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मार्च 2019 में तय हुआ कि हांगझू में 2022 में क्रिकेट की एशियाई खेलों में वापसी होगी। पहली बात तो ये कि मौजूदा 2023 वाले एशियाई खेल, यही 2022 वाले हैं- कोविड के कारण इन्हें स्थगित कर दिया था। क्रिकेट पर फैसला लिया ओलंपिक काउंसिल ऑफ एशिया ने। 2010 और 2014 में क्रिकेट खेले थे लेकिन इंडोनेशिया में 2018 एशियाई खेलों में नहीं- ये फैसला बहुत कुछ भारत के टीम न भेजने के इरादे की वजह से लिया गया था।

खैर अब 9 साल बाद क्रिकेट वापस है- टी20 फॉर्मेट में। क्रमशः गुआंगज़ौ और इंचियोन में 2010 और 2014 में भी इसी फॉर्मेट में खेले थे। इस बार क्रिकेट खेलने का फैसला लिया तो बीसीसीआई से पहले से पूछे बिना पर उम्मीद यही की कि चूंकि अभी समय है इसलिए भारतीय टीम की भागीदारी पर बीसीसीआई को दिक्कत नहीं होगी। सब जानते हैं कि भारत की टीम के न खेलने से गोल्ड के मुकाबले का रोमांच ही बहुत कुछ कम हो जाता। इसलिए सबसे बड़ी खबर ये कि भारत की पुरुष और महिला दोनों टीम गोल्ड के लिए मुकाबला करेंगी।

पिछला रिकॉर्ड ये है कि श्रीलंका और पाकिस्तान ने 2014 में पुरुष और महिला वर्ग का गोल्ड जीता, जबकि बांग्लादेश और पाकिस्तान ने 2010 में। इस बार एशियाई खेलों में भारत की मैडल उम्मीद में क्रिकेट के दो गोल्ड सरकार भी गिन रही है। जब एशियाई खेलों में फिर से क्रिकेट खेलने का ये फैसला लिया गया तब तक, अगर मल्टी स्पोर्ट्स आयोजन की बात करें तो आधुनिक युग में क्रिकेट को कॉमनवेल्थ गेम्स में भी खेले थे 1998 में (कुआलालंपुर में) और उसके बाद से बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में भी खेल चुके हैं और वहां हरमनप्रीत कौर की टीम ने सिल्वर जीता था। अब क्रिकेट की ओलंपिक में एंट्री की बात चल रही है।

भारत पर मल्टी स्पोर्ट्स आयोजन में क्रिकेट टीम न भेजने या नंबर 1 टीम न भेजने का आरोप कोई नया नहीं पर सच ये है कि बीसीसीआई ने हर मौके पर व्यस्त क्रिकेट कैलेंडर में इन आयोजन के लिए टीम भेजने में दिक्कत का सामना किया। 2014 एशियाई खेलों के समय तो ओसीए प्रेसीडेंट शेख अहमद अल फहद अल सबा ने लगातार दूसरे मौके पर अपनी टीमें न भेजने के लिए, बीसीसीआई की खुलेआम आलोचना की थी। खैर ये एक अलग स्टोरी है।

मौजूदा स्थिति ये है कि 2023 में एशियाई खेलों में क्रिकेट की वापसी को दुनिया भर में मल्टी स्पोर्ट्स आयोजन में नियमित शामिल होने की दिशा में एक बड़ा ख़ास कदम माना जा रहा है। क्रिकेट विश्व में सबसे ज्यादा देखे और फॉलो किए जाने वाले खेलों में से एक है और एशियाई खेलों में इसका आयोजन इन खेलों को तो चर्चा देता ही है- क्रिकेटर भी ऐसे आयोजन में मैडल जीतने से मिलने वाली तारीफ़ को नजरअंदाज नहीं कर सकते। इसीलिए इस बार, खुद भारत सरकार के खेल मंत्रालय ने, बीसीसीआई से, पहली बार एशियाई खेलों में पुरुष और महिला दोनों टीम भेजने के लिए कहा। ऐसे मल्टी आयोजन में क्रिकेट शामिल होने से एशियाई महाद्वीप के देशों के बीच भी ‘एकता’ को बढ़ावा मिलता है। ये मानने वाले कम नहीं कि इस से ओलंपिक, कॉमनवेल्थ गेम्स और यहां तक कि अफ्रीकन गेम्स जैसे अन्य आयोजन में भी क्रिकेट के नियमित शामिल होने के दरवाजे खुल जाएंगे।

इन एशियाई खेलों के लिए क्रिकेट के आयोजन को तो हरी झंडी मिल गई लेकिन सबसे बड़ा मुद्दा ये था कि चीन क्रिकेट में कोई बड़ा देश नहीं- तो क्या ऐसे में वे मैचों के लिए सही इंफ्रास्ट्रक्चर जुटा पाएंगे? मेजबान शहर हांगझू में झेजियांग यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी (Zhejiang University ofTechnology) के पिंगफेंग कैंपस (Pingfeng Campus) में बने क्रिकेट स्टेडियम (ये चीन में अब सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम है) में मैच हैं। यहां एशियन क्रिकेट काउंसिल के ऑफशियल्स और बांग्लादेश के विशेषज्ञों ने मिलकर पिच और आउटफील्ड को तैयार किया है। अगर ग्राउंड की फोटो देखें तो ये गोल नहीं, क्षमता बढ़ाकर अब लगभग 12 हजार है- पहले तो 1500 दर्शक भी नहीं बैठ सकते थे।

सबसे मुश्किल था आउटफील्ड और पिचों के लिए सही मिट्टी का इंतजाम। लगभग एक साल लग गया इसमें- आखिरकार लिउली गांव, यानचेंग, जियांग्सू से मिट्टी लाए। यहां अब कुछ मैच खेल लिए हैं- हांगकांग और जापान की टीम खेली हैं। आईसीसी की तरफ से, हांगकांग क्रिकेट एसोसिएशन के एक्सपर्ट भी आए पिच आउट आउटफील्ड देखने। यह क्रिकेट स्टेडियम अपने आकर्षक और खास डिजाइन के लिए जरूर चर्चा में रहेगा। सभी आधुनिक सुविधाएं जुटा ली हैं। गुआंगज़ौ में सिटी फॉरेक्स स्टेडियम (जहां एशियाई खेलों 2010 में क्रिकेट मैच खेले थे) चीन का एकमात्र अन्य इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम है।

ख़ास बात :

  • क्रिकेट को पहली बार 2010 में चीन के गुआंगज़ौ में एशियाई खेलों में मेडल स्पोर्ट्स के तौर पर शामिल किया था। तब मैच इंटरनेशनल नहीं गिने थे- तब भी क्रिकेट के लिए ये एक नई और ख़ास शुरुआत थी। 
  • 4 साल बाद, दक्षिण कोरिया के इंचियोन में 2014 एशियाई खेलों में, क्रिकेट मैच इंटरनेशनल गिने थे- इस से एशियाई खेलों में क्रिकेट को और महत्व मिला। पुरुष और महिला दोनों टीम ने हिस्सा लिया।
  • इंडोनेशिया के जकार्ता-पालेमबांग में 2018 एशियाई खेलों में क्रिकेट नहीं खेले- कई तरह की मुश्किलें इसके लिए जिम्मेदार थीं।
  • क्रिकेट की वापसी चीन के हांगझू में 2023 एशियाई खेलों में।  

अगली रिपोर्ट में भारत की दोनों टीम के इन खेलों में हिस्सा लेने की चर्चा करेंगे- मैच कब हैं, कितने बजे से और आप इन्हें कैसे देख सकते हैं?

  • चरनपाल सिंह सोबती

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