fbpx

सिर्फ कुछ घंटे बचे हैं साउथम्पटन में WTC फाइनल शुरू होने में। मुकाबले पर आमने – सामने वे दो टीम जिनके कप्तान को एक ICC टाइटल की सख्त जरूरत। दोनों का टेस्ट में कप्तानी का रिकॉर्ड बेमिसाल पर ICC टाइटल का सूखा चला आ रहा है। संयोग से न सिर्फ WTC का लीग राउंड ख़त्म होने पर जो दो टॉप टीम थीं वे फाइनल में हैं – ICC टेस्ट टीम रैंकिंग की दो टॉप टीम ये फाइनल खेल रही हैं। इतना बड़ा मैच और पूरी क्रिकेट क्रिकेट की दुनिया की नज़र इस फाइनल पर। क्या आपने नोट किया – तब भी दोनों टीम के कैम्प से कोई ऐसी बयानबाज़ी नहीं जो माहौल बिगाड़े , कोई दूसरे कप्तान को शर्मसार नहीं कर रहा और न ही ये मैच किसी ‘युद्ध’ में बदला है। ऐसा इसलिए है कि दोनों कप्तान एक दूसरे का सम्मान करते हैं – एक दूसरे की क्रिकेट की दिल से इज्जत करते हैं।

भारत में कौन नहीं चाहता कि कप्तान के तौर पर विराट कोहली ये टाइटल जीतें ? विराट की कप्तानी की तुलना सबसे पहले तो उन्हीं महेंद्र सिंह धोनी से होती है जिनसे कप्तानी की बागडोर संभाली थी और संयोग ये कि दोनों अब तक 60 टेस्ट में कप्तान रह चुके हैं। देखिए :

  • विराट कोहली जिन 60 टेस्ट में कप्तान- 36 जीत। धोनी ने 27 जीत दिलाईं ।
  • एशिया से बाहर कप्तान के तौर पर विराट कोहली की सबसे बड़ी जीत ऑस्ट्रेलिया में 2018-19 टेस्ट सीरीज़ में।
  • उनकी कप्तानी में एशिया से बाहर वेस्टइंडीज में 4 (6 में से), दक्षिण अफ्रीका में एक (3 में से), ऑस्ट्रेलिया में 2 (7 में से) और इंग्लैंड में एक (5 में से) टेस्ट जीता है। वह न्यूजीलैंड में दोनों टेस्ट हार चुके हैं।
  • विलियमसन कुल 36 टेस्ट में कप्तान – 21 जीत, 8 हार यानि कि प्रतिशत जीत 58.33 है। विराट कोहली के लिए रिकॉर्ड 60 प्रतिशत।

इंग्लैंड के वे भूतपूर्व कप्तान और आज के क्रिकेट पंडित माइकल वॉन जो विराट कोहली की कप्तानी की तारीफ करने में शुरू से कंजूस रहे हैं, धोनी से तुलना में, विराट को टेस्ट में बेहतर कप्तान मानते हैं पर एक फर्क के साथ –
कोहली की तुलना में कप्तान धोनी ने भारत के लिए बड़ी ट्राफियां जीती हैं और ये रिकॉर्ड उन्हें बाकी सभी से ऊपर कर देता है।

अगर साउथम्पटन के फाइनल को अभी तक किसी ने सनसनीखेज चर्चा बनाया तो वे और कोई नहीं यही माइकल वॉन हैं। दोनों कप्तान की बैटिंग में आपसी तुलना करते हुए कह दिया – अगर केन विलियमसन भारतीय होते, तो अब तक दुनिया के सबसे महान खिलाड़ी गिने जा रहे होते। कोई भी विराट कोहली को बेहतर या ‘महान’ न कहने की हिम्मत नहीं जुटाता – सिर्फ इसलिए कि विराट सोशल मीडिया पर जिस तरह छाए हुए हुए हैं – वैसा केन विलियमसन के साथ नहीं हैं। उनकी नज़र में दोनों बराबर बेहतर बल्लेबाज़ हैं – विलियमसन का शांत व्यवहार और विनम्रता, उन्हें और भी अलग बना देते हैं।

वॉन के हिसाब से केन विलियमसन को ज्यादातर सफलता मिली है। वे भी तीनों तरह की क्रिकेट में ‘ग्रेट’ में से एक और कोहली से बराबरी करते हैं – फर्क ये कि उनके इंस्टाग्राम पर न तो 100 मिलियन फॉलोअर्स और न ही वह 30-40 मिलियन डॉलर कमाते हैं। ये दोनों बातें विराट के साथ जुड़ी हैं। विलियमसन क्या वास्तव में बेहतर बल्लेबाज़ हैं विराट कोहली से? वॉन ने तो यहां तक दावा कर दिया कि विलियमसन इस इंग्लिश समर में विराट कोहली को पीछे छोड़ देंगे। उनकी यह दलील बहुत कुछ इस बात पर भी टिकी है कि कोहली ने पिछले दो साल से इंटरनेशनल क्रिकेट में 100 का स्कोर नहीं बनाया है।

इस बात ने पुराने दिग्गजों को एक मजेदार टॉपिक दे दिया बहस के लिए और न्यूजीलैंड के केन विलियमसन और टीम इंडिया के विराट कोहली की बैटिंग की तुलना शुरू हो गई। इस सन्दर्भ में कुछ ख़ास रिकॉर्ड देखना जरूरी है:

  • सॉउथम्पटन में ये पहला मौका नहीं होगा जब ये दोनों आमने- सामने होंगे। अब तक 8 टेस्ट खेल चुके हैं एक दूसरे से मुकाबले में – विराट कोहली : 55.31 औसत से 3 सेंचुरी के साथ 719 रन और विलियमसन : 34.40 औसत से 1 सेंचुरी के साथ 516 रन।
  • जब भी बैटिंग के ‘फैब 4’ की चर्चा में इन दोनों का जिक्र आया तो किसी ने नहीं कहा कि बल्लेबाज़ के तौर पर विलियमसन बेहतर हैं कोहली से।
  • आज टेस्ट रैंकिंग में विलियमसन नंबर 2 जबकि कोहली नंबर 4 हैं। दूसरी तरफ कोहली वनडे और टी20 इंटरनेशनल में टॉप 5 में जबकि विलियमसन इनमें क्रमशः नंबर 12 और 34 हैं।
  • टेस्ट क्रिकेट में कोहली : 91 टेस्ट में 52.37 औसत से 27 सेंचुरी के साथ 7490 रन, विलियमसन : 83 टेस्ट में 54.31 औसत से 24 सेंचुरी के साथ 7115 रन।
  • इंग्लैंड में रिकॉर्ड देखें। कोहली हालांकि 2014 में नाकामयाब रहे लेकिन 2018 में 5 मैच में 593 रन – दो सेंचुरी। विलियमसन 5 टेस्ट में 26.10 औसत से 261 रन – एक सेंचुरी।
  • ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका में भी कोहली का रिकॉर्ड बेहतर है उनसे।
  • जीत में योगदान ऐसा पैरामीटर है जहां न्यूजीलैंड के कप्तान बेहतर साबित होते हैं – विलियमसन के न्यूजीलैंड के लिए 36 टेस्ट जीत में 78.29 औसत से 3993 रन – 15 सेंचुरी (कुल सेंचुरी का 62.5%) के साथ जबकि कोहली का भारत के लिए जीत में औसत 58.25, जिसमें 27 सेंचुरी में से 13 (48.15%) ने जीत में योगदान दिया।

तुलना के ढेरों मुद्दे पर सवाल ये है कि क्या अलग अलग दो टीम के खिलाड़ियों का आपसी मुकाबला किया जा सकता है और अगर करते हैं तो क्या वह सही है? कौन नहीं जानता कि कोहली ने आम तौर पर रन बनाए मुश्किल हालात और टॉप टीमों के विरुद्ध जबकि विलियमसन को कमजोर टीमों के विरुद्ध खेलने का फायदा मिला। किवीज के फाइनल में खेलने की आलोचना का एक मुद्दा यही तो था- वे कमज़ोर टीमों के विरुद्ध अपनी पिचों पर जीतकर जरूरी पॉइन्ट ले गए। दोनों टॉप बल्लेबाज़ और ख़ास बात ये कि दोनों मिसाल बनकर टीम के लिए जीत हासिल करना चाहते हैं। कोहली के नाम के साथ जुड़े ग्लैमर की सच्चाई से इंकार नहीं किया जा सकता पर ये भी तो सच है कि पूरी दुनिया में कोच अपने ट्रेनी बल्लेबाज़ को जिस बल्लेबाज़ की मिसाल देते हैं और उन जैसा बनने के लिए कहते हैं, वे विराट कोहली हैं।

बस अब बात रह जाती है ICC टाइटल जीतने की। देखना है किसका जोर चलेगा ?

  • चरनपाल सिंह सोबती
One thought on “WTC फाइनल : एक टाइटल – अलग अलग मिजाज के दो कप्तान जिन्हें इस टाइटल की सख्त जरूरत”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *