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भारत ने 17 जनवरी, 2024 को बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में सीरीज के तीसरे (और आखिरी) मैच में अफगानिस्तान के विरुद्ध दूसरे सुपर ओवर में टाईब्रेकर जीत हासिल की। शक्तिशाली हिटिंग से भरी बल्लेबाजी में दोनों टीम का स्कोर 212 रहा और फैसला सुपर ओवर में होना था।

पहला सुपर ओवर : अफगानिस्तान 16/1 और जवाब में रोहित शर्मा एवं यशस्वी जायसवाल की बदौलत 5 गेंद पर स्कोर 0/15 था। यहीं रोहित शर्मा रिटायर आउट हो गए। रोहित तब नॉन-स्ट्राइकर थे और चूंकि लंबी बैटिंग के बाद वे थके हुए थे और साथ-साथ एक तेज रनर भी नहीं हैं- वे रिटायर हो गए और रिंकू को नॉन-स्ट्राइकर एंड पर आ गए। नोट कीजिए- रोहित रिटायर आउट हुए और रिंकू सिंह आखिरी गेंद पर रनर थे। 2 रन चाहिए थे- एक रन ही बना और सुपर ओवर टाई रहा।

इसके बाद अंपायरों और अफगानिस्तान फील्डर के बीच चर्चा हुई- इसी के बाद, रोहित को फिर से बल्लेबाजी की इजाजत दी गई।

यहां दो लॉ लागू होते हैं- पहला सुपर ओवर लॉ जो आईसीसी टी20 इंटरनेशनल प्लेइंग कंडीशन (2023) में लिखा है और दूसरा, क्रिकेट का लॉ 25- ये भी प्लेइंग कंडीशन के बारे में है पर पारी में बल्लेबाज के रिटायर होने पर क्या होता है वह इस लॉ से कंट्रोल होता है।

लॉ 25 के मुताबिक, बल्लेबाज नॉट आउट रिटायर हो सकता है अगर रिटायर होने की वजह ‘बीमारी, चोट, या कोई और ख़ास बात’ है। सुपर ओवर लॉ के मुताबिक ‘किसी भी पिछले सुपर ओवर में आउट बल्लेबाज, अगले किसी भी सुपर ओवर में बल्लेबाजी नहीं कर सकता।’ ये दोनों लॉ लंबे समय से चले आ रहे हैं और 2021 से तो ऐसे ही हैं।

इसका मतलब है रोहित शर्मा दूसरे सुपर ओवर में तभी फिर से बल्लेबाजी कर सकते थे अगर वे रिटायर हर्ट होते (यानि कि बीमारी, चोट या और किसी ख़ास वजह से)। यह असंभव है कि रोहित एक गेंद के लिए घायल/बीमार पर दूसरे सुपर ओवर को खेलने वापस आ सकते हैं। आईसीसी की वेबसाइट पर स्कोर कार्ड के अनुसार रोहित शर्मा सुपर ओवर 1 में ‘रिटायर आउट’ थे।

इस तरह ये साफ़ है कि रोहित शर्मा दूसरे सुपर ओवर में बल्लेबाजी नहीं कर सकते थे- उन्होंने की और 11(3) स्कोर उनके नाम है। जिस बल्लेबाज को बल्लेबाजी करने का हक़ ही नहीं था- उसने बल्लेबाजी की और भारत की जीत में पूरा योगदान दिया।

वास्तव में सुपर ओवर है क्या- मैच टाई होने के बाद भी उसे टीवी के लिए स्पष्ट जीत तक पहुंचाने का आकर्षक तरीका जो ऐसे किस्सों से तमाशा ज्यादा बन गया है और सही क्रिकेट खेलने के तरीके की धज्जियां उड़ा दीं। अफगानिस्तान अगर दावा करे कि उनके साथ ‘धोखा’ हुआ तो वे गलत नहीं। वे भले ही सीरीज पहले ही हार चुके थे पर चूंकि टी20 वर्ल्ड कप के लिए क्वालीफाई करना आईसीसी टी20 इंटरनेशनल रैंकिंग पर निर्भर है- हर सीरीज का हर मैच ख़ास है और ऐसी गलती उनके क्वालीफाई करने में रुकावट बन जाए तो कोई हैरानी नहीं होगी।

सारी बहस इस बात पर अटक रही है कि रोहित शर्मा आउट थे या नहीं? क्या उस मुकाम पर अंपायरों ने ये मान लिया कि वे आउट नहीं थे? नियमित खेल में रिटायर बल्लेबाज सिर्फ विरोधी कप्तान की सहमति से ही अपनी पारी आगे खेल सकता है। रोहित के फिर से बल्लेबाजी पर अफगानिस्तान की निराशा से कतई ये नहीं लगता कि ऐसी कोई सहमति दी गई। सबसे बड़ी बात ये है कि अंपायर ये तय ही नहीं कर पाए कि रोहित ‘आउट’ हैं या नहीं- वे रिटायर हर्ट और रिटायर आउट की गफलत में फंस गए। ये भी ‘घोटाले’ का ही सबूत है। हां, उन्हें एक ‘बेनिफिट ऑफ डाउट’ दिया जा सकता है- रोहित शर्मा को कोई ऐसी रहस्यमय बीमारी हुई जो 5 मिनट में ठीक भी हो गई।

इसी पहले सुपर ओवर के दौरान, एक और बड़ी ख़ास बात हुई। अफगानिस्तान ने बल्लेबाजी की तो गुलबदीन पहली ही गेंद पर (कोहली) रन आउट हो गए। 4 गेंद के बाद मोहम्मद नबी और रहमानुल्लाह गुरबाज़ क्रीज पर थे और स्कोर 7 रन था। मुकेश कुमार की 5वीं गेंद- नबी का 6 और स्कोर 13 हो गया। ओवर की आखिरी गेंद- वाइड यॉर्कर जो नबी खेल नहीं पाए लेकिन बाई की कोशिश में दौड़ पड़े।

संजू सैमसन का थ्रो दूसरे सिरे पर लेकिन गेंद, दौड़ रहे नबी की टांग में लगी और उससे डिफलेक्ट हो गई- लॉन्ग ऑन पर विराट कोहली की तरफ। अब देखिए क्या हुआ- विराट गेंद उठाने दौड़े पर इस उम्मीद के साथ कि बल्लेबाज ओवर थ्रो पर रन नहीं लेंगे। बल्लेबाज तब भी दौड़ते रहे और आखिर में गेंद फेंके जाने से पहले दो और रन ले लिए। भारत के खिलाड़ी इन रन से नाखुश थे और रोहित ने अंपायरों से बात भी की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। उधर विराट गेंद को फील्ड करने के बजाए उस पर अपना पैर रख बीच की ओर इशारा कर रहे थे। अगर विराट कोहली ने तब गेंद को पूरी गंभीरता से फील्ड कर, वापस फेंका होता तो वे एक रन बचा सकते थे। ये तो बाद में पता चला कि अफ़ग़ानिस्तान का स्कोर 16 हो जाने से क्या हुआ?

  • चरनपाल सिंह सोबती

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