संयोग से, ऐसे दिनों में, जब भारत के टेलेंट पूल के लिए अच्छे क्रिकेटर जुटाने और घरेलू क्रिकेट को उसकी सही पहचान देने की चर्चा चल रही है- बीसीसीआई ने घरेलू 2023-24 सीजन की चर्चा शुरू कर दी। सब जानते हैं कि पिछले कुछ सालों से घरेलू क्रिकेट के साथ कैसा सलूक हो रहा है- आईपीएल के बढ़ते प्रभाव में घरेलू कैलेंडर में बार-बार बदलाव क्योंकि आईपीएल विंडो के साथ कभी छेड़छाड़ नहीं करते। इतना ही नहीं, आईपीएल और लंबा हुआ और उस पर इंटरनेशनल मैचों की भीड़ तो दिन घरेलू क्रिकेट कैलेंडर से ही कटेंगे।
इस साल, आईपीएल और डब्ल्यूटीसी के बाद नया सीजन शुरू होगा लगातार दो इंटर-रीजन टूर्नामेंट दलीप ट्रॉफी और देवधर ट्रॉफी के साथ। नॉकआउट फॉर्मेट में आयोजित होने वाली इन चैंपियनशिप में 6 रीजनल टीम हिस्सा लेंगी। बीसीसीआई ने सभी 6 जोन को 15 जून तक अपनी टीम चुनने का समय दिया पर उससे पहले जरूरी था कि हर जोन, एक जोनल सेलेक्शन पेनल फाइनल कर ले और साथ ही एक जोनल को-ऑर्डिनेटर नॉमिनेट करें जो मीटिंग सुपरवाइज़ करेगा और बोर्ड को रिपोर्ट करेगा। 28 जून से दलीप ट्रॉफी है 16 जुलाई तक और सभी 6 जोन : नार्थ, साउथ, वेस्ट, ईस्ट, सेंट्रल और नार्थ -ईस्ट की टीम इसमें खेल रही हैं। पिछले सीजन के फाइनलिस्ट, साउथ और वेस्ट, को सेमीफाइनल में सीधे एंट्री मिली है जबकि बची 4 टीम दो क्वार्टर फाइनल खेलेंगी। क्वार्टर फ़ाइनल के विजेता, सेमीफाइनल में साउथ और वेस्ट से खेलेंगे, जिसके बाद फाइनल होगा। इस बार मेजबान बेंगलुरु हैं।
वनडे 50 ओवर की देवधर ट्रॉफी प्रतियोगिता पड़ोसी स्टेट पुडुचेरी में होगी और अभी तक के प्रोग्राम के हिसाब से 24 जुलाई से 3 अगस्त तक खेलेंगे। देवधर ट्रॉफी आखिरी बार 2019 में खेले थे। दलीप ट्रॉफी के लिए सभी जोन की टीम की संरचना सामने आ चुकी है पर बदलाव हो सकते हैं। कुछ खास बात नोट कीजिए :
वेस्ट जोन : रहाणे के वेस्ट जोन टीम का कप्तान बनने की उम्मीद थी पर सेलेक्टर्स ने भविष्य पर ध्यान दिया और प्रियांक पांचाल कप्तान हैं। टीम में यशस्वी और ऋतुराज भी थे पर वेस्टइंडीज टूर टीम में शामिल होने पर उनकी जगह वे दो सीनियर टीम में आ गए जो टेस्ट टीम में अपनी जगह वापस पाने की नई कोशिश कर रहे हैं- चेतेश्वर पुजारा और सूर्य कुमार यादव। टीम तो क्या, मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (एमसीए) ने अपने सीनियर ऑफ-सीजन कैंप के लिए 47 खिलाड़ियों की लिस्ट में भी आदित्य तारे को शामिल नहीं किया। दूसरा हैरान करने वाला फैसला गुजरात के खब्बू तेज गेंदबाज अर्जन नगवासवाला को चुनना है- पिछले घरेलू सीजन से बाहर होने के बावजूद।
ईस्ट जोन : दलीप ट्रॉफी में खेलने से ईशान किशन के न खेलने के फैसले की बड़ी चर्चा है। वेस्टइंडीज टूर टीम में वे हैं। केएस भरत के साउथ टीम के लिए खेलने पर किशन को सेलेक्ट करने का प्रस्ताव था पर जवाब मिला- दलीप ट्रॉफी खेलने में कोई दिलचस्पी नहीं है। उनकी जगह बंगाल के अभिषेक पोरेल को मिली पर रिद्धिमान साहा को नहीं चुना- एक अनुभवी ग्लवमैन और बेहतरीन बल्लेबाज होने के बावजूद। रिपोर्ट है कि साहा ने खुद खेलने से इंकार किया- जब टीम इंडिया के दरवाजे बंद हो चुके हैं तो जोन टीम में किसी युवा का रास्ता क्यों रोकें? इंडिया ए के कप्तान अभिमन्यु ईश्वरन कप्तान हैं और स्पिनर शाहबाज नदीम उनके डिप्टी।
ये खबर चर्चा में है कि टीम का चयन बड़े अजीब ढंग से हुआ और सेलेक्टर की जगह एडमिनिस्ट्रेटर ने टीम को चुना। रांची में हुई मीटिंग में बिहार क्रिकेट एसोसिएशन की तरफ से उनके जीएम एडमिनिस्ट्रेशन नीरज सिंह ने हिस्सा लिया जबकि गाइडलाइन ये है कि कोई सेलेक्टर न हो तो कम से कम रणजी ट्रॉफी खेल चुका ही मीटिंग में हिस्सा ले। मजे की बात ये है कि एसोसिएशन में दो पुराने खिलाड़ी जीएम (क्रिकेट ऑपरेशन) सुनील सिंह और क्रिकेट मैनेजर मनीष ओझा हैं पर इन्हें नहीं भेजा।
नार्थ जोन : 2022 अंडर-19 वर्ल्ड कप विजेता कप्तान यश ढुल को जगह नहीं मिली। कप्तान मनदीप सिंह हैं। एक बड़ी मजेदार बात ये है कि टीम चयन की मीटिंग में चेतन शर्मा मौजूद थे- हाल के सभी विवाद के बावजूद और इतना ही नहीं वे सीनियर होने के नाते हैड भी थे। वे हरियाणा क्रिकेट एसोसिएशन के प्रतिनिधि थे। ठीक है उनका अनुभव काम आया पर उन विवाद का क्या करें जो सेलेक्टर के तौर पर उनके नाम के साथ जुड़े हैं।
साउथ जोन : हनुमा विहारी और मयंक अग्रवाल क्रमशः कप्तान और उप-कप्तान जबकि साई सुदर्शन और तिलक वर्मा को आईपीएल की फार्म पर फिर से चुना है। इस जोन में हंगामा इस बात पर है कि पिछले सीजन में रणजी ट्रॉफी (एलीट ग्रुप) में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले खिलाड़ी को नहीं चुना- जलज सक्सेना ने केरल के लिए 7 मैच में 50 विकेट लिए थे (19.26 औसत, 6 बार 5 विकेट और 2 मैच में 10 विकेट)।
- चरनपाल सिंह सोबती