दक्षिण अफ्रीका की टीम को भारत आए एक महीने से ज्यादा हो चुका था- उन्हें यहां सब कुछ मिला जिसमें ख़ास तौर पर बढ़िया रहने और खाने-पीने के इंतजाम के साथ-साथ उनकी क्रिकेट के लिए तारीफ का जिक्र होगा। तब भी उन्होंने सही तरह भारत को शुक्रिया नहीं कहा और ऑस्ट्रेलिया से ‘नर्व-रैकिंग’ सेमीफाइनल में हार गए। इस तरह ऑस्ट्रेलिया ने 8वीं बार वर्ल्ड कप फाइनल के लिए क्वालीफाई कर लिया।
दक्षिण अफ़्रीका का सेमीफ़ाइनल अभिशाप जारी रहा पर ऑस्ट्रेलिया तो वर्ल्ड कप 2023 के फाइनल में पहुंच गया। सब जानते हैं कि वर्ल्ड कप फाइनल में भारत के लिए दक्षिण अफ्रीका की बजाय ऑस्ट्रेलिया को हराना कहीं बड़ी और मुश्किल चुनौती होगी। तब भी टीम इंडिया क्या कम है यानि कि एक आकर्षक और रोमांचक फाइनल होना चाहिए 5 बार के वर्ल्ड कप विजेता ऑस्ट्रेलिया के साथ अहमदाबाद में ग्रैंड फिनाले में 2 बार के विजेता भारत के साथ।
दक्षिण अफ्रीका 1992, 1999, 2007 और 2015 के बाद एक बार फिर सेमीफाइनल में हार गया और इसी से ऑस्ट्रेलिया ने ईडन गार्डन्स में मिली जीत की बदौलत वर्ल्ड कप फाइनल में अपना खेलना पक्का कर लिया। ऑस्ट्रेलिया का 8वां वर्ल्ड कप फाइनल और 5 बार ट्रॉफी जीतने के बावजूद वे ये मान रहे हैं कि वर्ल्ड कप फाइनल में, अब तक के टूर्नामेंट की सबसे बेहतर टीम के विरुद्ध खेल रहे हैं।
सभी 2003 के फाइनल को याद कर रहे हैं- 20 साल के बाद, फिर से एक-दूसरे का सामना कर रहे हैं ये दोनों और कितनी मजेदार बात है कि दोनों बार, एक टीम ने, टूर्नामेंट में अपने सभी मैच जीतकर फाइनल में एंट्री ली- 2003 में ऑस्ट्रेलिया ने और इस बार भारत ने। क्या इसी टीम के वर्ल्ड कप जीतने का रिकॉर्ड भी जारी रहेगा?
ठीक है वर्ल्ड कप 2023 में ऑस्ट्रेलिया का प्रदर्शन, टीम इंडिया जैसा प्रभावशाली नहीं रहा पर वे फाइनल खेल रहे हैं और यही सबसे बड़ी उपलब्धि है। वैसे भी 2023 उनके लिए अच्छा साल चल रहा है- भारत में एक टेस्ट मैच जीता, वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल जीते, इंग्लैंड में एशेज पर अधिकार बरकरार रखा और अब वर्ल्ड कप फाइनल- सब लगभग 9 महीने के अंदर। इतवार को फाइनल में चाहे जो हो- इतना तय है कि क्रिकेट खेलने के मिजाज का जबरदस्त मुकाबला होगा।
जानकार कह रहे हैं कि भले ही वर्ल्ड कप 2023 फाइनल रिपीट है 2003 वर्ल्ड कप फाइनल का पर रोल बदल गए हैं- इस बार भारत उनसे ज्यादा प्रभावशाली टीम है। ऑस्ट्रेलिया को कड़ी चुनौती देने वाला फाइनल होगा और एडवांटेज इंडिया इसलिए भी कि सभी ने देख लिया कि ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज, दक्षिण अफ्रीकी स्पिनरों के सामने कैसे लड़खड़ाए? इसी के साथ ये मत भूलिए कि भले ही उनका टॉप आर्डर अब तक उस फार्म को नहीं दिखा सका है जिसके लिए वे मशहूर हैं पर वर्ल्ड कप में ऐसा पहली बार हुआ है कि एक ही टीम के दो टेल-एंडर्स (नंबर 8-11) 150+ गेंद खेल चुके हैं इस इवेंट में और पैट कमिंस का विकेट उतना ही कीमती है जितना स्टीव स्मिथ का।
ऑस्ट्रेलिया वर्ल्ड कप की सबसे कामयाब टीम में से एक है और रिकॉर्ड इसका गवाह है- 1975 – फाइनल हारे, 1979 – ग्रुप स्टेज में बाहर, 1983 – ग्रुप स्टेज में बाहर, 1987 – चैंपियन, 1992 – ग्रुप स्टेज में बाहर, 1996 – फाइनल हारे, 1999 – चैंपियन, 2003 – चैंपियन, 2007 – चैंपियन, 2011 – क्वार्टर फाइनल खेले, 2015 – चैंपियन, 2019 – सेमीफाइनल खेले और अब 2023 में भारत के विरुद्ध फाइनल खेल रहे हैं।
ये चर्चा कोई नई नहीं कि पिछले कुछ सालों में, तीनों फॉर्मेट में भारत- ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट को एशेज जैसा ही माना गया और जो टीम आपस में सालों नहीं खेलती थीं- अब लगातार खेल रहे हैं। इस साल ही वर्ल्ड कप से ठीक पहले आपस में दो टीम वाली सीरीज खेले, जून में ओवल में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल, वर्ल्ड कप 2023 में भारत का पहला मैच ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध ही था, अब भारत-ऑस्ट्रेलिया फाइनल और इसके फ़ौरन बाद आपस में फिर से एक और सीरीज खेलनी है।
रिकॉर्ड बड़ी अजीब सी स्थिति बताता है- ऑस्ट्रेलिया अपने पहले दो ग्रुप मैच हारने के बाद वर्ल्ड कप फाइनल में पहुंचने वाली पहली टीम है। जिन पिछली दो टीम ने ऐसे रिकॉर्ड के बावजूद ग्रुप राउंड को पार किया उनका हश्र देखिए- 1999 में भारत सुपर सिक्स में सबसे नीचे रहा और 2015 में पाकिस्तान क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हार गया। किस्मत ऑस्ट्रेलिया के साथ है।
सच ये है कि 2003 फाइनल से कोई तुलना ही नहीं है। 2003 में भारत एक मिड-टेबल क्वालिटी टीम थी जो अच्छा प्रदर्शन कर रही थी पर ‘ग्रेट’ नहीं थी। दूसरी तरफ वॉर्न के बिना भी ऑस्ट्रेलिया दुनिया की सबसे बेहतर टीम थी (किसी और के पास वनडे में मैक्ग्रा और ली जैसी जोड़ी नहीं थी)। जानकार कहते हैं कि दोनों टीम के बीच इतना बड़ा फर्क था कि अगर 2003 में 10 वनडे की सीरीज आपस में खेलते तो ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 9/10 रहता- खासकर एशिया के बाहर। अभी तो वे बदलाव के दौर में थे। गिलेस्पी भी उसके बाद जल्दी ही चले गए। 2003 के आखिर में, उन्होंने बेवन और बिकेल के कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू नहीं किया। ये तो तब है जबकि खुद ऑस्ट्रेलिया वाले 2003 की टीम को अपनी नंबर 1 टीम नहीं मानते- वे 2007 की टीम को उससे कहीं बेहतर मानते हैं।
ऑस्ट्रेलिया टीम की सबसे बड़ी खूबी है- वे ये सबसे ज्यादा जानते हैं कि कब अपने खेल को ऊपर उठाना और कैसे? मुश्किल से निकलना उनसे बेहतर और कोई नहीं जानता। इसीलिए कोविड के बाद से उनका रिकॉर्ड सबसे प्रभावशाली है : पाकिस्तान को पाकिस्तान में हराया, एशेज पर अधिकार बरकरार, टी20 वर्ल्ड कप जीते, भारत में एक टेस्ट जीता, डब्ल्यूटीसी जीता और वनडे वर्ल्ड कप फाइनल खेल रहे हैं। सिर्फ वे ऑस्ट्रेलिया में भारत को नहीं हरा पाए। सेमीफाइनल ने दिखा दिया कि ऑस्ट्रेलिया टीम कैसी दृढ़ और खतरनाक हो सकती है। यही वजह है कि भारत फेवरिट तो है, फिर भी फाइनल में दक्षिण अफ्रीका से खेलना पसंद करते।
- चरनपाल सिंह सोबती