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वनडे क्रिकेट का, हर चार साल में एक बार खेला जाने वाला सबसे बड़ा मेला, वर्ल्ड  कप शुरू हो गया है। वर्ल्ड कप की सभी टीम ने, कुछ दिन पहले से इंटरनेशनल मैच खेलना बंद कर दिया था और अब वर्ल्ड कप के साथ लगातार वनडे हैं। अब इस सवाल की चर्चा कर सकते हैं कि वर्ल्ड कप के साल में वनडे क्रिकेट मैच को क्या महत्व मिल रहा है? हालांकि 50 ओवर क्रिकेट, क्रिकेट के सबसे लंबे और सबसे छोटे फॉर्मेट के बीच एक ख़ास पुल की तरह है पर कैलेंडर इसे खत्म कर रहा है- कभी वनडे को क्रिकेट का ख़ास हिस्सा गिनते थे।

इसी मुद्दे की चर्चा हाल ही में, ब्लोमफोंटेन में कमेंट्री के दौरान केविन पीटरसन ने की और ये भी कहा कि जब फरवरी 2005 में पहली बार इंग्लैंड के लिए वहां खेले थे (6 वां मैच और करियर का पहला इंटरनेशनल 100 बनाया) तो माहौल में गजब का जोश था- आज ऐसा जोश कहीं नजर नहीं आता। तब से अब तक 2300 से ज्यादा वनडे खेल चुके हैं- जो उससे पहले के 34 साल में खेले मैच की तुलना में बहुत ज्यादा हैं। शायद यही ज्यादा खेलना इस क्रिकेट को बेजान बना गया।

आज वनडे कितना महत्व रखते हैं- ये दक्षिण अफ्रीका ने बता दिया। वर्ल्ड कप के लिए सीधे क्वालीफाई करने के मौके को दांव पर लगाकर एक वनडे सीरीज रद्द कर दी- जो दिन मिले उनमें पेशेवर टी20 लीग खेले। तो ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध वे वनडे जरूरी थे या SA20 के लिए दिन निकालना? ऑस्ट्रेलिया में 3 मैच की सीरीज रद्द कर वर्ल्ड कप क्वालीफिकेशन पॉइंट गंवाने का उन्हें ज़रा भी दुःख नहीं था- इस बात की खुशी थी कि उनके सबसे हाई-प्रोफाइल खिलाड़ी नई लीग के लिए उपलब्ध हैं।

यहां तक कि लगभग सभी टीम ने वर्ल्ड कप की तैयारी में कुछ वनडे ज्यादा खेले पर टी20 खेलना कम नहीं किया। हालांकि दो टीम वाली वनडे सीरीज की स्थिति और रुचि में गिरावट आई है पर वर्ल्ड कप में खेलने का रास्ता इन्हीं से बनता है। पिछले दो साल में टी20 पर ही ध्यान टिका रहा और भला हो वर्ल्ड कप का कि 50 ओवर क्रिकेट के लिए पिछले कुछ महीने बड़े अच्छे रहे और अब तो वर्ल्ड कप है ही।

वर्ल्ड कप के बाद, पूरे आसार हैं कि वही होगा जो चल रहा है यानि कि टेस्ट और टी20 क्रिकेट सबसे ऊपर और फ्रेंचाइज़ी लीग के लिए विंडो- जो वनडे कभी क्रिकेट में सबसे खास गिनते थे, उनके हिस्से में बचे-खुचे दिन आएंगे। तो दो टीम वाले वनडे मैचों का भविष्य क्या है? क्या सुपर लीग को 2027 के बाद के एफटीपी में जगह मिलेगी? एमसीसी चीफ मार्क निकोलस ने तो साफ़ कह भी दिया है कि वनडे मैच सिर्फ वर्ल्ड कप जैसे टूर्नामेंट में ही खेलने चाहिए।

वनडे क्रिकेट सुपर लीग के पिछले 4 साल में 13 टीम में से हर एक ने 24 वनडे खेले और नीदरलैंड का 10 टीम के वर्ल्ड कप में पहुंचना एक शानदार उपलब्धि है। लीग 2 में 7 टीम और हर एक ने 36 वनडे खेले और चैलेंज लीग में ग्रुप ए और ग्रुप बी, जहां 12 टीम थीं- हर एक ने 15 लिस्ट ए मैच खेले। अब भारत में 50 ओवर का वर्ल्ड कप है। इसका मतलब ये है कि वनडे को वर्ल्ड कप ने ही कुछ बचाया हुआ है- ये न हो या सुपर लीग न होती तो देखते दो टीम वाली सीरीज को क्रिकेट कैलेंडर में कितनी जगह मिलती?

इन दिनों 50 ओवर वर्ल्ड कप में ज्यादा टीम के खेलने की बड़ी चर्चा है और वर्ल्ड कप 2027 में ज्यादा टीम खेलेंगी पर उसके बाद? जो चर्चा 2027 से आगे के लिए हो रही है उसके अनुसार क्वालिफिकेशन के लिए सुपर लीग का महत्व कम होगा। टी20 के मुकाबले,  50 ओवर क्रिकेट लगातार नजरअंदाज हो रही है और वर्ल्ड कप जैसे इवेंट ही ये दिखा सकते हैं कि इसमें अभी भी जान है। 

इयान चैपल कहते हैं कि एक अच्छी तरह से खेला 50 ओवर मैच खिलाड़ियों और क्रिकेट को चाहने वाले, दोनों के लिए अच्छा है- रोमांच, मुकाबला और चैक- सब हैं इसमें । क्या टी-20 को मिल रहे महत्व के लिए खिलाड़ी भी दोषी हैं? सब पैसे के पीछे भाग रहे हैं। वनडे का महत्व सिर्फ वर्ल्ड कप पर निर्भर कर दिया है।

वर्ल्ड कप 1975 में 60 ओवर टूर्नामेंट के तौर पर शुरू हुआ और क्या गजब के मैच खेले गए। वनडे को गजब की लोकप्रियता मिली। आज टी20 ने इसे कमजोर कर दिया है। 50 ओवर के मैच के बीच के ओवर उबाऊ कहे जा रहे थे तो जरूरी था कि 50 ओवर मैच खेलने में जरूरी बदलाव लाते। इसके उलट, रोमांच ढूंढ लिया टी20 क्रिकेट में। 2023 का टूर्नामेंट बेहद लोकप्रिय होने की उम्मीद है पर क्या ये वनडे क्रिकेट के लिए लाइफ लाइन बन पाएगा?

  • चरनपाल सिंह सोबती

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