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बंगलौर के एम चिदंबरम स्टेडियम में भारत-श्रीलंका टेस्ट की लगभग हर चर्चा में स्टेडियम में 100 प्रतिशत तक दर्शकों की वापसी और विराट कोहली की सेंचुरी का इंतजार है। इस टेस्ट की एक और बड़ी ख़ासियत ये है कि ये डे-नाइट टेस्ट है यानि कि हर रोज़ कुछ देरी के लिए फ्लड लाइट्स में क्रिकेट खेलेंगे। बीसीसीआई के नज़रिए से देखें तो ये उनकी पॉलिसी में बहुत बड़े बदलाव का एक और सबूत है। जो बीसीसीआई डे-नाइट टेस्ट क्रिकेट की कमियां गिना-गिना कर, ऐसे टेस्ट खेलने की रज़ामंदी नहीं देते थे, अब कोविड के बावजूद इस साल न सिर्फ खुद ऐसे दूसरे टेस्ट की मेज़बानी कर रहे हैं, टीम इंडिया ऐसा चौथा टेस्ट भी खेल रही है।

रिकॉर्ड देखें तो सबसे पहला डे-नाइट टेस्ट 27 नवंबर, 2015 से एडिलेड ओवल में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया। इस प्रयोग को बड़ी चर्चा मिली और इसे कामयाब बनाने के लिए हर नज़र क्रिकेट के बड़े देश के बोर्ड बीसीसीआई पर थी। ये सितंबर 2016 की बात है जब उस समय के बीसीसीआई चीफ अनुराग ठाकुर ने साफ़ कह दिया था कि भारत अभी अपनी पिचों पर कोई डे-नाइट टेस्ट नहीं खेलेगा।

भारत में तो क्या, बीसीसीआई ने भारत से बाहर भी टीम इंडिया के ऐसा टेस्ट खेलने पर सहमति नहीं दी। भारत के 2018-19 के ऑस्ट्रेलिया टूर का जब प्रोग्राम बन रहा था तो ऑस्ट्रेलिया ने एडिलेड ओवल में डे-नाइट टेस्ट खेलने का प्रस्ताव रखा। बीसीसीआई ने इंकार कर दिया इस दलील पर कि ऑस्ट्रेलिया को इतनी आसानी से जीतने का मौका क्यों दे दें? उस समय तक रिकॉर्ड ये था और आज भी है कि ऑस्ट्रेलिया खेले सभी डे-नाइट टेस्ट जीता है- अब ये गिनती 10 टेस्ट है।

इसलिए इस संदर्भ में, अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम का पिछला टेस्ट हो या ये बंगलौर टेस्ट- ये ख़ास है क्योंकि बीसीसीआई ने अपनी पालिसी को बदला। ये बदलाव हुआ सौरव गांगुली के बीसीसीआई चीफ बनने के बाद।

नवंबर 2019 में बांग्लादेश की टीम भारत आई तो आनन-फानन में सीरीज का दूसरा और आखिरी टेस्ट इडेन गार्डंस, कोलकाता में डे-नाइट खेलने का फैसला ले लिया और यह इन दोनों टीम का पहला डे-नाइट टेस्ट था। ऑस्ट्रेलिया वाले तो बीसीसीआई की पॉलिसी में आए इस बदलाव से इतने खुश थे कि कोविड की चर्चा से पहले, उन्होंने तो टीम इंडिया के 2020- 21 के ऑस्ट्रेलिया टूर में 4 में से 2 टेस्ट डे-नाइट के तौर पर खेलने का प्रस्ताव रख दिया था। आखिर में भारत ने एडिलेड ओवल में डे-नाइट टेस्ट खेला। यहां तक कि टूर में एक डे-नाइट फर्स्ट क्लास मैच भी खेले। इसके बाद इस साल फरवरी में अहमदाबाद में टेस्ट खेले इंग्लैंड के विरुद्ध और अब श्रीलंका के विरुद्ध खेल रहे हैं।

रिकॉर्ड के लिए, अब तक कुल 18 डे-नाइट टेस्ट खेले जा चुके हैं (बंगलौर से पहले)। सबसे ज्यादा 10 टेस्ट ऑस्ट्रेलिया ने खेले हैं और सभी जीते। उसके बाद इंग्लैंड ने 6, पाकिस्तान ने 4, न्यूजीलैंड, श्रीलंका, भारत और वेस्टइंडीज ने 3-3, दक्षिण अफ्रीका ने 2 तथा बांग्लादेश और जिम्बाब्वे ने 1-1 डे-नाइट टेस्ट खेला है। भारत ने कोलकाता और अहमदाबाद वाला टेस्ट जीता जबकि एडिलेड ओवल में हारे।

अगर भारत में डे-नाइट फर्स्ट क्लास क्रिकेट की बात करें तो पहला डे-नाइट फर्स्ट क्लास मैच अप्रैल 1997 में, दिल्ली-मुंबई रणजी ट्रॉफी फाइनल था ग्वालियर में। 2016 के दलीप ट्रॉफी मैच ग्रेटर नोएडा में फ्लड लाइट्स में खेले गए। पिछले ऑस्ट्रेलिया टूर में 11 दिसंबर 2020 से टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया ए के विरुद्ध जो फर्स्ट क्लास प्रैक्टिस मैच खेला वह डे नाइट था। इस तरह टीम इंडिया के क्रिकेटरों के पास डे-नाइट क्रिकेट का बहुत ज्यादा तजुर्बा नहीं पर डे-नाइट टेस्ट खेल रहे हैं।

  • चरनपाल सिंह सोबती

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