इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका के बीच पहला टेस्ट 17 अगस्त से शुरू है और अगर सब सही रहा तो 40+ की उम्र में जिमी एंडरसन इसमें खेलेंगे। जिमी एंडरसन- 40 साल की उम्र पार और अब फिर से वही सवाल- कब तक खेलेंगे?कुछ साल पहले लंदन की बसों के पीछे जिमी एंडरसन का एक पोस्टर लगा था- ब्रो-विटामिन के एक प्रसिद्ध ब्रांड की एडवर्टाइजमेंट का। स्ट्रिपलाइन थी- ‘आई फील फैंटास्टिक’। पता नहीं जिमी एंडरसन ने खुद कभी ये विटामिन लिया या नहीं पर उनका नाम इस एडवर्टाइजमेंट के लिए बिल्कुल सही था। जिमी एंडरसन- इंग्लैंड के टॉप विकेट लेने वाले गेंदबाज और इस समय टेस्ट क्रिकेट में नंबर 6 गेंदबाज और सबसे बड़ी बात ये कि उम्र 40+ है। अभी भी धड़ल्ले से 140 किमी की तेजी से, आराम से गेंद फेंकते हैं- ये तय है कि इंटरनेशनल क्रिकेट में इस तेजी से गेंदबाजी करने वाले सबसे बड़ी उम्र के खिलाड़ी हैं।
दो साल पहले जब एंडरसन ने 600 विकेट पूरे किए थे तो सबने कहा- इंग्लैंड में, कम से कम, अब तक के सबसे महान तेज गेंदबाज। क्या ऐसा है? आधुनिक युग में जिन 18 तेज गेंदबाज ने 200 से ज्यादा विकेट लिए और औसत 25 से कम – उस लिस्ट में एंडरसन नहीं हैं। 68,970 गेंदें फेंकीं, जिसका मतलब है गेंद हाथ में लेकर, ब्रिटेन की लंबाई की दौड़ लगा दी और ये कोई मजाक नहीं है। अब जबकि वे 40+ की उम्र में इंटरनेशनल क्रिकेट में, गेंदबाजी शुरू करने वाले हैं तो देखिए, उनके कुछ ख़ास रिकॉर्ड :
- 20 साल के थे जब ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध वनडे इंटरनेशनल खेले- इंग्लैंड के लिए। आज उससे दो गुना उम्र में भी खेल रहे हैं।
- 40+ की उम्र में, इंग्लैंड के लिए टेस्ट खेलने वाले 53वें क्रिकेटर बनेंगे- 2003 में एलक स्टुअर्ट के बाद पहले।
- पहला टेस्ट- 22 मई 2003 को लॉर्ड्स में जिम्बाब्वे के विरुद्ध। साथ में एंथनी मैकग्रा ने भी डेब्यू किया था- वे अब एसेक्स के चीफ कोच हैं। उनके बाद कई खिलाड़ियों ने टेस्ट डेब्यू किया, रिटायर हुए और अब अलग-अलग तरह की ड्यूटी पर हैं- इसी लिस्ट में न्यूजीलैंड के ब्रेंडन मैकुलम भी हैं जो अब इंग्लैंड के टेस्ट कोच हैं।
- अब तक का टेस्ट करियर- 19 साल 44 दिन (पहले टेस्ट की शुरुआत से आख़िरी टेस्ट खतम होने तक)। सिर्फ 26 क्रिकेटर का करियर इससे भी लंबा- विल्फ्रेड रोड्स 58 टेस्ट के लिए 30 से ज्यादा साल खेले जबकि ब्रायन क्लोज़ सिर्फ 22 टेस्ट लगभग 27 साल में खेले।
- अब तक टेस्ट- 172 टेस्ट और उनसे ज्यादा : तेंदुलकर (200)।
- 657 विकेट- सिर्फ मुथैया मुरलीधरन (800) और शेन वार्न (708) उनसे आगे।
- टेस्ट में 37,077 गेंदें फेंकी- गेंदबाजों में स्टुअर्ट ब्रॉड (31,571) उसके बाद। मुरलीधरन, वार्न और अनिल कुंबले के नाम 40,000 से ज्यादा गेंद और ये सभी स्पिनर ।
- 35 साल की उम्र के बाद -177 टेस्ट विकेट यानि कि एंगस फ्रेजर के टेस्ट रिकॉर्ड के बराबर और इंग्लैंड के लिए सबसे ज्यादा विकेट की लिस्ट में 20वें नंबर पर।
- मई 2016 में पहली बार आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में नंबर 1 बने और सबसे आख़िरी बार नवंबर 2018 में टॉप पर थे।
- टेस्ट क्रिकेट पहली गेंद नो बॉल थी- पहला ओवर 17 रन का था। फिर भी 5 विकेट लिए।
- अगस्त 2004 और मार्च 2006 के बीच सिर्फ एक टेस्ट खेला- ये भी पूरे खेलते तो न जाने क्या रिकॉर्ड होता।
- पहली बार 0 पर आउट(अगस्त 2009 में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध ओवल में) होने से पहले, टेस्ट करियर में 54 बार बल्लेबाजी की थी। इतना लंबा इंतजार और मौजूदा रिकॉर्ड ये कि इंग्लैंड के लिए सिर्फ ब्रॉड (39) उनसे आगे। टेस्ट रिकॉर्ड : वेस्टइंडीज के कर्टनी वॉल्श (43)।
- तब भी, उनकी बल्लेबाजी पर भरोसा किया जा सकता है- मोंटी पनेसर के साथ, 69 गेंद की पार्टनरशिप 10 वें विकेट के लिए और 2009 के पहले एशेज टेस्ट को ड्रॉ कराया। 2014 में श्रीलंका के विरुद्ध तो और भी बड़ा कमाल। एंडरसन और मोइन अली, दूसरे टेस्ट को बचाने के चक्कर में आखिरी विकेट की जोड़ी के तौर पर 121 गेंद तक एक साथ थे- 122 गेंद खेलने की जरूरत थी। शमिंडा एरांगा की गेंद पर 55 गेंद में 0 पर आउट। टेस्ट क्रिकेट में, मिनट (81) और गेंद के मामले में दूसरा सबसे लंबा 0-1999 में ऑकलैंड में दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध न्यूजीलैंड के ज्योफ अलॉट के 101 मिनट में 77 गेंद के बाद।
- टेस्ट में तीन छक्के लगाए- पॉल हैरिस, सईद अजमल और कगिसो रबाडा की गेंद पर।
- पहला टेस्ट 50 बनाया 12 जुलाई 2014 को- ट्रेंट ब्रिज में भारत के विरुद्ध 130 गेंद पर 230 मिनट में 81 रन जो समय के मामले में टेस्ट में नंबर 11 की सबसे लंबी पारी। रन में सिर्फ एश्टन एगर (98) और टीनो बेस्ट (95) बेहतर।
- करियर में सिर्फ 44 टी20 मैच।
‘जिमी एंडरसन इज ओल्ड’ जैसी श्रद्धांजलि लिखने का समय अभी भी नहीं आया- टेस्ट में उन ब्रेंडन मैकुलम से पहले आए जो अब उनके बॉस हैं। सर एंड्रयू स्ट्रॉस से पहले टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया, जो 100 टेस्ट खेले और 10 साल हो रहे हैं रिटायर हुए। स्टुअर्ट ब्रॉड और एंडरसन की वापसी उन शर्त में से एक थी जो स्टोक्स ने कप्तानी लेते हुए रखी थीं। वे गलत नहीं थे। सभी के सामने है- क्यों?
– चरनपाल सिंह सोबती
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