fbpx

पाकिस्तान के पीएम और वे जिनके हाथ में पकिस्तान क्रिकेट का रिमोट है : इमरान खान- जो किसी परिचय के मोहताज़ नहीं
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चीफ : रमीज राजा- भूतपूर्व कप्तान और क्रिकेटर

इन हस्तियों के होते हुए किस हाल में है पकिस्तान क्रिकेट? पकिस्तान की राजनीति के नज़रिए से नहीं, क्रिकेट के नज़रिए से सोचिए- क्या जो हुआ सही है ? पकिस्तान क्रिकेट वापसी की राह पर जितने फुट आगे आई थी- उससे ज्यादा पीछे चली गई। क्रिकेट बिरादरी यूं ही एक दूसरे को ख़राब करेगी तो हर टूर पर ख़तरा है और मेजबान नुक्सान के लिए तैयार रहें। दो लगातार क्रिकेट सीरीज रद्द- पहले न्यूजीलैंड और फिर इंग्लैंड। इन सीरीज के रद्द होने से नुकसान- 15 से 25 मिलियन अमरीकी डालर तक।

पकिस्तान बोर्ड को एहसास है कि चाहे जितना शोर करें, चिल्ला लें- कुछ नहीं होने वाला। इसीलिए वे मान रहे हैं- ‘हमें अपनी क्रिकेट इकॉनमी में सुधार करना होगा- इसे इतना बेहतर करना होगा ताकि ये देश खुद हमसे खेलना चाहें। यह हमारे हित में भी है ताकि हमारे खिलाड़ियों को बेहतर फीस मिले और हमें अधिक सम्मान। बाहर के खिलाड़ी जब पीएसएल में आते हैं तो न यहां घबराए होते हैं और न ही थके हुए, पर टीम के तौर पर पाकिस्तान के प्रति उनकी मानसिकता ही बदल जाती है।’

आगे कहा- ‘ पहले न्यूजीलैंड, फिर इंग्लैंड,आगे वेस्टइंडीज के विरुद्ध सीरीज है- उसे भी झटका लग सकता है और ऑस्ट्रेलिया तो पहले से ही टूर के बारे में सोच रहा था। यह – इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड- सब एक ब्लॉक है। ऐसे में किस से, किस की शिकायत करें? हमें लगा था वे हमारे अपने हैं लेकिन उन्होंने हमें अपना नहीं माना है।’ इशारा इंग्लैंड की तरफ है।

अपनी बात साफ़ साफ़ कहने वाले शोएब अख्तर ने कहा- ‘न्यूजीलैंड को छोड़ना नहीं है।’ उनकी हसरत है पाकिस्तान 2021 टी 20 वर्ल्ड कप में न्यूजीलैंड को किसी भी कीमत पर करारी मात दे- मैच 26 अक्टूबर को है शारजाह में। सिर्फ शोएब ही गुस्से से नहीं उबल रहे- जो न्यूजीलैंड ने पाकिस्तान के साथ किया, उस पर क्रिकेट को समझने वाला हर कोई उबल रहा है। ब्लैक कैप्स ने 17 सितंबर को रावलपिंडी क्रिकेट स्टेडियम में पहला वनडे शुरू होने से कुछ मिनट पहले न सिर्फ मैच खेलने से इंकार कर दिया, टूर भी रद्द और वापस लौट लिए। न्यूजीलैंड क्रिकेट ने बयान जारी किया- रिपोर्ट है कि टीम की सुरक्षा खतरे में है। न्यूजीलैंड की पीएम जैसिंडा अर्डर्न ने भी कहा- क्रिकेटरों की सुरक्षा हर चीज से ऊपर है।

कोई नहीं चाहेगा कि न्यूजीलैंड के क्रिकेटर खतरे में खेलते पर मेजबान को बताओ तो कि ख़तरा आखिरकार है क्या? पकिस्तान पीएम के सुरक्षा के और बेहतर इंतज़ाम के वायदे के बावजूद न्यूजीलैंड ने इरादा नहीं बदला। जिस तरह, और बिना ठोस वजह, न्यूजीलैंड ने सही राह पर लौट रही पाकिस्तान क्रिकेट को मुश्किल में डाल दिया- उसे कौन समझेगा? मैच के टिकट बिक चुके थे- दर्शकों की तकलीफ की किसे चिंता है? न सिर्फ पाकिस्तान बोर्ड को जबरदस्त नुकसान पर पहुंचा दिया- ये भी नहीं सोचा कि उनके बाद जिन टीमों ने पकिस्तान आना है, वे किस हिम्मत पर आएंगे?

वही हुआ और कुछ घंटे बाद इंग्लैंड ने भी अक्टूबर में टीम पकिस्तान भेजने से इंकार कर दिया- उनकी पुरुष और महिला दोनों टीमें आने वाली थीं। इंग्लैंड ने तो जख्म और बढ़ा दिए। वे भी खिलाड़ियों की सुरक्षा को वजह बता सकते थे पर खिलाड़ियों की भलाई और इस रीजन के टूर की बढ़ती चिंताओं को वजह बताया। मजे की बात ये है कि प्राइवेट तौर पर न्यूजीलैंड वाले जिस सुरक्षा एजेंसी का ऐसे मामलों में प्रयोग करते हैं- इंग्लैंड भी उसी से रिपोर्ट लेता है। ये फाइव आईज इंटेलिजेंस नेटवर्क है- जो ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और यूएसए में भी काम करता है। इंग्लैंड ने तो नए सवालों के साथ ,पकिस्तान को यूं लगातार दो टूर रद्द होने को ‘साजिश’ का नाम देने पर मजबूर कर दिया।

इंग्लैंड के फैसले से कई सवाल जुड़ते हैं- देखिए :

  • ब्रिटिश सरकार ने कहा उनका टूर रद्द कराने में कोई हाथ नहीं- ये ईसीबी का अपना फैसला है।
  • पाकिस्तान में ब्रिटिश हाई कमिशनर डॉ क्रिश्चियन टर्नर ने कहा सुरक्षा या खतरे की कोई रिपोर्ट नहीं थी। दोनों बोर्ड की एक ही सुरक्षा एजेंसी और पकिस्तान टूर पर एक के पास खतरे की रिपोर्ट और दूसरे के पास कोई नहीं!
  • खिलाडियों की भलाई की बात है तो उन्हें ‘आराम’ के लिए कहते- आईपीएल कॉन्ट्रैक्ट वालों ने फटाफट आईपीएल में रहने के दिन बढ़ा दिए।
  • इंग्लैंड ने ये भी न सोचा कि जिस पकिस्तान क्रिकेट ने 2020 में, कोविड के जबरदस्त खतरे में, बिना वेक्सीन, इंग्लैंड में खेलकर, उन्हें जबरदस्त घाटे
    (£16.5 मिलियन) से बचाया, उसी को धोखा दे रहे हैं। पकिस्तान क्रिकेटर, बिना रियायत वाले सख्त बायो बबल में तब ‘कैदियों की तरह’ बिना शिकायत या नखरे, स्टेडियम के आस- पास ही रहे थे। ओल्ड ट्रैफर्ड और एजेस बाउल में सख्त बायोसिक्योर बबल में दो महीने बिताए। पकिस्तान ने तो इस साल भी वाइट बॉल सीरीज के लिए इंग्लैंड का टूर किया। विश्वास कीजिए- इसी मदद का शुक्रिया अदा करने इंग्लैंड ने पकिस्तान में खेलने का ये प्रोग्राम बनाया था। देख लीजिए क्या किया किया- खुद आए नहीं, बाद में आने वाली टीमों के टूर भी खतरे में डाल दिए।
  • सिर्फ चार दिन का टूर था- दो टी 20 इंटरनेशनल। महिलाओं के दो टी 20 डबल हैडर में और तीन वन डे।
  • रमीज राजा ने लिखा- ‘जब हमें इस टूर की सबसे ज्यादा जरूरत थी वे नहीं आए। पाकिस्तान टीम को ये,अब दुनिया की सबसे बेहतर टीम बनने के लिए एक वेक-अप कॉल है ताकि बिना बहाना बनाए, दूसरी टीमें, खेलने के लिए, लाइन में लगी रहें। कोविड के दौरान इंग्लैंड की मदद के लिए हमने पिछले सीजन में जो बलिदान दिया, वह बेकार गया। हमने इससे एक कठोर सबक सीखा है।’
  • इंग्लैंड का टूर क्रिकेट के महत्व से ज्यादा प्रतीकात्मक था- 2005 के बाद से इंग्लैंड का पहला पाकिस्तान टूर, 2009 में श्रीलंका टीम पर आतंकवादी हमले के बाद पकिस्तान में क्रिकेट की वापसी पर भरोसा देने वाला टूर।
  • पाकिस्तान को अब डर है कि फरवरी का ऑस्ट्रेलिया टूर भी रद्द हो जाएगा। ऑस्ट्रेलिया ने 1998 के बाद से पाकिस्तान का टूर नहीं किया है।
  • मजे की बात ये है कि लेस्टरशायर के अप्टनस्टील काउंटी ग्राउंड में इंग्लैंड महिला और न्यूजीलैंड महिला तीसरे वन डे से पहले, टूर टीम से संबंधित एक “धमकी वाला ईमेल” सामने आने के बावजूद न्यूजीलैंड ने टूर रद्द नहीं किया।
  • यह भी क्या मजेदार संयोग है कि कप्तान इयोन मोर्गन सहित इंग्लैंड के खिलाड़ी अब आईपीएल की पूरी अवधि के लिए यूएई में रह सकेंगे क्योंकि ईसीबी ने बांग्लादेश और पाकिस्तान के टूर रद्द किए।
  • ये भी सामने आ चुका है कि ईसीबी ने अपने आप फैसला लिया- खिलाड़ियों से तो पूछा ही नहीं कि क्या वे पाकिस्तान टूर के लिए तैयार हैं? पूछते और जो नहीं जाना चाहते थे उन्हें विकल्प देते कि बिना ‘सज़ा’ टूर पार्टी से हट सकते हैं जैसे मॉर्गन और एलेक्स हेल्स ने 2016 में बांग्लादेश जाने से इनकार कर दिया था। पूरी टीम चाहती तो भी एक और टीम बना सकते थे, जैसे कि इस समर में किया था। लेकिन नहीं- पाकिस्तान क्रिकेट ने 2009 में आतंकवादी हमले के बाद अलगाव के सालों में जो झेला और इंटरनेशनल क्रिकेट को वापस पाने के लिए जो मेहनत की, उसे खराब कर दिया।

पीसीबी औपचारिकता के लिए, नुकसान के मुआवजे की मांग कर ले पर होना कुछ नहीं। अब इंग्लैंड को अक्टूबर से दिसंबर 2022 में 5 वन डे और 3 टेस्ट के लिए पाकिस्तान आना है- क्या वह टूर भी खतरे में है?

  • चरनपाल सिंह सोबती

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *