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ऐसा नहीं है कि ये बात सिर्फ पाकिस्तान की है- जब सिर्फ भारत था तब और विभाजन के बाद भी गोरे विदेशी क्रिकेटर इस जमीं के खान-पान/रहने के इंतजाम को बहुत बेहतर नहीं गिनते थे। इसीलिए इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसी टीम जब भारत/पाकिस्तान टूर पर आती थीं तो ये एक परंपरा था कि टॉप खिलाड़ी टूर से इंकार कर देते थे। ऐसा नहीं कि उनके देश के टूर पर सब ऊंचे दर्जे का इंतजाम मिलता था पर यहां के हालात को ‘स्टोरी’ बनाने में माहिर थे ये गोरे क्रिकेटर। किसी भी पुराने गोरे क्रिकेटर की किताब उठा लीजिए- ऐसी कोई न कोई स्टोरी जरूर मिल जाएगी।

समय के साथ सब बदल गया। आज भारत और पाकिस्तान में विश्व स्तर के टॉप और महंगे होटल हैं। जब विदेशी खिलाड़ी पीएसएल में खेलने पाकिस्तान या आईपीएल में खेलने भारत आते हैं तो किसी ठहरने या खाने-पीने के इंतजाम में उन्हें कोई कमी नहीं मिलती पर दो टीम वाली आपसी सीरीज के दौरान वे कमियां निकालना शुरू कर देते हैं। अपने स्प्लिट पाकिस्तान टूर के पहले दौर में सितंबर में जब टी20 टूर पर आई इंग्लिश टीम तो यही किया- कुछ खिलाड़ी बीमार हुए तो सारा गलती खाने-पीने की निकाल दी। मोईन अली ने, जो टी20 टूर में इंग्लैंड के कप्तान थे, ने कहा था- ‘खाने के मामले में मैं लाहौर में थोड़ा निराश हुआ- कराची अच्छा था।’ टेस्ट टूर में वे रावलपिंडी, मुल्तान और कराची में ही खेल रहे हैं।

ठीक है इंग्लिश संस्कृति से अलग है भारत/पाकिस्तान में खान-पान पर आज के पेशेवर क्रिकेटर जो अब अलग-अलग देश में टी20 लीग खेल रहे हैं- ऐसे मुद्दों पर स्टोरी नहीं बनाते, यहीं की डिश के आदी हो गए हैं। तब भी इंग्लैंड टीम ने खुल कर पाकिस्तान में इंतजाम की आलोचना की- और तो और कराची के खाने को लाहौर से बेहतर बता दिया। ठीक है कि अब ‘जिस लाहौर नहीं वेख्या ओ जमया ही नहीं (जिसने लाहौर नहीं देखा- वह इस धरती पर आया ही नहीं)’ जैसी कहावतें पुरानी शायरी/साहित्य का हिस्सा रह गई हैं पर गोरे क्रिकेटरों का,इंतजाम की आलोचना करना कोई नई बात नहीं।

नतीजा ये निकला कि इस किस्से ने इंग्लैंड को, अपने पाकिस्तान टूर के दूसरे राउंड में, खाने के इंतजाम को अपने हाथों में लेने के लिए प्रेरित किया। स्थानीय होटल और क्रिकेट ग्राउंड के आतिथ्य को ठुकरा दिया। अपना शेफ साथ ले आए। अब टूर पर उन्हें बटर चिकन, निहारी और बिरयानी जैसी डिश नहीं, पास्ता और सैंडविच ही ज्यादा परोसे जा रहे हैं। ठीक ही इंग्लैंड ने 17 साल तक पाकिस्तान का क्रिकेट टूर नहीं किया था पर पीएसएल में खेलने तो उनके कई क्रिकेटर आए हैं। 2013-14 के एशेज टूर से पहले, इंग्लैंड टीम के लिए ‘टेस्ट कैटरिंग डॉजियर’ बनाया, जिसे सभी होस्टिंग शहरों को भेजा था। ऐसी कई और मिसाल हैं।

आज कई खेलों में शेफ का टीमों के साथ टूर पर जाना एक आम बात है- क्रिकेट में इंग्लैंड ने एक नई शुरुआत की। इससे पहले बात मिनरल वाटर और खाने का सामान अपने देश से लाने जैसी ही मिसाल थीं। एक तरफ तो ब्रेंडन मैकुलम ने इंग्लैंड टीम के बैकरूम स्टाफ को कम किया तो दूसरी तरफ शेफ जुड़ गया। शायद इस सीजन के लॉर्ड्स में बेकन सैंडविच विवाद ने भी इस शेफ को जोड़ने में ख़ास भूमिका निभाई। इंग्लैंड टीम को अपना शेफ साथ ले जाने के फैसले में ऑस्ट्रेलिया ने भी मदद की- इस साल की शुरुआत में पाकिस्तान टूर के बाद ऑस्ट्रेलिया ने साफ कहा था कि उन्हें पछतावा है कि अपना शेफ साथ नहीं ले गए थे।

टूर पर टीम के साथ हैं शेफ उमर मेजियाने जो इससे पहले उनकी फ़ुटबाल टीम के साथ कई टूर पर जा चुके हैं (2018 वर्ल्ड कप और यूरो 2020 के दौरान इसी भूमिका में इंग्लैंड फुटबॉल टीम के साथ थे)। इंग्लैंड वाले अक्सर अपनी ‘खाने की जरूरतों’ की लिस्ट तो मेजबान क्रिकेट बोर्ड को भेजते रहे हैं- इस बार तो पूरी ‘रसोई ‘ पर ही कब्जा कर लिया। मजे की बात ये है कि पाकिस्तान पहुंचने के रास्ते में जब टीम अबू धाबी में रुकी तो वहां शेफ साथ नहीं थे- वे सीधे पाकिस्तान पहुंचे। रेड बुल के साथ बेन स्टोक्स के स्पॉन्सरशिप कॉन्ट्रैक्ट की बदौलत इंग्लिश टीम ने ग्रैंड प्री में हिस्सा लिया और गोल्फ कोर्स में भी एक दिन मजा किया। उसके बाद इंग्लैंड लायंस के विरुद्ध प्रैक्टिस मैच खेला- ये टीम पहले से दुबई में ट्रेनिंग ले रही थी। जोफ्रा आर्चर उनके साथ थे जो अगले साल जनवरी के आखिर में दक्षिण अफ्रीका में 3 वनडे मैचों की एक इंटरनेशनल सीरीज से वापसी की तैयारी कर रहे हैं।

जिस क्रिकेटर को इस फैसले ने सबसे ज्यादा तसल्ली दी होगी वह जैक लीच हैं। ये खब्बू स्पिनर क्रोहन रोग से पीड़ित है- वह कुछ गिनती की डिश ही खाता है। नवंबर 2019 में न्यूजीलैंड टूर पर, लीच को सही खाना न मिल पाने से अस्पताल में भी रहना पड़ा था। मजे की बात ये है कि इतने इंतजाम के बावजूद, रावलपिंडी में पाकिस्तान और इंग्लैंड के बीच पहला टेस्ट कुछ दिन टालने की नौबत आ गई थी पर आखिर में इससे बच गए और टीम बनाने के लिए पर्याप्त फिट खिलाड़ी जुटा लिए। बिल्ड-अप के दौरान टूरिंग पार्टी एक ‘वायरल’ अटैक में फंस गई पर जब पहली खबर आई तो हर किसी को लगा था कि ये पेट खराब होने का ही मामला है। जिन्हें ज्यादा तकलीफ थी उनमें जो रूट, बेन स्टोक्स, जैक लीच, विल जैक और रेहान अहमद भी थे।

  • चरनपाल सिंह सोबती

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