महिला क्रिकेट की सीरीज में इंग्लैंड ने नॉर्थम्प्टन में भारत को पहले टी 20 में बरसात से प्रभावित मैच पर लागू डकवर्थ-लुईस-स्टर्न (डीएलएस) सिस्टम की बदौलत 18 रन से हरा दिया। क्या इस मैच को सिर्फ इस नतीजे के लिए याद रखा जाएगा? नहीं – ये नतीजा तो रिकॉर्ड का हिस्सा रहेगा, इस मैच को भारत की क्रिकेटरों की शानदार फील्डिंग के लिए याद रखा जाएगा। ये मैच सिर्फ भारत की बेहतर फील्डिंग (जिसके लिए मैच के बाद कप्तान हरमनप्रीत ने फील्डिंग कोच अभय शर्मा को श्रेय दिया) का ही नहीं, महिला क्रिकेट में लगातार बेहतर हो रहे फील्डिंग स्तर का सबूत बना। सबसे पहले दीप्ति शर्मा ने हीदर नाइट को अपनी ही गेंदबाजी पर शानदार रन आउट किया। इसके बाद हरमनप्रीत ने एक शानदार डाइविंग कैच के साथ नट स्काइवर का कैच पकड़ा। टूर पर अपना पहला मैच खेल रही राधा यादव ने बैकवर्ड पॉइंट पर करीब 15 रन बचाए। इसके बाद जो हुआ वो तो और भी कमाल का था।19 वें ओवर में इंग्लैंड की एमी जोन्स ने शिखा पांडे की गेंद पर लांग ऑफ बाउंड्री पर ऊंचा शॉट लगाया और हर किसी के लिए ये छक्का था- सिर्फ हरलीन देओल को छोड़कर।बॉउंड्री पर पहले तो उछलकर कैच लपकने की कोशिश- जब उन्हें लगा कि ऐसे में बॉउंड्री पार कर जाएँगी तो गेंद को हवा में उछाल दिया और खुद बॉउंड्री पार कर गईं। इसके बाद मुड़कर बॉउंड्री के बाहर से सीधी डाइव लगाकर नीचे आ रही गेंद को लपक लिया। क्या नज़ारा था उस कैच को लपकने का। इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने ट्विटर पर पोस्ट की कैच की वीडियो और इस वीडियो को 24 घंटे के अंदर 2.8 मिलियन से ज्यादा बार देखा जा चुका था। सोशल मीडिया पर इस कैच की वीडियो ने शायद सर्कुलेशन के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए होंगे। ये ऐसा कैच था जिस पर दुनिया के हर क्रिकेटर को गर्व होगा। इसे लपका उस हरलीन देओल ने जो अपना सिर्फ 10 वां टी20 इंटरनेशनल खेल रही थी। एक हैरान कर देने वाला कैच- इतना आश्चर्यजनक कैच कि इंग्लैंड की बेंच पर बैठी वायट ने भी तालियां बजाईं।ये क्या – इसके बाद बहस शुरू हो गई कि क्या ये कैच सही था? मुद्दा ये था कि देओल कैच पूरा करने से पहले आख़िरी बार जमीन के संपर्क में बॉउंड्री के बाहर थीं। जवाब क्रिकेट लॉज़ में मौजूद है। लॉ 33.2.1 में लिखा है- ‘एक कैच तभी सही होगा, जब या तो गेंद या गेंद के संपर्क में आने वाला कोई भी फील्डर, कैच पूरा होने से पहले बॉउंड्री से बाहर न हो।’यहां सबसे ख़ास ये देखना महत्वपूर्ण है कि ‘बॉउंड्री से बाहर’ का क्या मतलब है? इसके लिए लॉ 19.5.2 को साथ में पढ़ना होगा जिसमें लिखा है- ‘एक फील्डर को तब बॉउंड्री से बाहर माना जाएगा, यदि गेंद के साथ उसके पहले संपर्क से पहले, जमीन के साथ उसका आख़िरी संपर्क बॉउंड्री के अंदर नहीं था।’ इसलिए देओल को ‘बॉउंड्री से बाहर जमीन पर’ नहीं माना जाएगा- क्योंकि जब गेंद को पहली बार छुआ था तो वे बॉउंड्री के अंदर थीं।बॉउंड्री पर कैच के विवाद हो रहे थे, तभी 2013 में ICC ने कंडीशंस में संशोधन किया। ऐसा नहीं कि अभी भी इस मामले में बहस नहीं होती। उदहारण के लिए- ग्लेन मैक्सवेल सितंबर 2015 में इस संशोधन के विरोध में खुलकर बोले थे – हालाँकि इंग्लैंड के विरुद्ध वन डे में खुद ऐसा ही सनसनीखेज कैच लपका था। देखिए क्या हुआ था तब :हेडिंग्ले में उन्होंने जो कैच लपका उसे साल के सबसे बेहतरीन आउटफील्ड कैच में से एक गिना गया- मिड-विकेट बाउंड्री पर लियम प्लंकेट के स्कीड स्लॉग को लपका पर जैसे ही उन्हें लगा कि बॉउंड्री पार कर जाएंगे तो गेंद को हवा में उछाल दिया, रस्सी पर बाउंस किया और लौटे तथा हवा में शानदार कैच पूरा किया। लगभग वही कंडीशंस अब हरलीन के कैच पर लागू हुईं। अक्टूबर 2013 से पहले, लॉ में लिखा था- एक फील्डर को कैच की शुरुआत करने और कैच हासिल करने से पहले बाउंड्री के अंदर ही रहना होगा। फील्डिंग के बेहतर हो रहे स्तर और फील्डर अपने एथलेटिक्स हुनर से जिस तरह के कैच लपक रहे थे- उसे देखकर ICC ने ऊंचे दर्ज़े की क्रिकेट के लिए भी संशोधन लागू कर दिया था। इसलिए हरलीन के कैच पर शक की कोई वजह नहीं बचती। कुछ ख़ास, जो कहा गया उनके कैच पर : * बीबीसी टेस्ट मैच स्पेशल पर साउथ वाइपर्स की खिलाड़ी एमिली विंडसर : यह कैच पूरी दुनिया में बार-बार देखा जा रहा है और आगे भी देखा जाएगा। कैच के लिए देओल की हर तरफ तारीफ हो रही है।* भारतीय क्रिकेट के दिग्गज सचिन तेंदुलकर : निश्चित रूप से मेरे लिए साल का सबसे बेहतरीन कैच!* इंग्लैंड की महिला क्रिकेटर और इस समय कमेंटेटर ईसा गुहा : ऐसे कैच महिला क्रिकेट में हमेशा याद रहेंगे। * वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान डेरेन सैमी : इस कैच पर तो हर पुरुष क्रिकेटर को भी गर्व होगा।* ऑस्ट्रेलिया की पूर्व क्रिकेटर लिसा स्थालेकर : हरलीन ने न सिर्फ 6 रन बचाए- एक विकेट भी लिया।हिमाचल प्रदेश की ऑलराउंडर 23 साल की हरलीन ने फरवरी 2019 में इंग्लैंड के विरुद्ध ही वन डे इंटरनेशनल में खेलना शुरु किया था। लगभग एक महीने बाद इंग्लैंड के विरुद्ध टी20 खेलीं। ऑस्ट्रेलिया में टी 20 वर्ल्ड कप फाइनल में भी भारत की टीम में थीं। हरलीन मूलतः पंजाब की हैं। हरलीन ने सात साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। पढ़ाई यादवेंद्र पब्लिक स्कूल, मोहाली में की लेकिन क्रिकेट हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन महिला क्रिकेट एकेडमी में गईं ट्रेनी के तौर पर। वहां चोट खाईं, फ्रेक्चर हुए पर क्रिकेट जारी रही। हरलीन ने 8 साल की उम्र में अंडर-19 इंटर-स्कूल मैच खेला। शुरुआत में ऑफ- स्पिनर थीं और बाद में लेग स्पिनर बनीं। 2018 में इंग्लैंड के विरुद्ध इंडिया ए के लिए खेलने से पहले हरलीन हिमाचल प्रदेश टीम में टॉप स्पिनर थीं- उस साल BCCI महिला एक दिवसीय लीग में हिमाचल के लिए 288 रन बनाए और 11 विकेट लिए। 2019 में महिला चैलेंजर ट्रॉफी में इंडिया रेड के लिए टॉप स्कोरर रही। ये सब बहुत था इंटरनेशनल टीम में आने के लिए। एकेडमी में ट्रेनी के जमीन पर फिसलने और डाइव लगाने के डर को खत्म करने के लिए गीले पिच कवर पर स्लाइड करने की ट्रेनिंग दी जाती थी- वही अब उनके काम आ रही है। अगर इस कैच ने जोंटी रोड्स के साथ उनका नाम जोड़ा तो और क्या तारीफ चाहिए? – चरनपाल सिंह सोबती