fbpx

पाकिस्तान में तेजी से बदलते राजनीतिक समीकरण और माहौल की रिपोर्टिंग उनके लिए भी बड़ा मुश्किल हो रही है जो सीधे इससे जुड़े हैं। बहरहाल चुनाव में इमरान खान की पार्टी के बेहतर प्रदर्शन से, कई महीने से जेल में बंद इमरान खान को भी फायदा मिलने का सिलसिला शुरू हो गया है। सेना की संपत्तियों पर हमले से जुड़े 12 मामलों में इमरान खान को जमानत मिल गई है- पिछले साल मई में इस्लामाबाद में इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद,  रावलपिंडी और अन्य कुछ जगह (पाकिस्तान के सैन्य प्रतिष्ठान) पर पीटीआई कार्यकर्ताओं ने जो अटैक किया, ये उससे जुड़े मामले थे।

इमरान खान के लिए राजनीति में उल्टी गिनती वास्तव में अप्रैल 2022 में तब ही शुरू हो गई थी जब एक नो कॉन्फिडेंस मोशन पर उनकी पीएम की कुर्सी गई। उसके बाद से तोशाखाना केस और सरकारी गुप्त जानकारी लीक करने जैसे बड़े आरोप के साथ-साथ ढेरों केस उन पर दायर हुए और पूरा इंतजाम कर लिया था जेल की सलाखों के पीछे ही उनका करियर खत्म करने का। बहरहाल ये तो इतिहास में रहेगा ही कि इमरान खान- अकेले वर्ल्ड कप विजेता कप्तान जो प्राइम मिनिस्टर (पीएम) बने जबकि और कोई मिनिस्टर तक नहीं बना। वे अकेले वर्ल्ड कप विजेता कप्तान जो जेल गए- खिलाड़ी भी जेल गए पर वे अलग तरह के मामले थे।

उन पर केस में दो सबसे बड़े- 2018-2022 में जब पीएम थे तो मिले गिफ्ट सरकारी खजाने में जमा करने की जगह बेच दिए और उस पर मिली रकम न बताई बल्कि छिपाई और दूसरा देश की अंदरूनी जानकारी लीक करने का है। इन्हीं केस में कोर्ट ने क्रमशः 14 और 10 साल जेल की सजा सुनाई। इतना ही नहीं उनकी पत्नी बुशरा बीबी को भी दोषी ठहराया और साथ में 14 साल की जेल की सजा सुनाई। नकद 7870 लाख पाकिस्तान रुपये का जुर्माना भी है। 

अभी इन दो की चर्चा चल ही रही थी कि एक और बड़ा केस उन पर बनाकर सजा दे दी- इमरान की, उनकी तीसरी पत्नी बुशरा बीबी से शादी को इस्लामी कानून के तहत ‘अवैध’ करार दे दिया। आरोप है कि ‘इद्दत’ (इस्लामी कानून में) ये निर्देश है कि एक विधवा/तलाकशुदा महिला को फिर से शादी करने से पहले तीन महीने इंतजार करना होगा ताकि ये तय हो जाए कि वह गर्भवती नहीं। इमरान ने इस शर्त को तोड़ा और इसीलिए जोड़े को 7-7 साल जेल की सजा सुनाई। बीबी के इस बयान को कोई भाव नहीं दिया गया कि खावर मनेका ने उन्हें अप्रैल 2017 में तलाक दिया और इमरान खान से 1 जनवरी, 2018 को शादी हुई। बहरहाल शिकायत उनके पिछले पति ने ही की। इस तरह एक हफ्ते के अंदर इमरान को तीन केस में सजा मिली और ये अंदाजा लगाना कोई मुश्किल नहीं है कि वे कह रहे हैं कि उन्हें वह कानूनी मदद भी नहीं लेने दी जो एक देश के एक नागरिक के नाते उनका हक़ है।

इमरान खान कहते है कि उन्हें नो कॉन्फिडेंस मोशन से हटाना और उन पर ठोके गए लगभग 200 केस, उन्हें 8 फरवरी के चुनाव में हिस्सा लेने से रोकने के लिए पाकिस्तान आर्मी ने गढ़े। बहरहाल वे जेल की सलाखों के पीछे से भी अपनी पार्टी के चुनाव में बेहतर प्रदर्शन की प्रेरणा रहे। इमरान खान रावलपिंडी जेल में हैं जबकि बीबी को इस्लामाबाद के बाहरी इलाके में उनके घर में बंद रख- घर को ‘जेल’ बना दिया है। इस तरह जेमिमा गोल्डस्मिथ से शादी के बाद से इमरान खान के लिए हर शादी एक परेशानी ही साबित हुई जबकि आर्मी के समर्थन से 2018 में सत्ता में आए इमरान के लिए मुश्किलें उस दिन से शुरू हुईं जब आर्मी का समर्थन खो दिया- यहां तक कि पीएम की कुर्सी चले जाने के बाद जो मूवमेंट चलाई उससे वे ‘हिट लिस्ट’ में आ गए और नतीजा सामने है। वोटिंग से पहले पीटीआई को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा- उनके कई लीडर जेल में डाल दिए, पार्टी को चुनावी रैली से रोक दिया गया और पार्टी से उनका फेवरिट इलेक्शन सिंबल ‘क्रिकेट बैट’ भी छीन लिया।

राजनीति/कौन सही-कौन गलत की बहस से हटकर सिर्फ क्रिकेट को देखें तो सच ये है कि ये चर्चाएं इमरान खान की क्रिकेट उपलब्धियों को बैक-फुट पर ले गई। क्या आज की क्रिकेट प्रेमियों की पीढ़ी उनकी क्रिकेट का सही जायजा ले पाएगी? राजनीति के चक्कर में इमरान खान के पाकिस्तान के लिए 88 टेस्ट और 175 वनडे और 1992 में वर्ल्ड कप टाइटल चर्चा में बहुत पीछे रह गए। इसकी शुरुआत तो पिछले साल तब ही हो गई थी जब पीसीबी ने वर्ल्ड कप 2023 के पब्लिसिटी कैंपेन में बनाई वीडियो से वर्ल्ड कप जीतने वाले कप्तान को ही गायब कर दिया- उनका जिक्र तक नहीं किया। उससे पहले भी- 1996 वर्ल्ड कप के दौरान भी पीटीवी पर 1992 की जीत के जश्न की जो भी प्रेरणा देने वाली वीडियो चलाई, उनमें भी इमरान खान का चेहरा गायब था। 

क्या क्रिकेट, इमरान खान को एक क्रिकेटर और एक ऑलराउंडर के तौर पर उनकी टेलेंट को भूल जाएगा? पाकिस्तान में चाहे जो होता रहे- पूरी क्रिकेट की दुनिया ने जिस क्रिकेटर इमरान खान को देखा, उसे भूल नहीं सकते। इमरान खान का नाम हमेशा बेजोड़ स्विंग गेंदबाजी और जोशीली कप्तानी का दूसरा नाम रहेगा और इसमें सबसे ख़ास है पाकिस्तान को 1992 में वर्ल्ड कप का गौरव दिलाया। ये उन इमरान खान के बारे में है जिन्हें अपनी पीढ़ी के बेहतरीन क्रिकेटर और सर गारफील्ड सोबर्स के बाद देखे गए सबसे बेहतर ऑलराउंडर के तौर पर देखा। जिन लोगों ने उन्हें कभी खेलते नहीं देखा- उन्हें यह सोचने में भी दिक्कत होगी कि ऐसा कोई खिलाड़ी भी हो सकता था।

88 टेस्ट में से 48 में पाकिस्तान के कप्तान थे और इन मैचों में- 52.34 की औसत, 5 टेस्ट शतक और 20.26 औसत से 187 विकेट। कहते थे- तब ‘सेलेक्टर’ भी वही थे। कुल टेस्ट रिकॉर्ड- 3807 रन और 362 विकेट। साथ में 175 वनडे में 3709 रन और 182 विकेट। अन्य दूसरे बड़े ऑलराउंडरों के साथ तुलना में इमरान अकेले ऐसे खिलाड़ी थे जो टॉप आर्डर में बल्लेबाजी करने और नई गेंद से गेंदबाजी दोनों में बेहतर थे। जानकार उन्हें आज के बेन स्टोक्स से बेहतर मानते हैं। यहां तक कि जावेद मियांदाद जैसे टीम में हमेशा भिड़ने वाले ने भी कभी इमरान की क्रिकेटर के तौर पर भूमिका को कम नहीं आंका। वसीम अकरम आज भी उनकी तारीफ़ करते हैं। 1982-83 में भारत की 6 टेस्ट की सीरीज में 3-0 से हार ने गुंडप्पा विश्वनाथ का करियर खत्म किया- इमरान ने उन्हें 1 (लाहौर), 0 (कराची) और 0 (हैदराबाद, सिंध) पर आउट किया। इमरान ने सीरीज में इनस्विंगर और पुरानी गेंद की महारत से 40 विकेट लिए।
अब लगभग 71 साल की उम्र में उनके लिए भविष्य में क्या लिखा है- कोई नहीं जानता। बहरहाल, उम्मीद करें इस क्रिकेट आइकन के लिए इससे बेहतर दिन आएंगे। 

  • चरनपाल सिंह सोबती

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *