fbpx

बल्लेबाज बिना पैड पिच पर- किसी बड़े मैच में ऐसा नजारा पिछले कई साल में देखने को नहीं मिला था। सच ये है कि बल्लेबाज अपनी सुरक्षा के लिए पैड बांधते हैं- क्रिकेट लॉ उन्हें इसके लिए मजबूर नहीं करते। अगर ऐसा होता तो जिस घटना का यहां जिक्र कर रहे हैं- वह होती ही न।

23 दिसंबर, 2023 का दिन और ये नजारा देखने को मिला एल्बरी में मेलबर्न स्टार्स- सिडनी थंडर बिग बैश मैच के दौरान- मेलबर्न के पेसर हारिस रउफ बल्लेबाजी के लिए आए पैड पहने बिना। ऐसा नहीं कि वे किसी तरह का विरोध जाहिर कर रहे थे- ऐसा करना उनकी मजबूरी था क्योंकि विकेट इतनी तेजी से गिरे कि उन्हें बैटिंग के लिए सही तरह तैयार होने का समय ही नहीं मिला। तैयार होने में देरी करते तो टाइम आउट का डर था- साथ में ये भी लगभग अंदाजा था कि सिर्फ नॉन स्ट्राइकर सिरे पर ही ड्यूटी देनी होगी। हुआ क्या?

मेलबर्न ने पहले बैटिंग की और उनकी पारी का आख़िरी ओवर था- उसमें जब एक गेंद बची थी और अगर थंडर का गेंदबाज वाइड/नो-बॉल न दे तो रउफ के बैटिंग करने की जरूरत नहीं थी। उस मुकाम पर उन्हें जल्दबाजी में पिच पर भागना पड़ा- स्थिति ये थी कि पिछली 3 गेंद पर 3 विकेट गिर चुके थे। वे तो शुरुआत में हेलमेट और ग्लव्स के बिना ही बाहर निकल आए थे पर बाद में उन्हें ले लिया- लेकिन आख़िरी गेंद के खेल में वे नॉन स्ट्राइकर सिरे पर थे पैड के बिना। सैम्स को उस आख़िरी गेंद पर भी विकेट मिल गया। स्टार्स का स्कोर 172 रन रहा और थंडर ने 18.2 ओवर में 5 विकेट से जीत हासिल की इस मैच में लेकिन ये मैच उनकी जीत से ज्यादा रऊफ के बिना पैड क्रीज पर आने से यादगार बन गया।

रउफ़ तो वैसे भी इन दिनों चर्चा में थे- एक अलग वजह से। वर्कलोड मैनेजमेंट की दलील पर वे ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध टेस्ट सीरीज़ में न खेल कर, बिग बैश में खेल रहे हैं। पीसीबी ने अपने एनओसी देने के फैसले को सही ठहराते हुए कहा- न्यूजीलैंड में टी20 सीरीज से पहले राउफ को अनुभव दिलाने के लिए उन्हें बिग बैश में खेलने दिया हालांकि बिग बैश में सिर्फ 5 मैच खेलने हैं यानि कि 20 ओवर।

उसी घटना पर वापस लौटते हैं। स्टार्स के 4 गेंद में 4 विकेट गिरे। इन 4 गेंद के शुरू होने पर स्कोर 172-6 था और तब राउफ गेंदबाजी के लिए तैयार हो रहे थे। हुआ कुछ और-
तीसरी गेंद : बीयू वेबस्टर आउट।
चौथी गेंद : उसामा मीर आउट।
पांचवीं गेंद : टीम हैट्रिक बनी- मार्क स्टेकेटी रन आउट। यहां रउफ को बिना पैड ग्राउंड में भागना पड़ा और आम तौर पर सोच ये है कि प्रोफेशनल क्रिकेट में ऐसा पहले कभी नहीं देखा गया।
छठी गेंद : रऊफ नॉन-स्ट्राइकर सिरे पर बिना पैड और लियाम डॉसन आउट।

फॉक्स पर कमेंटेटर ब्रैड हैडिन, ब्रेट ली और मेल जोन्स, ग्राउंड पर हुए तमाशे पर हैरान थे। यहां तक कह दिया- कहीं ये कोई फैशन स्टेटमेंट तो नहीं? ली ने कहा- मैंने अपने क्रिकेट करियर में ऐसा पहले कभी नहीं देखा।और बोले- ‘ये तो कोई पूछ ही नहीं रहा कि उसने बॉक्स पहना है या वह भी नहीं?’ उनकी गलती नहीं थी- 3 गेंद में 3 विकेट एक के बाद एक गिरे, इसलिए जल्दी से ग्राउंड में जाना पड़ा अन्यथा टाइम आउट होते। पूरी तरह से पैड अप में कम से कम 2-3 मिनट लगते हैं। वैसे जो केपटाउन टेस्ट में भारत की पारी के दौरान हुआ (153-4 से 153-10) उसे देखते हुए इस तरह से विकेट गिरना कोई हैरानी की बात नहीं।

