विराट कोहली ने लंदन में ओवल में इंग्लैंड के विरुद्ध चौथे टेस्ट के लिए टीम में जो बदलाव किए, उनमें से सबसे ख़ास रहा- पेस अटैक में उमेश यादव को शामिल करना। स्विंग को मदद देने वाली परिस्थितियों में भी अब तक इस टूर में मौका न मिलने पर हो सकता है उनकी गेंदबाज़ी को पसंद करने वालों को हैरानी हो रही हो, पर खुद उमेश को इसकी आदत हो गई है। पिछले कुछ सालों में भारत का जो पेसर टेलेंट के बावजूद सबसे कम खेला है- वे उमेश यादव ही हैं।
ये दिसंबर 2020 के बाद उनका पहला टेस्ट रहा और इतना बड़ा अंतराल ही किसी भी खिलाड़ी को दबाव में ले आएगा- तब भी उमेश ने टीम को निराश नहीं किया। पहली पारी में 19 ओवर में 3-76 और भारत के सबसे कामयाब गेंदबाज़। इन्हीं में एक विकेट उन जो रुट का भी था, जिनके आउट होने से ये लगा कि इंग्लैंड को कम स्कोर पर आउट किया जा सकता है।
टेस्ट के दौरान एक और,अपने लिए, रिकॉर्ड ये बनाया कि टेस्ट क्रिकेट में 150 विकेट पर पहुंचने वाले छठे भारतीय तेज गेंदबाज बन गए- नाइटवॉचमैन क्रेग ओवरटन को आउट कर। रिकॉर्ड बना अपने 49 वें टेस्ट में- क्या ये हैरानी की बात नहीं कि जिसने अपना पहला टेस्ट लगभग 10 साल पहले खेला, वह अब तक सिर्फ 49 टेस्ट खेला। सबसे पहले मौजूदा रिकॉर्ड के बारे में :
- कपिल देव 150 टेस्ट विकेट पूरे करने वाले भारतीय तेज गेंदबाजों में सबसे तेज- 39 टेस्ट।
- इसके बाद जवागल श्रीनाथ (40), मोहम्मद शमी (42), उमेश यादव एवं जहीर खान (49) और इशांत शर्मा (54)।
- भारतीय तेज गेंदबाज के टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट:434- कपिल देव, 311- जहीर खान एवं इशांत शर्मा, 236- जवागल श्रीनाथ,195- मोहम्मद शमी,151(पहली पारी तक) – उमेश यादव, 109- करसन घावरी एवं 100- इरफान पठान।
आखिरकार क्या वजह रही कि एक अच्छा पेसर होने के बावजूद उमेश को कम मौके मिले? आम तौर पर इस सवाल का जवाब ये दिया जाता है कि इतने पेसर हैं इस समय कि हर किसी को लगातार मौका कैसे मिल सकता है? क्रिकेट में बारीकी से इस सवाल का जवाब ढूंढें तो वो ये है कि इसमें उनकी इस प्रतिष्ठा का ज्यादा योगदान है कि वे भारत में जितने कामयाब होते हैं- विदेश में नहीं। मजे की बात ये अगर रिकॉर्ड देखें तो ये बात अजीब लगेगी क्योंकि
- भारत में पिछले लगभग दो साल में कोई टेस्ट नहीं खेला है।
- ओवल सहित पिछले 4 लगातार टेस्ट भारत से बाहर खेले।
उमेश यादव का भारत में औसत 24.54 है लेकिन भारत के बाहर 40.74 है। क्यों? उमेश ने खुद कहा – ‘आमतौर पर जब इंटरनेशनल स्तर पर लगातार खेलें, तो न सिर्फ शरीर, दिमाग भी अलग तरह से काम करना शुरू कर देता है। कैसे लाइन में बदलाव किया जाए, एक बल्लेबाज को कैसे सेट किया जाए…लेकिन जब टीम से अंदर और बाहर होते हो तो पूरी लय बिगड़ जाती है। यहां तक कि सोच भी बदल जाती है।’
अगर इस टूर को ही देखें तो ईशांत, बुमराह और शमी की तिकड़ी पहली पसंद और अब उसमें सिराज का नाम भी जुड़ गया है। उमेश यादव को इसकी आदत सी हो गई है- इसीलिए कोशिश रहती है कि जब भी मौका मिले तो अपना बेहतर करो।
उमेश ने 2017 की शुरुआत से 23 टेस्ट खेले हैं- 14 भारत में जिनमें 19.34 औसत से 63 विकेट। बाहर खेले गए 9 टेस्ट में (ओवल की पहली पारी तक) 20 विकेट के लिए लगभग दोगुना औसत। श्रीलंका में 2017 की सीरीज छोड़ दें तो रिकॉर्ड और भी खराब है। स्पष्ट है टीम से अंदर- बाहर होना किसी भी खिलाड़ी के खेल और रिकॉर्ड पर नेगेटिव असर डालेगा ही।
उमेश ने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत शमी और बुमराह से पहले की थी। यहां तक कि तब इशांत शर्मा भी बहुत कामयाब नहीं थे। ऐसे में उमेश पहली बार एक रोमांचक युवा तेज के तौर पर सामने आए। अपने पहले विदेश टूर- 2011-12 में ऑस्ट्रेलिया में उमेश भारत के तेज गेंदबाजों में सबसे असरदार दिखे- पर्थ में 5 सहित 14 विकेट जिसमें रिकी पोंटिंग को दो बार आउट किया। हालाँकि औसत ज्यादा (39.35) रही पर ये उतना मायने नहीं रखता था क्योंकि भारत को ज़हीर खान के बाद बेहतर टेलेंट और आगे के लिए एक तेज़ गेंदबाज़ मिल गया था।
तब भी, करियर उन ऊंचाई तक नहीं पहुंचा जिसकी उम्मीद थी। 2016 तक- 26 टेस्ट में 38.94 औसत और सिर्फ एक बार 5 विकेट लिए। तब तो भारत में भी जूझ रहे थे- 14 टेस्ट में प्रति विकेट 34.45 रन दिए।
आज उसी करियर को एक और मोड़ मिला है- ओवल टेस्ट वास्तव में कितना फायदा देगा, ये तो समय बताएगा पर उससे पहले इस रिकॉर्ड को जरूर देखें :
- भारत से बाहर,पहले सात टेस्ट ऑस्ट्रेलिया में खेले- एक युवा तेज गेंदबाज के लिए इससे मुश्किल चुनौती और क्या होगी?
- ओवल 2021: 2019 की शुरुआत से भारत के बाहर उनका सिर्फ चौथा टेस्ट पर भारत का 13वां टेस्ट ।
- भारत ने 2014 से तीन बार इंग्लैंड का टूर किया (हर बार 5 टेस्ट) – उमेश ने इंग्लैंड में सिर्फ दूसरा टेस्ट खेला।
- उम्र 33 साल- सिर्फ चार भारतीय तेज गेंदबाज ने उन के 49 टेस्ट से ज्यादा टेस्ट खेले हैं।
- उमेश के टेस्ट क्रिकेट में आने के बाद से 150+ टेस्ट विकेट लेने वाले 25 गेंदबाजों में से सिर्फ 6 का स्ट्राइक रेट उनसे बेहतर- सिर्फ एक का इकॉनमी रेट उनसे खराब।
- चरनपाल सिंह सोबती