब हमेशा तैयार है।बीसीसीआई की तो पालिसी है ये- रोस्टर में हमेशा 50 खिलाड़ी, टेस्ट टीम एक देश में सीरीज खेले तो वाइट बॉल क्रिकेट वाली टीम किसी और देश में सीरीज खेल रही हो यानि कि दो टीमें तैयार हर वक्त।
एक कैलेंडर साल में सबसे ज्यादा टी20 इंटरनेशनल का रिकॉर्ड : 2021 में पाकिस्तान 29 मैच।
एक कैलेंडर साल में सबसे ज्यादा इंटरनेशनल मैच : 2009 में ऑस्ट्रेलिया 61 मैच। भारत 2022 में ये दोनों रिकॉर्ड तोड़ने की तैयारी में है।
इतना सब कुछ तो ये तो तय है कि इससे कहीं न कहीं, खेलने के स्तर पर असर आएगा। ‘आउट ऑफ़ फार्म’ और ‘अनफिट’ खिलाड़ियों की गिनती बढ़ रही है- एशिया कप के शुरू के मैचों में लोकेश राहुल की क्रिकेट इसका सबूत नहीं तो और क्या है? दूसरी तरफ, हर सोच ये कि आईपीएल के लिए कोई अनफिट नहीं होता!
सुनील गावस्कर ने सही कहा है कि देश की टीम एक क्रिकेटर की पहली वरीयता होनी चाहिए- परिवार और व्यक्तिगत पसंद/ ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाने की चाह आज की सोच है और इस नए नजरिए को समझना भी जरूरी है पर ‘टीम इंडिया’ टॉप पर होनी चाहिए। तो संतुलन कहां और कैसे बने- सिर्फ क्रिकेटरों के बीसीसीआई के साथ इस मुद्दे पर चर्चा से ही जवाब मिलेगा। शो की जरूरत- सबसे बेहतर टीम इंडिया खेले। अभी तो टीम इंडिया के क्रिकेटर किसी विदेशी लीग में नहीं खेलते।
पिछले दो सालों में, भारत के लिए टी20 और वनडे में लगभग 20 खिलाड़ियों ने डेब्यू किया है और इनमें से कितने 10+ मैच खेले? गिनती न के बराबर है। गिनती बड़ी, पर टेलेंट कम। इसलिए ही तो 2007 में टी20 में आए दिनेश कार्तिक अब ‘फिनिशर’ हैं- टीम इंडिया की उम्मीद हैं। तो क्या भारत की टी20 क्रिकेट वास्तव में बेहतर हुई है?
- चरनपाल सिंह सोबती