fbpx

इंग्लैंड के लिए अगली टेस्ट सीरीज एशेज है- ऑस्ट्रेलिया में। भले ही इंग्लैंड- भारत या ऑस्ट्रेलिया- भारत सीरीज हाल के सालों में लोकप्रियता और रोमांच के चार्ट में काफी ऊपर रहीं पर जो एशेज की बात ही अलग है। तो क्यों है एशेज संकट में? इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया दोनों नहीं जानते कि सीरीज का क्या होने वाला है? ये मामला है क्या?

किस्सा ये है कि ऑस्ट्रेलिया के मौजूदा कोविड प्रोटोकॉल के हिसाब से ऑस्ट्रेलिया में दाखिल होने पर 14 दिन का क्वारंटीन जरूरी है।ऑस्ट्रेलिया वाले इस पर कितने सख्त हैं इसका अंदाज़ा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि

  • जब इस साल आईपीएल बीच में रुकने पर उनके क्रिकेटर वापस पहुंचे थे तो क्वारंटीन में रहना पड़ा था।
  • भारत के क्रिकेटरों ने पिछली सीरीज में बड़ा सख्त क्वारंटीन झेला था।
  • जब उनके अपने क्रिकेटर वेस्टइंडीज और बांग्लादेश के वाइट बॉल टूर से लौट तो एडिलेड के एक होटल में दो हफ्ते का क्वारंटीन करना पड़ा। ट्रेनिंग की भी इजाजत नहीं थी ।

इंग्लैंड के क्रिकेटर इस क्वारंटीन के लिए तैयार है पर ये नहीं चाहते कि जब उनका परिवार टूर पार्टी में शामिल हो तो इतने सख्त क्वारंटीन को झेले।ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज के दूसरे हॉफ में क्रिकेटरों के परिवार का साथ होना एक आम बात है। वे आमतौर पर पर्थ में उनके साथ शामिल होते हैं और जनवरी की शुरुआत में सिडनी टेस्ट के अंत तक रहते हैं।अब ऑस्ट्रेलिया वीजा भी कम दे रहा है क्योंकि वे देश भर में लॉकडाउन के साथ डेल्टा से भी जूझ रहे हैं। इंग्लैंड के क्रिकेटर इसलिए रियायत मांग रहे हैं। उनकी दिक्कत पर और विवाद ख़त्म करने के लिए उनके लिए दो रियायत का प्रस्ताव आ चुका है पर बात बन नहीं रही :

  • परिवार के साथ टीम गोल्ड कोस्ट में खूबसूरत रिसॉर्ट होटल में ठहरें।
  • ट्रेनिंग के लिए हर रोज़ दो या तीन घंटे की इजाजत।

इंग्लैंड के क्रिकेटर इसी बात पर एशेज टूर का बॉयकॉट तक करने को तैयार हैं। वे सीरीज छोड़ देंगे- लगातार बायो बबल में रहते हुए (खासकर जबकि क्रिसमस भी है) परिवार से अलग रहने के लिए तैयार नहीं। इसलिए यहां तक सोचा जा रहा कि सीरीज को कुछ दिन के लिए टाल दो, इस उम्मीद से कि शायद तब तक हालात कुछ बेहतर हो जाएं और ऑस्ट्रेलिया क्वारंटीन में रियायत दे दे।

एशेज के प्रोग्राम में किसी भी बदलाव का मतलब है इंग्लैंड की और आगे की वेस्टइंडीज और पाकिस्तान के विरुद्ध सीरीज की तारीखों में बदलाव- ये सीरीज क्रमशः मार्च 2022 और नवंबर 2022 में होनी हैं। इंग्लैंड को टी 20 सीरीज के लिए यूएई जाना है और उसके बाद एशेज के लिए ऑस्ट्रेलिया और अंत में वेस्टइंडीज के साथ सीरीज के लिए कैरिबियन। जो खिलाड़ी तीनों तरह की क्रिकेट खेलते हैं वे तो इसका मतलब है कि टी 20 वर्ल्ड कप के लिए बाहर निकलने के बाद जनवरी के अंत तक यानि कि जब तक पांचवां टेस्ट खत्म होगा, बाहर ही रहेंगे। जोस बटलर इसकी सबसे अच्छी मिसाल हैं।

तो सीरीज पर संकट ये है कि कई खिलाड़ी और सपोर्ट स्टाफ सीरीज के लिए ऑस्ट्रेलिया जाने से इंकार कर सकते हैं। इंग्लिश बोर्ड ने ये भी कह दिया है कि मौजूदा हालात में ऐसा फैसला लेने वाले किसी भी खिलाड़ी पर किसी भी तरह का कोई एक्शन नहीं लिया जाएगा। ऐसा नहीं है कि सभी इंकार कर रहे हैं – ऐसा लग रहा है कि जो सिर्फ टेस्ट खेलते हैं वे जाने के लिए तैयार हैं। ऐसा हुआ तो भी इंग्लैंड की टीम कमज़ोर बनेगी- यहां तक कि कप्तान भी नया चुनना होगा। जो रूट का भी फिलहाल एशेज के लिए ऑस्ट्रेलिया जाना गारंटी नहीं है। इसीलिए स्टुअर्ट ब्रॉड जैसे सीनियर को जोरदार दावेदार मान रहे हैं।एशेज मंझधार में है और इसीलिए यूके में एशेज ब्रॉडकास्ट को बिक्री का मामला भी ठंडे बस्ते में है।

खुद ऑस्ट्रेलिया किसी कम परेशानी में नहीं। कहाँ तो सीरीज का प्रोग्राम एक साल पहले बना लेते थे और आज हालत ये है कि वे खुद नहीं जानते कि पर्थ में टेस्ट हो पाएगा या नहीं? पश्चिम ऑस्ट्रेलिया, वायरस के मामले में अन्य सभी स्टेट से सख्त और सतर्क है- इस समय प्रोटोकॉल ये है कि आप ऑस्ट्रेलिया में हैं तो भी इस स्टेट में दाखिल होना है तो 14 दिन का क्वारंटीन जरूरी है। नतीजतन, पूरे आसार हैं कि सिडनी में ही चौथा और पांचवां टेस्ट दोनों टेस्ट खेल लें। इंग्लैंड के टूर के मूल प्रोग्राम में सीरीज वार्म अप के लिए पर्थ में टूर पार्टी भेजना शामिल था- वे वहां इंग्लैंड लायंस के विरुद्ध मैच की तैयारी भी कर रहे थे।

तो इंग्लैंड के सामने स्थिति ये है कि लगभग 10 खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया के एशेज टूर पर जाने से इंकार कर सकते हैं- अगर उनके परिवार (WAG) के लिए टूर और क्वारंटीन पर कोई समझौता नहीं हुआ तो। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के हाथ इस मामले में बंधे हुए हैं और वे कुछ नहीं कर सकते। सब सरकार पर निर्भर है- यहां तक कि अलग-अलग स्टेट भी एक नोटिस पर शहर या स्टेट में लॉक डाउन कर सकते हैं, जिससे खिलाड़ियों के यूके छोड़ने से पहले तय प्रोग्राम /एग्रीमेंट गड़बड़ा जाएंगे। एशेज सीरीज 8 दिसंबर से 18 जनवरी के बीच होनी है।

अगर इस मामले को जल्दी नहीं सुलझाया जाता है और इंग्लैंड की टीम ऑस्ट्रेलिया में परिवार के साथ शामिल नहीं हो सकती तो या तो एशेज में एक साल की देरी करनी होगी अन्यथा इंग्लैंड की कमजोर टीम सीरीज का रोमांच ख़त्म कर देगी। पुराने क्रिकेटरों के लिए यह कहना ठीक है कि वे महीनों तक टूर पर रहते थे लेकिन ये 30-40 साल पीछे की बात है। अब समय बदल गया है- पारिवारिक जीवन बदल गया है।

सिर्फ इंग्लैंड के खिलाड़ियों को ही दोष क्यों दें- सात आस्ट्रेलियाई क्रिकेटर वेस्टइंडीज के वाइट बॉल टूर पर इसलिए नहीं गए क्योंकि बायोबबल में नहीं रहना चाहते थे और उस पर, घर वापस लौटने पर क्वारंटीन जरूरी था। इंग्लैंड के खिलाड़ियों को जितने बायो बबल से जूझना पड़ रहा है- वह परेशानी लाएगा ही। ऑस्ट्रेलिया ने भी तो इस साल की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका टूर से इंकार कर दिया था।

पिछले ऑस्ट्रेलिया सीजन में भारत की टीम सबसे बड़ी टूरिंग पार्टी थी, परिवार साथ थे पर फर्क ये था कि चार टेस्ट से पहले थी एक वाइट बॉल सीरीज।
NSW और ACT सरकारों ने भारत की टीम को क्वारंटाइन के दौरान ट्रेनिंग और सिडनी और कैनबरा में वन डे और टी 20 मैच खेलने की इजाजत दे दी थी जिससे ऑस्ट्रेलिया एक पूरी सीरीज की मेजबानी कर पाया और अकेले ब्रॉडकास्ट फीस से ही $ 300 मिलियन कमाए।

  • चरनपाल सिंह सोबती

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *