fbpx

इस रिपोर्ट के लिखने के समय तक, इंग्लैंड के विरुद्ध 25 जनवरी से भारत में 5 टेस्ट की सीरीज शुरू होने में एक हफ्ता भी नहीं बचा। क्रिकेट कैलेंडर में अब 5 टेस्ट की सीरीज खेलना बहुत कम हो गया है- तब भी ये देश आपस में 5 टेस्ट की सीरीज खेल रहे हैं जो सीरीज के महत्व का बहुत अच्छा सबूत है। ऐसी ख़ास सीरीज के लिए आम क्रिकेट समझ के हिसाब से इंग्लैंड टीम को तैयारी के लिए कई दिन पहले से भारत में होना चाहिए था- प्रैक्टिस मैच खेलने, मौसम/पिचों का जायजा लेने। तो कहां है इंग्लैंड की टीम? भारत में प्रैक्टिस मैच खेलना तो दूर की बात- वे तो अभी भारत भी नहीं आए हैं। टीम आएगी- हैदराबाद में पहला टेस्ट शुरू होने से सिर्फ 3 दिन पहले! ये तो तब है जबकि बेजबॉल स्ट्रेटजी के लिए ये सीरीज अब तक का सबसे मुश्किल इम्तिहान होगी। 

ढूंढते हैं इंग्लैंड टीम को?

टीम कहां है : अबू धाबी में जहां टीम मैनेजमेंट की इस सोच की वजह से कि जरूरी नहीं कि हफ्तों की तैयारी से ही जीत मिले- टीम के लिए वहां 10 दिन का ट्रेनिंग कैंप चल रहा है।

वहां क्या कर रहे हैं : टेस्ट की तैयारी में प्रैक्टिस मैचों के बजाए पासों/गोलियों के खेल और गोल्फ खेल रहे हैं। और विस्तार से देखें तो-  

  • टीम बॉन्डिंग एक्सरसाइज और उस पुराने फील-गुड फैक्टर की तलाश जिसने इंग्लैंड को पिछली समर में कामयाबी दिलाई थी।
  • अबू धाबी स्पोर्ट्स हब में सुबह नेट्स और टीम स्ट्रेटजी पर काम, दोपहर और शाम को आराम, गोल्फ और अन्य दूसरे गेम्स। गोल्फ तो ठीक है- पैडल भी इसमें ख़ास है (टेनिस से मिलता-जुलता मैक्सिकन रैकेट खेल)। यहां तक कि पेरुडो (लायर्स डाइस भी कहते हैं जिसे) खेल रहे हैं- ये  स्टोक्स को पसंद है।
  • लंच और डिनर पर टीम एक साथ।ये सब बिलकुल अलग तरह की तैयारी है- उन कोच की सोच से बिलकुल अलग जो सिर्फ पसीना बहाने को ही तैयारी का नाम देते हैं।

क्या इंग्लैंड में सब उनकी इस तैयारी से सहमत हैं : नहीं। जानकार कह रहे हैं कि इससे ख़राब तैयारी और कोई नहीं हो सकती और सीरीज 5-0 से हारने के लिए तैयार रहें। तब भी टीम थिंक टैंक/सपोर्ट स्टाफ पर इसका कोई असर नहीं। यहां तक कि कप्तान बेन स्टोक्स के दोस्त और इंग्लैंड के लिए टेस्ट खेले पेसर स्टीव हार्मिसन ने कहा- ‘तीन दिन पहले भारत पहुंचेंगे तो वे 5-0 से हारने के हकदार हैं।’ बात में दम तो है- ऑस्ट्रेलिया में सीरीज हो तो क्या गाबा टेस्ट से तीन दिन पहले ऑस्ट्रेलिया पहुंचने के बारे में सोच सकते हैं? नहीं- तो भारत में सीरीज को इतने हल्के में क्यों ले लिया और हैदराबाद टेस्ट से सिर्फ तीन दिन पहले पहुंचने का प्रोग्राम बना लिया?

टीम का जवाब : बेन स्टोक्स ने कहा- ‘मैं इससे सहमत नहीं।’ ऐसा नहीं कि टीम किसी तैयारी के बिना भारत आएगी। नई सोच ये है कि जरूरी नहीं कि हफ्तों की तैयारी से ही जीत मिले।’ 

ख़ास तौर पर भारत टूर के लिए ऐसी सोच की वजह :12 साल पहले भारत में 2-1 से जीत हासिल करने वाली इंग्लैंड टीम ने टेस्ट सीरीज से पहले 3  प्रैक्टिस मैच खेले थे। बहरहाल रिकॉर्ड में उनकी ये शिकायत भी दर्ज है कि जिन पिच पर बीसीसीआई ने प्रैक्टिस मैच आयोजित कराए- वे मिजाज में टेस्ट पिचों से बिलकुल अलग थीं। तो ऐसी पिचों पर प्रैक्टिस मैच खेलने का फायदा ही क्या हुआ? तब प्रैक्टिस मैच एकदम फ्लैट पिचों पर थे लेकिन अहमदाबाद में पहला टेस्ट एकदम टर्निंग पिच पर था- नतीजा ये रहा कि इंग्लैंड की टीम 9 विकेट से हार गई।

इंग्लैंड थिंक टैंक/कोच की नई सोच : तैयारी बेहतर हो- न कि गिनती में ‘ज्यादा’ और यही कामयाबी की कुंजी है। मैकुलम और स्टोक्स के साथ ये कोई नई बात नहीं है।

क्या ये उनकी नई पॉलिसी है: नहीं। 2022 के आख़िरी दिनों में पाकिस्तान में 3-0 से टेस्ट सीरीज़ जीतने से पहले भी अबू धाबी में एक ट्रेनिंग कैंप लगाया था और वहां इंग्लैंड लायंस के विरुद्ध 3 दिन का प्रैक्टिस मैच खेले थे। इस बार तो ये भी संभव नहीं हो पाया क्योंकि लायंस तो पहले से इंडिया ए के विरुद्ध सीरीज के लिए अहमदाबाद में है। इसी तरह पिछले साल की शुरुआत में न्यूजीलैंड में टेस्ट सीरीज से पहले हैमिल्टन में सिर्फ एक 2 दिन का प्रैक्टिस मैच खेला था। खुद कप्तान स्टोक्स ने इन्हें कितना महत्व दिया- न तो अबू धाबी और न ही हैमिल्टन के प्रैक्टिस मैच में खेले। स्पष्ट है- उनकी नजर में ये दोनों वार्म-अप महज औपचारिकता थे। तब भी- इन दोनों सीरीज में इंग्लैंड ने पहला टेस्ट जीता। पाकिस्तान में जीतना हमेशा मुश्किल कहते थे- वहां 2022 में 3-0 से जीते। यही वजह है कि भारत में सीरीज की तैयारी में किसी की नहीं सुन रहे और अपनी सोच पर भरोसा है।

कोच कब से टीम के साथ हैं : मैकुलम पिछले जुलाई में एशेज के बाद से टीम से अलग हैं यानि कि 5 महीने से भी ज्यादा के बाद, अब टीम से जुड़े हैं। 

क्या इस तैयारी का दोष अभी से उनके कोच के नाम लिख दें : ऐसा सोचना गलत होगा क्योंकि रिकॉर्ड ये है कि उनके साथ टीम 18 में से 13 टेस्ट जीत चुकी है। इस तरह बेजबॉल वाली इस सोच पर भी सवाल नहीं उठाया जा सकता।

भारत में चुनौती : मैकुलम भी मानते हैं कि भारत का टूर दुनिया की सबसे मुश्किल सीरीज में से एक है। इंग्लैंड को उम्मीद है कि काम, आराम और क्रिकेट की इस मिली-जुली तैयारी से ही तय होगा कि खिलाड़ी भारत में क्रिकेट के लिए कितने तैयार हैं और जो कमी रहेगी उसे, पहले टेस्ट से पहले, दो दिन की ट्रेनिंग में पूरा करेंगे। ऐसी तैयारी का जिक्र किसी कोचिंग मैन्युअल में नहीं है- इसे इंग्लैंड ने अपनी जरूरतों के हिसाब से तैयार किया है और ये कितना कारगर रहेगी- ये तो समय ही बताएगा।

रिकॉर्ड किसके साथ है : स्टोक्स, घुटने की सर्जरी के बाद अब फिट हैं और मैकुलम के साथ इंग्लैंड की 18 में से 13 टेस्ट में जीत के रिकॉर्ड को और भी प्रभावशाली बनाने का इरादा है- याद रहे कि इन 18 से पहले खेले 17 टेस्ट में से सिर्फ एक में जीत मिली थी। इसलिए इंग्लैंड की टीम एक बेहतर रिकॉर्ड के साथ भारत आ रही है। पाकिस्तान में जीत जैसा ही रिकॉर्ड भारत में दर्ज करने का इरादा है।

इंग्लैंड का लक्ष्य : वे इस समय वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) स्टैंडिंग में नंबर 8 हैं और इसे सुधारने के लिए भारत में कम से कम दो टेस्ट जीतने का इरादा है। 2024 में टेस्ट क्रिकेट इंग्लैंड के लिए एक बड़ी चुनौती है और भारत में खेलना इसका सबसे मुश्किल पड़ाव। 

  • चरनपाल सिंह सोबती

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *