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क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के लिए इस समर का सबसे ख़ास प्रोग्राम है ऑपरेशन एशेज। इसमें कोई शक नहीं कुछ ख़बरें ऐसी रहीं जिन्होंने एशेज को चर्चा में पीछे कर दिया पर 8 दिसंबर से एशेज टेस्ट शुरु होने की देर है- उसके बाद बस एशेज जीतने की ही बात होगी। इंग्लैंड की दो टीम लगभग एक साथ ऑस्ट्रेलिया में हैं- इंग्लिश लायंस बैक-अप टीम है। सीरीज के तय प्रोग्राम के हिसाब से पहला टेस्ट 8 दिसंबर को ब्रिस्बेन में शुरू होगा, दूसरा 16-20 दिसंबर तक एडिलेड में ,तीसरा मेलबर्न में दिसंबर 26-30, सिडनी में 5-9 जनवरी से चौथा और पर्थ में जनवरी 14-18 से आखिरी टेस्ट है पर पर्थ से टेस्ट हट सकता है।

तो किसकी होगी एशेज इस बार :

  • ऑस्ट्रेलिया पिछली दो लगातार सीरीज में अपनी पिचों पर एशेज हारने की बात तो दूर, एशेज टेस्ट तक नहीं हारा है।
  • 2013-14 में 5-0 से और चार साल पहले 5 टेस्ट की सीरीज 4-0 से जीते थे।

इस रिकॉर्ड को देखते हुए क्या इस बार इंग्लैंड मुश्किल चुनौती के लिए तैयार है? रिकॉर्ड के हिसाब से इसका जवाब है- नहीं। इस समर का सीजन अचानक रुकने तक रिकॉर्ड था- 6 टेस्ट में एक जीत यानि कि जो रूट की टीम के पास जवाब से ज्यादा सवाल हैं। टेस्ट का सिलसिला भारत के पांचवें टेस्ट न खेलने से एकदम रुका और इंग्लिश टीम बिखर गई। यहां तक कि क्वारंटीन के मुद्दे पर ऑस्ट्रेलिया जाना है या नहीं- इस सवाल ने भी इंग्लिश क्रिकेटरों को सही फ्रेम में नहीं आने दिया। टीम भी टुकड़ों में ऑस्ट्रेलिया पहुँची- क्या इसे अच्छी तैयारी कहते हैं? इन सवालों का भी कोई जवाब नहीं :

  • बेन स्टोक्स की वापसी तो हो रही है पर क्या वे मानसिक तकलीफ के बाद वास्तव में टॉप क्रिकेट के लिए फिट हैं?
  • 39 साल की उम्र में भी क्या एंडरसन कूकाबुरा गेंद से असरदार साबित होंगे?

फिर भी ऐसा नहीं कि इंग्लैंड इतिहास बदल नहीं सकता और एशेज जीत नहीं सकता। इसकी कई वजह हैं और ऑस्ट्रेलिया इनमें मदद करेगा। देखिए कैसे :

  • इंग्लैंड ने तो टेस्ट नहीं जीते पर ऑस्ट्रेलिया टीम तो टेस्ट खेली है नहीं- उनका आखिरी टेस्ट भारत के विरुद्ध गाबा में था और उसमें झटका देने वाली हार मिली थी। उस टेस्ट के ख़त्म होने के बाद इंग्लैंड ने 11 टेस्ट खेले हैं। यहां तक कि शेफ़ील्ड शील्ड से भी मदद नहीं मिली यानि कि लाल गेंद वाली क्रिकेट की कोई प्रेक्टिस नहीं।
  • ऑस्ट्रेलिया का पूरा भरोसा बिग थ्री पर टिका है- डेविड वार्नर, स्टीव स्मिथ और मार्नस लाबुशेन। कैमरून ग्रीन और मैथ्यू वेड अभी तक अपनी जगह पक्की नहीं कर पाए – इसीलिए उस्मान ख्वाजा को वापस लाना पड़ा। वार्नर के सलामी जोड़ीदार की पहचान अभी भी हवा में है।
  • 2017-18 एशेज के बाद से स्मिथ का घरेलू फॉर्म उम्मीद के मुताबिक प्रभावशाली नहीं- 9 टेस्ट में एक सेंचुरी के साथ 40.50 औसत पर 567 रन।
  • ऑस्ट्रेलिया अपने गेंदबाजों को रोटेट नहीं करते- पैट कमिंस, जोश हेज़लवुड, मिशेल स्टार्क और नाथन लियोन के ‘फैब फोर’ के बाद जरूरत पड़ने पर कौन है? झे रिचर्डसन होनहार है पर लगभग तीन साल में एक टेस्ट नहीं खेला जबकि माइकल नेसर ने तो टेस्ट डेब्यू तक नहीं किया है।
  • ऐसा नहीं कि अपनी पिचों पर ऑस्ट्रेलिया टीम हारती नहीं- 2017-18 एशेज के बाद से, अपनी पिचों पर दो बार हार चुके हैं- दोनों मौकों पर भारत से। 2020- 21 में तो उनकी फर्स्ट इलेवन को भारत की उस टीम ने हराया जो बस उनकी ’ए’ टीम के करीब थी।
  • ऑस्ट्रेलियाई कैंप में अशांति है- सब कुछ ठीक नहीं। खिलाड़ी अब जस्टिन लैंगर के कोचिंग के तरीके पर सवाल उठा रहे हैं। कप्तानी के विवाद ने बची कमी पूरी कर दी।

अगर सीधे सीधे देखें तो ये सीरीज दो कप्तानों का अनोखा मुकाबला है। ऐसा शायद ही पहले कभी टेस्ट क्रिकेट में हुआ। अगर पैट कमिंस पिछले तीन साल से दुनिया के टॉप गेंदबाज हैं तो जो रूट नंबर 1 बल्लेबाज- दोनों की रेटिंग 900 से ऊपर। रूट वास्तव में अच्छी बल्लेबाजी कर रहे हैं और ये साल उनके लिए बड़ा अच्छा रहा है। एक शुद्ध गेंदबाज का टेस्ट क्रिकेट में कप्तानी करना कोई साधारण बात नहीं। विश्वास कीजिए पहली बार एशेज सीरीज में दुनिया के टॉप बल्लेबाज और गेंदबाज आमने सामने हैं कप्तान के तौर पर। वैसे आपसी मुकाबले में दोनों एक- दूसरे के लिए अजनबी नहीं हैं :

  • कमिंस ने लगभग दो साल पहले ओल्ड ट्रैफर्ड में जिस गेंद से रूट के ऑफ स्टंप को उड़ाया था- उसे उनके करियर की सबसे बेहतर गेंद में से एक गिनते हैं।
  • कमिंस ने 10 टेस्ट में रूट को 7 बार आउट किया है, जबकि कमिंस की गेंदों पर रुट का औसत सिर्फ 23.10 है।
  • वैसे भी ऑस्ट्रेलिया में रुट कभी टॉप फार्म में नहीं खेले- न कोई टेस्ट सेंचुरी और न ही दो टूर में कोई टेस्ट जीता है।ऑस्ट्रेलिया में, पिछली दो एशेज सीरीज के 9 टेस्ट में सिर्फ 38 का औसत दर्ज़ किया है।

फिर भी ये रिकॉर्ड इस बार बदल सकता है- रूट का इस साल टेस्ट में 66.13 औसत है, अपने करियर के सबसे शानदार फॉर्म में दिख रहे हैं। इसलिए शायद ये कहना गलत नहीं होगा कि इंग्लैंड की एशेज जीतने की उम्मीद उनके कप्तान की बल्लेबाजी फॉर्म पर टिकी रहेगी। इंग्लैंड ने 2021 साल में 7 सेंचुरी बनाई हैं- रूट के नाम उनमें से 6 हैं। रूट का रिकॉर्ड- 200 टेस्ट पारियों में 9,278 रन और इंग्लैंड की लिस्ट में कुक (12,472) के बाद दूसरे नंबर पर जबकि वह और केविन पीटरसन (23) सेंचुरी की गिनती में कुक (33) के बाद हैं।

हाँ, अनुभव देखें तो रूट कप्तान के तौर पर भारी पड़ेंगे कमिंस पर- कमिंस को अभी यह भी नहीं पता कि वह खेल और कप्तानी दोनों को एकसाथ संभाल भी सकते हैं या नहीं? उन्हें नहीं मालूम कि टेस्ट की पहली सुबह कप्तान कैसा महसूस करते हैं? इसलिए जिसने पहले आंख झपकी- उसके हाथ से एशेज गई।

  • चरनपाल सिंह सोबती
One thought on “एशेज : पहली बार नंबर 1 बल्लेबाज और नंबर 1 गेंदबाज आमने सामने हैं कप्तान के मुकाबले में”
  1. सरजी बहुत बढीया विश्लेषण अँशेस के बारी मे एक अलग सा अंदाज कप्तानों की बारी में 👍👌👌👌👌

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