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बल्लेबाज आउट हो तो सबसे ज्यादा खुशी गेंदबाज को होती है। हर विकेट उस के रिकॉर्ड को और बेहतर करता है। फिर भी, कभी-कभी तो विकेट मिलने पर गेंदबाज भी हैरान रह जाता है- अरे! ये कैसे हो गया! यही हुआ इंग्लैंड-न्यूजीलैंड तीसरे टेस्ट के दौरान हेनरी निकोल्स के आउट होने पर। इतना अजीब लगा इस तरह से विकेट गिरना कि MCC को बिना देरी बताना पड़ा उस लॉ के बारे में जिससे ये विकेट गिरा।
क्या हुआ था :टेस्ट का पहला दिन। निकोल्स 98 गेंदों में 19* पर- जैक लीच ने चाय से पहले का आख़िरी ओवर शुरू किया। निकोल्स ने आराम से स्ट्रेट खेला गेंद को- नॉन-स्ट्राइकर डेरल मिशेल और अंपायर दोनों ने गेंद से बचने की कोशिश की, तब भी गेंद मिशेल के बैट पर लगी और मिड-ऑफ पर एलेक्स ली की तरफ उछल गई- ली ने कोई गलती नहीं की। निकोल्स, शायद जीवन भर इस आउट को याद रखेंगे- ये सोचकर कि आउट हुए कैसे? 


कमेंट्री कर रहे नासेर हुसैन ने कहा- ‘मुझे तो विश्वास नहीं हो रहा कि कोई ऐसे भी आउट हो सकता है?’ एमसीसी ने स्पष्ट किया- ‘इस तरह आउट दुर्भाग्यपूर्ण तो है लेकिन पूरी तरह से लॉ के भीतर- लॉ 33.2.2.3 में लिखा है कि यदि कोई क्षेत्ररक्षक गेंद को विकेट, अंपायर, किसी अन्य क्षेत्ररक्षक, रनर या दूसरे बल्लेबाज को छूने के बाद लपकता है तो यह आउट गिना जाएगा।’ 

न्यूजीलैंड के सहायक कोच ल्यूक रोंची ने कहा- ‘इससे पूरी टीम सदमे में आ गई थी। इसीलिए जब निकोल्स इस अजीबोगरीब अंदाज में आउट होने के बाद ड्रेसिंग रूम लोटे तो उनकी हालत देखकर किसी ने थोड़ी देर तक उनसे कोई बात नहीं की। दुर्भाग्य से हेनरी आउट हुए लेकिन आप और क्या कर सकते हैं?’ इसके बावजूद रोंची उनमें से हैं जो नहीं चाहते कि इस तरह से आउट होना रोक दिया जाए और लॉ बदलें- यह खेल का सिर्फ एक हिस्सा है जो इसे रोमांचक बनाता है। 


गेंदबाज लीच हैरान- वे तो  इस बात से भी अनजान थे कि एक खिलाड़ी को इस तरह से भी आउट किया जा सकता है- उनकी नजर में इस  ‘सिली’ खेल के रोमांच का एक हिस्सा! इस खब्बू स्पिनर का करियर बड़ा अजीब है- बीमारी, चोट, गलत सेलेक्शन और यहां तक कि लॉर्ड्स में इस सीरीज के पहले टेस्ट में गेंद को बाउंड्री पर रोकने के चक्कर में ऐसी चोट खाई कि कंकशन सब्स्टीट्यूट को बुलाना पड़ा। जो हुआ निकोलस के लिए खराब किस्मत- लीच की अच्छी किस्मत।  


क्या इससे पहले किसी बल्लेबाज को टेस्ट मैच में इस तरह से आउट किया गया है? आम तौर पर जवाब यही होगा कि ऐसा कहां होता है? विश्वास कीजिए- ऐसा हो चुका है और कुछ मिसाल के साथ तो बड़ी मजेदार स्टोरी जुड़ी है। चलिए कुछ को देखते हैं :

  • 2006 में मेलबर्न डॉकलैंड्स स्टेडियम में वन डे इंटरनेशनल : एंड्रयू साइमंड्स ने श्रीलंका के स्पिनर जेहन मुबारक की गेंद को खेला- गेंद, बचने की कोशिश कर रहे, नॉन-स्ट्राइकर माइकल क्लार्क के शरीर से टकराई और तिलकरत्ने दिलशान की ओर उछली- आउट!  साइमंड्स हैरान- आउट हो कर बाहर जाते हुए, क्लार्क की ओर मुड़े और इशारा किया कि ड्रिंक पिलानी पड़ेगी ! 
  • कबीर अली 2005 में पाकिस्तान में वन डे सीरीज से पहले एक प्रेक्टिस मैच के दौरान इसी तरह आउट हुए- गेंद पॉल कॉलिंगवुड के कंधे पर लग कर उछली और आउट।
  •  सरे के नंबर 11 पैट पोकॉक के स्ट्रोक से गेंद सिल्वेस्टर क्लार्क के बाजू पर लग कर उछली- 1984 में वेस्टन-सुपर-मारे में एक चैंपियनशिप मैच में। गेंदबाज थे- खब्बू स्पिनर स्टीवन बूथ। जब समरसेट ने फिर से बल्लेबाजी की, तो क्लार्क ने गेंदबाजी नहीं की- माना ये गया कि स्ट्रोक से उनके बाजू में चोट लगी पर वास्तव में ये इयान बॉथम के साथ मौज-मस्ती के हैंगओवर का नतीजा था। पोकॉक ने बाद में ग्राहम मोनकहाउस के साथ मिलकर, सरे को 9 विकेट गिरने के बावजूद मैच ड्रॉ करने में मदद की। 

  अंपायर के शरीर से गेंद लग कर आउट होने की मिसाल भी है-

  • स्टीव डीन (माइनर काउंटी चैंपियनशिप में स्टैफ़र्डशायर के लिए 10,000 से ज्यादा रन) के स्ट्रोक से गेंद नॉन स्ट्राइकर सिरे के अंपायर के पैर पर लगकर उछली और गेंदबाज ने ही कैच लपका। इस तरह की घटना के बाद ही ऑस्ट्रेलियाई अंपायर ब्रूस ऑक्सेनफोर्ड ने लिमिटेड ओवर के मैचों में बाजू पर एक मजबूत प्लास्टिक कवर ढाल के तौर पर पहनना शुरू कर दिया था। 
  • 1985 का एजबेस्टन टेस्ट : आखिरी दोपहर- ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज वेन फिलिप्स (59) लगभग निकोल्स जैसे ही आउट हुए। फिलिप्स का स्ट्रोक इतना तेज था कि गेंद से बचने की कोशिश की फील्डर एलन लैम्ब ने- तब भी गेंद उनके पैर पर लगी, उछली और इंग्लैंड के कप्तान डेविड गॉवर ने कैच लपका। उन दिनों अंपायरों के पास किसी टीवी ऑफिशियल से सलाह का विकल्प नहीं था पर डेविड कॉन्सटेंट और डेविड शेफर्ड अपने फैसले पर पक्के रहे। ऑस्ट्रेलिया के कप्तान एलन बॉर्डर इस आउट पर नाराज हो गए और विजडन के मुताबिक़ वे इस फैसले से खुश नहीं थे। फिलिप्स के इस विकेट ने खेल ऐसा पलटा कि इंग्लैंड ने टेस्ट एक पारी और 118 रन से जीत लिया। 
  • ब्रायन क्लोज़ से जुड़ा एक किस्सा बड़ा मशहूर है। क्लोज बेहद बहादुर शॉर्ट लेग फील्डर थे। 1962 में ब्रिस्टल में एक चैंपियनशिप मैच के दौरान, ग्लॉस्टरशायर के बल्लेबाज मार्टिन यंग के रे इलिंगवर्थ की एक गेंद पर स्ट्रोक से गेंद सीधे क्लोज़ के माथे पर लगी जहां से वह स्लिप में फिल शार्प की तरफ उछली और विकेट मिल गया।  
  • 1966 में दक्षिण अफ्रीका के विकेटकीपर-बल्लेबाज डेनिस लिंडसे केप टाउन में ऑस्ट्रेलिया के डेविड रेनबर्ग की गेंद पर बड़े अजीब कैच आउट हुए- हुक करने को कोशिश की तो शॉट से गेंद उनके ही सिर पर जा लगी। उन दिनों बल्लेबाज हेल्मेट नहीं पहनते थे। सर से उछली गेंद पर रेनबर्ग ने कैच लपक लिया और चोट से लिंडसे झटका खा कर वहीं गिर पड़े।  उन्हें ग्राउंड से बाहर ले जाना पड़ा था। अगले दोनों टेस्ट में शतक बनाए लिंडसे ने और सीरीज में 606 रन पर उस आउट को कभी भूलेंगे नहीं।

इतनी मिसाल, तब भी, निकोल्स के आउट होने पर, स्काई स्पोर्ट्स पर कमेंट्री में इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल आथर्टन ने कहा- ‘मैंने कभी ऐसा कुछ नहीं देखा।’

  • चरनपाल सिंह सोबती

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