पाकिस्तान टीम दो और किस्से की वजह से भी चर्चा में रही। पाकिस्तान के कोच मोहम्मद हफीज अंपायरों पर तीखा हमला बोल रहे हैं और उनके बोर्ड ने आईसीसी का दरवाजा भी खटखटाया है। डीआरएस पर ही सवाल उठाया है- ख़ास तौर पर इसमें ऑफिशियल्स के रोल पर। एमसीजी में टेस्ट ऑस्ट्रेलिया ने जीता 79 रन से और हफीज तो यहां तक कह रहे हैं कि कि अगर ऑस्ट्रेलिया को कई लाइन-बॉल कॉल का फायदा न मिलता तो वे जीत नहीं सकते थे।

ये मामला उछला मोहम्मद रिज़वान को रेफरल पर आउट देने से- तब रिजवान 35 रन पर थे और 98 रन की जरूरत थी जीत के लिए। रिज़वान बार-बार इशारा करते रहे कि गेंद बाजू पर लगी, फील्ड अंपायर माइकल गफ ने भी यही माना पर रिव्यू में टीवी अंपायर रिचर्ड इलिंगवर्थ की सोच अलग रही- गेंद उनके ग्लव्स के बॉर्डर पर लगी। गेंद कलाई के बैंड पर लगी तो उससे स्निको पर हॉटस्पॉट का निशान और स्पाइक का पता चला। हफीज कहते हैं- गेंद ग्लव्स के पास भी नहीं थी और ख़ास तौर पर फील्ड अंपायर के फैसले को बदलने की कोई ठोस वजह नहीं थी। असल में मौजूदा गाइडलाइन में ये साफ़ लिखा है कि जो भी ग्लव्स के साथ जुड़ा होगा वह ग्लव्स का हिस्सा होगा- रिजवान की कलाई पर बंधे बैंड को अंपायर ने ग्लव्स का हिस्सा माना।

इसी बॉक्सिंग डे टेस्ट के तीसरे दिन एक और अजीब बात हुई- लंच के बाद का सैशन ठीक वक्त पर शुरू नहीं हो पाया। क्रिकेट में खेल रोकने की अजीब-अजीब वजह के कई किस्से हैं पर वहां तो नजारा ही अजीब था। ग्राउंड पर सब तैयार थे लेकिन थर्ड अंपायर रिचर्ड इलिंगवर्थ गायब थे। ये तो भला हो मोबाइल युग का कि फटाफट पता चल गया कि वे कहां हैं अन्यथा न जाने क्या-क्या सोच लेते? वे लिफ्ट में फंसे थे और ठीक वक्त पर अपने केबिन में नहीं पहुंचे थे। अंपायर के गैर-मौजूद होने की जो भी चर्चित मिसाल हैं उनमें से अंपायर के इससे पहले लिफ्ट में फंसने का कोई किस्सा नहीं है। इलिंगवर्थ, एक इंग्लिश अंपायर हैं और हाल ही में 2023 वर्ल्ड कप फाइनल में भी अंपायरिंग की थी।

कुछ मिनट बाद वे अपनी सीट पर लौटे और जब स्क्रीन पर उन्हें अपनी सीट लेते दिखाया गया तो स्टेडियम में मौजूद दर्शकों ने तालियां बजाकर उनका स्वागत किया। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने तो इलिंगवर्थ के सीट पर पहुंचने का एक वीडियो भी पोस्ट किया।

चूंकि इलिंगवर्थ ग्रैंडस्टैंड में अपनी सीट पर नहीं थे- ग्राउंड अंपायर ने ‘प्ले’ नहीं कहा। किसी की समझ में नहीं आ रहा था कि इस स्थिति में क्या करें? कुछ मिनट बाद चौथे अंपायर, फिल गिलेस्पी, को बाउंड्री से थर्ड अंपायर के बॉक्स की तरफ भागते देखा गया ताकि खेल फिर से शुरू हो सके। कुल 7 मिनट की देरी हुई। संयोग से चैनल सेवन की होस्ट मेल मैक्लॉघलिन भी उस लिफ्ट में थीं और उन्होंने ही अपनी प्रॉडक्शन टीम को इस बारे में खबर दी थी। इलिंगवर्थ समेत 10 लोग लगभग 10 मिनट फंसे रहे। इसी सैशन में चौथे अंपायर गिलेस्पी ने एक और ड्यूटी भी दी- ग्राउंड अंपायर जोएल विल्सन एक ओवर के लिए ग्राउंड से बाहर गए तो वे माइकल गफ के साथ ग्राउंड ड्यूटी पर थे।

  • चरनपाल सिंह सोबती

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *