इस रिपोर्ट के लिखने के समय तक आईपीएल 2024 में खेले मैच की सबसे बड़ी स्टोरी न तो पंजाब और गुजरात की जीत है और न ही मुंबई के नए कप्तान हार्दिक पांड्या की अहमदाबाद में हूटिंग- सबसे बड़ी स्टोरी है ऋषभ पंत की क्रिकेट में वापसी। न सिर्फ खेल रहे हैं- कप्तान भी हैं दिल्ली कैपिटल्स के। अपने आखिरी क्रिकेट मैच के 453 दिन के बाद, उन्हें खेलते देखना, ऋषभ पंत की हिम्मत तो है ही, इसे संभव बनाने में अच्छा भाग्य और कई मदद का योगदान है। आईपीएल से भी ज्यादा, टीम इंडिया में वापसी का इंतजार भी हो रहा है- ये है टीम में किसी भी क्रिकेटर की जरूरत/भूमिका की पहचान। ये आईपीएल में वापस लौटने के रिकॉर्ड के करीब भी नहीं (रिकॉर्ड : छत्तीसगढ़ के हरप्रीत सिंह भाटिया जो 2010- कोलकाता नाइट राइडर्स और 2011/12- पुणे वॉरियर्स के लिए खेलने के बाद 2023- पंजाब किंग्स के लिए खेले) पर हिम्मत में आईपीएल की सबसे बड़ी स्टोरी में से एक है।
एक जानलेवा सड़क एक्सीडेंट और इतनी बुरी तरह घायल कि कहा जा रहा है कि वे मौत के मुंह से वापस लौटे। तब भी, हर मेडिकल अनुमान से जल्दी फिट होकर, मोहाली में दिल्ली कैपिटल्स के लिए सीजन का पहला मैच खेला। ये जिंदगी और क्रिकेट में उनकी दूसरी इनिंग है और इसमें भी सफलता की कामना करें। इस नजरिए से, इस पहले मैच में कितने रन बनाए- इसका कोई महत्व नहीं। न सिर्फ, बिना दिक्कत बैटिंग की, विकेटकीपिंग भी की।
दिसंबर 2022 की वह रात, वे कभी भूलेंगे नहीं- ऋषभ पंत का रूड़की के पास कार एक्सीडेंट हुआ। उनका दाहिना घुटना बिलकुल मुड़ गया, मसल्स फट गईं, शरीर से बाहर लटक रही थीं और पीठ के आसपास हड्डियों से मांस तक गायब था। कुचली कार की हालत देखकर कोई नहीं कह सकता था कि कोई बचा होगा। ईश्वर बहरहाल उनके साथ थी और लगभग 14 महीने बाद अपने पैरों पर वापस और आईपीएल में वापसी की। क्रिकेट में कमबैक की कई प्रेरणा देने वाली स्ट्रोरी हैं। ये किसी खिलाड़ी के ख़राब फिटनेस के बाद क्रिकेट में लौटने की स्टोरी नहीं है- भारतीय क्रिकेट को देखें तो शायद युवराज सिंह की कैंसर से वापसी के बाद से ये सबसे हिम्मत वाली वापसी की स्टोरी है।
देहरादून के एक हॉस्पिटल में जान बचाने का काम हुआ, बेहतर इलाज के लिए वहां से दिल्ली ट्रांसफर किया और उसके बाद मुंबई के कोकिलाबेन हॉस्पिटल में स्पोर्ट्स मेडिसिन के लिए। ऋषभ के घुटने की सर्जरी करने वाले डॉ. दिनशॉ पारदीवाला ने कहा था- ये लंबा इलाज है और दो साल भी लग सकते हैं। वे अब इस मिसाल को अपनी मेडिकल चर्चा में जरूर लेंगे। अपने पैरों पर खड़े हुए तो क्रिकेट के लिए फिट करने का काम बंगलुरु में नेशनल क्रिकेट एकेडमी (एनसीए) में फिजियो ने किया और उम्मीद से पहले उनकी वापसी को संभव बना दिया।
फिजियो तुलसी युवराज ने पोस्ट किया- ये उनके अंदर की दिमागी हिम्मत और आत्मविश्वास का नतीजा है कि रिहैबिलिटेशन में सब बहुत तेजी से और सही होता गया। एनसीए ने फिटनेस देखने के लिए सिमुलेशन और अलूर में 20 ओवर के प्रदर्शनी मैच में खेलने पर नजर रखी और आज स्थिति ये है कि जून में टी20 वर्ल्ड कप में खेलने के दावेदार हैं।
सही समय पर मदद देने वाले भी मिले। सबसे पहले तो रजत कुमार और निशु कुमार जिन्होंने उस कुचली कार से उन्हें बाहर निकाला जिसे देखकर कोई न कहेगा कि इसके अंदर कोई बचा होगा और हॉस्पिटल पहुंचाया। उत्तराखंड के एक एमएलए उमेश ने अपनी पहुंच का इस्तेमाल किया इलाज में तेजी के लिए और बीसीसीआई ने पहले दिन से इलाज में खर्चे में पूरी मदद की। 23 मार्च को जब वह मोहाली में पंजाब किंग्स के विरुद्ध खेले तो इन सभी को भी बराबर खुशी हुई होगी। ऋषभ ने एक्सीडेंट के कई दिन बाद कहा था- पहली बार मुझे ऐसा लगा जैसे इस दुनिया में मेरा टाइम खत्म हो गया है। एनसीए में स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग कोच निशांत बोरदोलोई कहते हैं- ऋषभ की अपनी जिमनास्टिक की बैक ग्राउंड ने बड़ी मदद की।
ख़राब फिटनेस के बाद ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या भी क्रिकेट में लौटते हैं पर उनके या सचिन तेंडुलकर, जहीर खान, आशीष नेहरा और अनिल कुंबले जैसों के क्रिकेट में लौटने और ऋषभ के लौटने में बड़ा फर्क है। कैंसर को मात दी युवराज सिंह ने और टीम इंडिया की जर्सी फिर से पहनी। चोट से जूझने के बाद अपने करियर में चैंपियन बनकर लौटने की भारत में मिसाल देखनी है तो मंसूर अली खान पटौदी भी हैं। 20 साल की उम्र में कार एक्सीडेंट जिसमें जान तो बच गई पर दाहिनी आंख खो दी। वह कांच की आंख लगाकर क्रिकेट में लौटे और भारत की कप्तानी की- 46 टेस्ट जिसमें 34.91 औसत से 6 शतक की मदद से 2793 रन बनाए और भारत के सबसे बेहतरीन क्रिकेटर में से एक गिनते हैं उन्हें।
हर इंटरनेशनल क्रिकेटर चाहता है कि उसका करियर बिना चोट, लंबा चले। कुछ क्रिकेटर इस मामले में भाग्यशाली नहीं रहे और बड़ी चोट से न सिर्फ खेलना रुका ,बल्कि ख़त्म भी हो गया। वे इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी नहीं कर सके। कुछ ने वापसी की पर प्रदर्शन पहले जैसा नहीं रहा। क्रिकेट में लगी चोट एक अलग बात है पर यहां एक्सीडेंट/दुर्घटना को देख रहे हैं। उम्मीद करें इस लिस्ट में ऋषभ पंत का नाम नहीं होगा।
- चरनपाल सिंह सोबती