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ट्रेंट ब्रिज टेस्ट में आख़िरी दिन ग्रैंडस्टैंड फिनिश की उम्मीद पूरी नहीं हुई- नॉटिंघम में पूरी सुबह और दोपहर बारिश हुई जिससे आखिर में टेस्ट ड्रॉ हुआ। लगातार बारिश ने एक रोमांचक टेस्ट मैच को क्लासिक फिनिश तक नहीं पहुँचने दिया। भारत को 52-1 से आगे खेलना था और टेस्ट जीतने के लिए और 157 रन की जरूरत थी। दोनों टीम ने WTC पॉइंट बाँट लिए।

किस टीम के हाथ से जीत निकल गई – इस सवाल का जवाब दे पाना बड़ा मुश्किल है। इंग्लैंड की सोच ये कि 2018 में उन्होंने चौथी पारी में भारत को दो बार 250 से कम की चुनौती के बावजूद जीतने नहीं दिया था। भारत यह तर्क दे सकता है कि यह टेस्ट और सीरीज अब अलग हैं। पूरे मैच में स्थितियां बेहतर होती रहीं। जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ा, स्कोरिंग रेट में सुधार होता रहा, जो आमतौर पर इस बात का संकेत है कि पिच बल्लेबाजी के लिए बेहतर हो रही थी।
फिर भी भारत ही था जो यहां बेहतर स्थिति में था और सीरीज की शुरूआत में लीड लेने से बेहतर और कोई बात नहीं हो सकती थी।

इंग्लैंड को अपनी मुश्किलों को सुलझाने के लिए जरूरी समय मिल गया – अगला टेस्ट गुरुवार से लॉर्ड्स में शुरू होगा। ये तो तय है कि इंग्लैंड यहां तीन खिलाड़ियों की टीम था और उसमें से भी जो रूट ने उन्हें इस टेस्ट में लगभग अकेले दम पर बचा लिया। ऐसा पहली बार भी नहीं हुआ। रूट ने दूसरी पारी में इंग्लैंड को 303 तक पहुंचाने के लिए 109 रन की शानदार पारी खेली और भारत को 209 रन का लक्ष्य दिया। बाकी दो- ओली रॉबिन्सन और जेम्स एंडरसन। ओली रॉबिन्सन ने पहली बार पांच विकेट लिए।

7 अगस्त भारतीय खेलों के लिए एक्शन से भरपूर दिन था। एक ऐतिहासिक दिन – टोकियो 2020 में क्रमशः कुश्ती (बजरंग पुनिया) और जेवलिन थ्रो (नीरज चोपड़ा) में ब्रॉन्ज़ और गोल्ड जीता, जबकि मीलों दूर, विराट कोहली के नेतृत्व में टीम टेस्ट पर हावी होने की कोशिश कर रही थी। 95 रन की अच्छी लीड पर इंग्लैंड को 303 रन बनाने दिए – इसी से 209 रन का मुश्किल लक्ष्य मिला। यहां एक बड़ी गलती भी हुई – अपनी तीनों DRS अपील को बहुत जल्द बर्बाद कर दिया। जब रूट अपने शतक के करीब थे- 97 पर तो मोहम्मद सिराज ने कप्तान कोहली को DRS के लिए कहा क्योंकि उन्हें भरोसा था कि रुट एलबीडब्ल्यू हैं पर भारत के पास कोई रिव्यू बचा ही नहीं था।

आखिर में भारत टेस्ट जीतने की बेहतर स्थिति में था, इसका मतलब ये नहीं कि टीम इंडिया ने परफेक्ट क्रिकेट खेली। चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे की बैटिंग ने चिंता में डाल दिया है। दूसरी तरफ केएल राहुल के काम- चलाऊ ओपनर के तौर पर रन बोनस रहे। टेस्ट से दो दिन पहले मयंक अग्रवाल को खो दिया – शुभमन गिल पहले ही बाहर थे। इस टेस्ट का सबसे रोमांचक मुकाबला था विराट कोहली – जेम्स एंडरसन। देखिए :

  • 2014 में इंग्लैंड में : एंडरसन ने कोहली को 50 गेंद पर 19 रन देकर चार बार आउट किया और कोहली की टूर औसत सिर्फ 13.40 थी।
  • 2018 में इंग्लैंड में : एंडरसन ने कोहली को 58 बार ऑउट स्विंग पर बीट किया लेकिन यह सब बेकार रहा। उन्हें एक बार भी आउट नहीं कर पाए और कोहली ने 59.30 औसत दर्ज़ की तथा एंडरसन की 270 गेंद पर 114 रन बनाए।
  • 2021 में इंग्लैंड में : जब वे रेडक्लिफ रोड एंड पर दोपहर 1.55 बजे अपने रन अप शुरू कर रहे थे तो रिकॉर्ड ये था कि एंडरसन ने कोहली को पिछली दो सीरीज में आउट किए बिना 72 ओवर फेंके थे।जरूरत से ज्यादा आत्मविश्वास – गेंद की लाइन पर बीट और बटलर ने जश्न में गेंद को हवा में उछाल दिया। कोहली देखते रह गए कि गेंद कहाँ पिच हुई थी?
  • विराट ने इंग्लैंड में 2018 सीरीज को गोल्डन डक के साथ ख़त्म किया और इंग्लैंड में 2021 सीरीज की गोल्डन डक के साथ शुरुआत की!

टीम इंडिया के लिए ख़ास बातें :

  • जसप्रीत बुमराह ने 10 वें नंबर से करियर की सर्वश्रेष्ठ 28 रन की पारी खेली।
  • टेस्ट क्रिकेट में अपने पहले 14 रन बनाने के लिए जसप्रीत बुमराह को 14 पारियों और लगभग एक साल में 98 गेंद की जरूरत पड़ी। उनका पिछला टॉप स्कोर 10* था और अब तक के करियर में 5 चौके और कोई छक्का नहीं लगाया था। यहां तीन गेंद में 14 रन बनाए।
  • 2020 से औसत : पुजारा 25.28, कोहली 23.00 और रहाणे 27.00 का रिकॉर्ड।
  • 2020 से 50+ स्कोर : पुजारा 5/21 पारी, कोहली 3/15 पारी और रहाणे 2/21 पारी।
  • 2020 से गेंद प्रति आउट : पुजारा 84, कोहली 54 और रहाणे 59 गेंद।
  • विराट कोहली – टेस्ट में पांच गोल्डन डक और भारत के विशेषज्ञ बल्लेबाजों में सिर्फ वीरेंद्र सहवाग (7) और सचिन तेंदुलकर (6) इससे आगे।
  • विराट कोहली – टेस्ट में कप्तान के सर्वाधिक डक: 13: स्टीफन फ्लेमिंग, 10: ग्रीम स्मिथ, 9: विराट कोहली और 8: एमएस धोनी, माइक आथर्टन एवं हैंसी क्रोन्ये।

एक मुश्किल सीरीज और भारत के तीन टॉप बल्लेबाज़ रन बनाने के लिए जूझ रहे हैं- हमारे पास उनका कोई बैकअप नहीं हैं। टीम मैनेजमेंट को चाहिए कि ऑस्ट्रेलिया टूर के बाद से रहाणे को उनके आउट होने की वीडियो दिखाएं। ये ठीक है कि वे WTC में भारत के टॉप स्कोरर थे, लेकिन जिसने 70+ टेस्ट खेले हैं, वे लगभग हर तीसरी पारी में आउट होने के नए नए तरीके ढूंढ रहे हैं। फरवरी 2020 में वेलिंगटन में न्यूजीलैंड के विरुद्ध टेस्ट से पहले अजिंक्य रहाणे ने बिना रन आउट सबसे ज्यादा टेस्ट पारी का रिकॉर्ड बनाया – 105 पारी। वह तब से 21 पारी में 4 बार रन आउट हो चुके हैं।

अब इस इंग्लिश समर के प्रोग्राम को बदलने में बहुत देर हो चुकी है पर इंग्लैंड को देखिए कि एक तरफ वे ‘द हंड्रेड’ खेल रहे हैं तो दूसरी तरफ टेस्ट सीरीज। भारत के क्रिकेटरों को सीरीज के घटिया प्रोग्राम ने मैच प्रैक्टिस नहीं लेने दी तो ये साफ़ नज़र आ रहा था कि इंग्लिश टीम भी बिना सही तैयारी के टेस्ट खेल रही है।

  • चरनपाल सिंह सोबती

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