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नौबत ये आ चुकी है कि 2020-21 सीजन को तो गिनती से ही निकाल रहे हैं और अपने इतिहास में पहली बार रणजी ट्रॉफी नहीं खेली गई। जिस रणजी ट्रॉफी को वर्ल्ड वॉर और भारत के अन्य युद्ध ने नहीं रोका- उसे कोविड ने रोक दिया। ये भी किसी से छिपा नहीं कि बीसीसीआई ने जितनी बेताबी इंटरनेशनल क्रिकेट/आईपीएल के लिए दिखाई- उतनी घरेलू क्रिकेट के लिए नहीं। इसी आलोचना के बीच बीसीसीआई ने कह दिया- 2021-22 के घरेलू क्रिकेट सीजन को खेलेंगे। मजे की बात ये है कि जिन तारीखों में टी 20 वर्ल्ड कप के मैच नहीं खेले (और हटाकर यूएई ले गए) उन्हीं तारीखों में घरेलू सीजन शुरू करने का प्रोग्राम बना दिया।

प्रोग्राम कई मुश्किलों के बीच बना, बदलता रहा और सच ये कि तय तारीख पर शुरू नहीं हुआ। खैर शुरू होने के बाद सीजन का कैलेंडर किन उतार- चढ़ाव को देखेगा ये समय ही बताएगा ?

सीजन शुरू होना था 28 सितंबर से पर दक्षिण ओडिशा और उत्तरी आंध्र प्रदेश के तटों पर तूफान की चेतावनी के कारण लड़कों और लड़कियों के अंडर -19 टूर्नामेंट (लड़कों की वीनू मांकड़ ट्रॉफी और गर्ल्स वन-डे टूर्नामेंट) दो दिन टाल दिए। हैदराबाद और भुवनेश्वर में भारी बारिश पर, अन्य मेजबान शहरों इंदौर, विजाग, सूरत, राजकोट और नागपुर में मौसम साफ़ होने के बावजूद, मैच रोक दिए ताकि एक साथ खेलें।आईसीसी अंडर 19 वर्ल्ड कप 2022 में है और उसी को ध्यान में रखते हुए अंडर 19 खिलाड़ियों को मौका दिया जाना जरूरी है। जिस तरह से कोविड की ‘थर्ड वेव ‘ की चर्चा है, क्या उसमें बाकी की ट्रॉफी बिना दिक्कत खेल पाएंगे? सबसे पहले तो ये देखें कि प्रोग्राम क्या है?

  • टी20 सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी : सीनियर टीम का टूर्नामेंट 27 अक्टूबर से 22 नवंबर तक खेलेंगे।
  • 50 ओवर की विजय हजारे ट्रॉफी : इसे खेलेंगे दिसंबर 1-29 तक। इसका मतलब है कि दोनों सीनियर पुरुष व्हाइट-बॉल टूर्नामेंट फर्स्ट क्लास क्रिकेट सीजन से पहले खेलेंगे- रणजी ट्रॉफी के जो दिन पहले तय किए थे- उन्हीं के बीच।
  • महिला वन डे टूर्नामेंट : 20 अक्टूबर से शुरू।
  • इसके बाद महिला चार-टीम चैलेंजर ट्रॉफी : न सिर्फ टॉप खिलाड़ियों, न्यूजीलैंड में 2022 वर्ल्ड कप पर नजर रखने वाली फ्रिंज खिलाड़ी भी इससे फायदा उठाएंगी।
  • घरेलू सीजन का समापन सीके नायडू ट्रॉफी के साथ : ये अब अंडर-23 के बजाय अंडर-25 टूर्नामेंट है- इस बदलाव से उन खिलाड़ियों को फायदा होगा जो कोविड के कारण लगभग 18 महीने तक क्रिकेट नहीं खेल पाए। इसे 6 जनवरी से 2 अप्रैल तक खेलेंगे।
  • रणजी ट्रॉफी : शुरुआत होनी थी 16 नवंबर से। अब खेलेंगे 5 जनवरी से- कई स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन की इस मांग पर कि इस 38 टीम वाले टूर्नामेंट की तैयारी के लिए और समय मिले । टूर्नामेंट अब 20 मार्च, 2022 को ख़त्म होगा साथ ही टूर्नामेंट की संरचना भी बदल दी है:
    टीम : 38
    ग्रुप : 6 – 5 एलीट (हर एक में 6 टीम) और एक प्लेट (8 टीम)।
    संरचना : हर एलीट ग्रुप से टॉपर टीम सीधे क्वार्टर फाइनल में। हर एलीट ग्रुप से नंबर 2 टीम और प्लेट ग्रुप से टॉपर अन्य क्वालीफायर तय करने के लिए तीन प्री-क्वार्टर फाइनल खेलेंगे। इस नई संरचना से मैच कम होंगे जो बीसीसीआई के नज़रिए से बेहतर है पर खिलाड़ियों की कमाई कम हो जाएगी। मैच सेफ्टी बायो बबल में होंगे और टीमों को तीन दिन पहले ही वेन्यू पर पहुंचना होगा। हर टीम में अधिकतम 30 सदस्य- इनमें से कम से कम 20 खिलाड़ी हों। हर टीम को कोविड-19 से संबंधित मुद्दों एवं इमरजेंसी के लिए एक डॉक्टर भी नियुक्त करने के लिए कहा।
  • अंडर-19 खिलाड़ियों को मिलेगा अतिरिक्त साल : अंडर -19 खिलाड़ियों को,जूनियर क्रिकेट के सबसे बड़े टूर्नामेंट अंडर 19 वर्ल्ड कप को ध्यान में रखते हुए, एक रियायत दे रहे हैं- मौजूदा नियम ये है कि एक खिलाड़ी अंडर-19 क्रिकेट में अधिकतम चार सीजन खेल सकता है- अब इसे पांच सीज़न कर दिया है।
  • अंडर 16 विजय मर्चेंट ट्रॉफी : इस पर वेक्सीन की शर्त हटा ली है- इसे नवंबर-दिसंबर 2021 में खेलने की उम्मीद है।
  • दलीप ट्रॉफी और ईरानी कप के लिए कोई जगह नहीं : ये दोनों फर्स्ट क्लास क्रिकेट टूर्नामेंट पिछले साल भी नहीं खेले थे। दलीप ट्रॉफी मूल रूप से एक रीजनल टूर्नामेंट था, लेकिन 2016-17 से तीन टीम (इंडिया रेड, इंडिया ब्लू और इंडिया ग्रीन) खेल रही हैं। ईरानी कप 5 दिन का मैच है- रणजी ट्रॉफी चैंपियन और शेष भारत इलेवन के बीच। दलीप ट्रॉफी, देवधर ट्रॉफी और ईरानी कप सीजन के प्रोग्राम में नहीं हैं- बीसीसीआई ने कुछ नहीं बताया कि इन्हें क्यों नहीं खेल रहे? ये अभी भी घरेलू खिलाड़ियों के बीच लोकप्रिय हैं क्योंकि यह उन्हें देश में सबसे बेहतर खिलाड़ियों के साथ खेलने का मौका देते हैं।

इस संदर्भ में 2017-18 सीज़न का जिक्र जरूरी है। तब भी बीसीसीआई ने दलीप ट्रॉफी को रद्द कर दिया था। उस समय सीओए, बीसीसीआई को चला रहे थे और उनकी बड़ी आलोचना हुई – इसमें सौरव गांगुली शामिल थे जो उस समय तकनीकी कमेटी के चीफ थे। तब मजबूरी में टूर्नामेंट को कैलेंडर में जोड़ा गया था। अब वही सौरव गांगुली बीसीसीआई चीफ हैं और दलीप ट्रॉफी न खेलने पर चुप। वैसे भी इंडिया ए के मैचों के न खेलने के कारण युवा खिलाड़ियों के लिए यह टूर्नामेंट अच्छा मौका देने वाला साबित होता।

बीसीसीआई ने जब 2021-22 सीजन का बंपर ऐलान किया था तो मैच की गिनती 2127 थी- अब संरचना बदलने से मैच कुछ कम होंगे। मजे की बात ये है कि जब बीसीसीआई ने 2127 मैच के घरेलू सीजन की घोषणा की तो उससे सिर्फ चार दिन पहले ही कहा था कि टी 20 वर्ल्ड कप की मेजबानी नहीं कर पाएंगे, जबकि उसमें तो सिर्फ 45 मैच होने थे। तो क्या घरेलू क्रिकेटरों की सुरक्षा बीसीसीआई के लिए इंटरनेशनल क्रिकेटरों जैसी महत्वपूर्ण नहीं? अगर बीसीसीआई को 16 इंटरनेशनल टीम के खिलाड़ियों को सुरक्षित रखने की अपनी क्षमता पर भरोसा नहीं था तो रणजी की 38 टीम के खिलाड़ियों को कैसे सुरक्षित रखेंगे?

बीसीसीआई के पास हाल -फिलहाल इस सवाल का भी जवाब नहीं कि अगर कुछ मैच कोविड-19 से प्रभावित होते हैं और उन्हें रद्द करते हैं तो पॉइंट्स कैसे दिए जाएंगे?

  • चरनपाल सिंह सोबती

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