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कराची में इंग्लैंड की टेस्ट में 8 विकेट से जीत का मतलब है सीरीज 3-0 से जीत गए और ये कहना गलत नहीं होगा कि वास्तव में इंग्लैंड बेहतर टीम थी। सीरीज में जब भी मुश्किल में फंसे तो बेहतर चुनौती के साथ बाहर निकले। हर विशेषज्ञ बज़बॉल-स्टोक्स टीम को इसका श्रेय दे रहा है- एक बार फिर इनकी खेल की पॉलिसी मास्टर स्ट्रोक साबित हुई। पाकिस्तान में जीतना कभी भी आसान नहीं मानते पर इंग्लैंड, वहां एक सीरीज में तीन टेस्ट जीतने वाली पहली मेहमान टीम बन गई। 17 साल में पाकिस्तान में इंग्लैंड की पहली टेस्ट सीरीज को न सिर्फ नतीजे के लिए, इसे हासिल करने के तरीके के लिए भी याद किया जाएगा।

  • स्टोक्स के कप्तान बनने के बाद से 10 टेस्ट मैचों में 9 जीत।   एक कैलेंडर साल में, सिर्फ 2004 का 11 टेस्ट जीत का रिकॉर्ड इससे बेहतर।
  • टूर की शुरुआत में, सीरीज के पहले दिन 506 रन और 4 शतक।
  • इंग्लैंड एक टेस्ट में, 6+ रन रेट से बल्लेबाजी करने वाली पहली टीम।
  • इससे पहले पाकिस्तान, होम सीरीज में एक से ज्यादा टेस्ट, भारत के विरुद्ध 2003-04 में (2-1 से) हारा था। 

बल्लेबाजी की बात करें तो हैरी ब्रूक- फाइंड ऑफ द सीरीज पर वास्तव में ज्यादातर बल्लेबाज सही रंग में थे। हैरी ब्रूक टॉप स्कोरर- 468 रन जिसमें तीन शतक। मजे की बात ये कि जो रूट की साधारण फॉर्म (औसत 25) के बावजूद इंग्लैंड ने जीत हासिल की। इस कमी को एक और यॉर्कशायरमैन, ब्रूक ने पूरा किया और कई रिकॉर्ड तोड़े।

  • ब्रूक अपने पहले 4 टेस्ट में 3 शतक बनाने वाले पहले इंग्लिश बल्लेबाज। 
  • पाकिस्तान में एक सीरीज में सबसे ज्यादा रन के डेविड गॉवर के रिकॉर्ड को तोड़ दिया।
  • दो बल्लेबाज को छोड़कर अन्य सभी ने 80+ स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी की। 
  • एक टेस्ट सीरीज़ में एक टीम का टॉप रन रेट: 5.50 – इंग्लैंड (पाक), 2022; 5.13 – इंग्लैंड (बांग्लादेश), 2005 ; 5.13 – दक्षिण अफ्रीका (जिम्बाब्वे), 2005; 4.69 – ऑस्ट्रेलिया (जिम्बाब्वे), 2003 ; 4.67 – न्यूज़ीलैंड (जिम्बाब्वे), 2005 में।

इसी तरह, सिर्फ एक टेस्ट खेले रेहान अहमद भी फाइंड ऑफ द सीरीज पर एंडरसन भी गोल्ड हैं अभी तक। इंग्लैंड में ये माना जा रहा है कि सीरीज वास्तव में गेंदबाज जीते। एंडरसन ने 40+ उम्र में, इस टूर पर 18.50 औसत से 8 विकेट के साथ ख़ास भूमिका निभाई। वास्तव में, ये सीरीज इंग्लैंड के गेंदबाजों के लिए जीत थी। ओली रॉबिन्सन ने पुरानी गेंद के साथ 21 औसत से 9 विकेट लिए तो मार्क वुड की तेजी ख़ास थी- ये मैच जीतने वाली साबित हुई। यहां तक कि इंग्लैंड के स्पिनर भी बेहतर रहे। जैक लीच के 15 विकेट का जवाब नहीं।

  • रेहान टेस्ट डेब्यू पर 5 विकेट लेने वाले सबसे कम उम्र के टेस्ट क्रिकेटर।
  • 2007 के बाद, स्टुअर्ट ब्रॉड या जिमी एंडरसन के टीम में खेले बिना इंग्लैंड की पहली टेस्ट जीत।
  • गेंदबाजी बदल गई है। स्टोक्स की कप्तानी में खेले टेस्ट में 200 में से 190 विकेट लिए।

ये कहना गलत नहीं होगा कि बाबर और पाक क्रिकेट के विवाद ने भी उनकी मदद की। सीरीज शुरू होने से पहले एक ही आवाज थी- मेजबान जीते। उससे जो दबाव बना उसने भी इंग्लैंड की मदद की। हर रोज नई खबर और बोर्ड चीफ रमीज राजा की छुट्टी की खबर ने तो और मनोबल गिरा दिया। संयोग से कप्तान बाबर का सही रंग में न होना और गड़बड़ कर गया। स्टोक्स ने बाबर को हर स्ट्रेटजी में मात दी और उन्हें अपने खेल की पॉलिसी पर फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया। लुभाने वाले टारगेट भी पाकिस्तान के काम नहीं आए

  • ऑस्ट्रेलिया की 1-0 से सीरीज जीत के बाद से, अपनी पिचों पर पाकिस्तान की लगातार चौथी टेस्ट हार।
  • अपनी पिचों पर लगातार 4 टेस्ट हारने वाले बाबर पहले कप्तान।

इस समय, पाकिस्तान किसी टॉप टीम की तरह नजर नहीं आ रहा। शाहीन शाह अफरीदी, उनके स्टार तेज गेंदबाज, पूरी सीरीज नहीं खेले, जबकि नसीम शाह और हारिस रऊफ (अन्य दो जो 90+ मील से ज्यादा तेज गेंद फेंक सकते थे) पहले टेस्ट के बाद नहीं खेले। बल्लेबाजी बाबर, रिजवान और अजहर अली पर निर्भर थी पर तीनों टॉप फार्म में नहीं थे।

दूसरी तरफ बेन स्टोक्स की टीम ने उन मुश्किल परिस्थितियों को पार किया जो अब तक न सिर्फ इंग्लैंड, विदेशी टीमों को पाकिस्तान में बैक फुट पर लाती रही हैं। ऐतिहासिक और 17 साल में पहला पाकिस्तान टूर, ज्यादातर खिलाड़ी चुनौती से अनजान, पूरे टूर में बीमारी से जूझते रहे, सुरक्षा इंतजाम ऐसा मानो खिलाड़ी मानो जेल में हों (बायो बबल की याद आ गई)- बाहर निकलने की भी आजादी नहीं थी। इंग्लिश क्रिकेटर इसके आदी नहीं हैं।

शेफ साथ लाए पर वह भी खिलाड़ियों को बीमार पड़ने से नहीं रोक सके- कुछ तो ग्राउंड भी नहीं जा पाए। और कोई टीम होती तो मनोबल गिर सकता था लेकिन स्टोक्स और मैकुलम ने ऐसा नहीं होने दिया- यहां तक कि ट्रेनिंग की भी जबरदस्ती नहीं की। उस पर जीत ने बेहतर मूड बना दिया तो इसका असर बेहतर क्रिकेट के तौर पर नजर आने लगा। ये बिलकुल अलग तरह की जीत थी। 2022 का साल ही टेस्ट क्रिकेट में इंग्लैंड का साल है- 22 शतक (इंग्लैंड रिकॉर्ड) जिन्हें 8 अलग-अलग खिलाड़ियों ने बनाया और सबसे ज्यादा 88 छक्के। पहली बार कोई टीम टेस्ट क्रिकेट में टी20 मैच अप माइंडसेट से खेली और उस पर स्टोक्स की बेमिसाल स्ट्रैटेजिक अप्रोच। 
क्या दूसरी टीम इससे कुछ सबक लेंगी?

  • चरनपाल सिंह सोबती

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