लॉर्ड्स में इंग्लैंड-भारत तीसरा वनडे भारत के लिए, सीरीज में, क्लीन स्वीप के साथ खत्म लेकिन संयोग देखिए इस क्लीन स्वीप, इंग्लिश क्रिकेट सीजन के अंत और झूलन गोस्वामी के रिटायर होने से भी ज्यादा चर्चा इंग्लैंड की पारी के सबसे आख़िरी विकेट ने ले ली। 44 वां ओवर और इंग्लैंड को 38 गेंदों में 17 रन चाहिए थे- गेंदबाज दीप्ति शर्मा ने अपने डिलीवरी स्ट्राइड में देखा कि नॉन-स्ट्राइकर चार्ली डीन, बैक अप में क्रीज से बहुत आगे निकल गई है तो दीप्ति ने गेंद को, बल्लेबाज को फेंकने की जगह, अपने सिरे के स्टंप्स पर हिट कर दिया और रन आउट की अपील कर दी। आउट- स्टेडियम में सन्नाटा छा गया लेकिन अगले ही क्षण, स्टैंड्स के किसी हिस्से से जीत की खुशी का शोर सुनाई दे रहा था तो कहीं से टीम इंडिया की हूटिंग की आवाजें।
सब जानते हैं कि ये क्रिकेट के, आउट होने के सबसे विवादास्पद तरीकों में से एक है और मजे की बात ये कि क्रिकेट लॉ की कसौटी पर सही होने के बावजूद, इसे स्पिरिट ऑफ़ क्रिकेट की तराजू पर तौल दिया जाता है। नजरिया अपना-अपना है। कप्तान हरमनप्रीत कौर ने दीप्ति का समर्थन किया- ये तो तभी तय हो गया था जब टीम इंडिया ने अपील वापस नहीं ली। इंग्लैंड के ढेरों पुराने क्रिकेटर इस अंदाज में मिली जीत को सही नहीं मानते तो भारत से लगभग 100 प्रतिशत समर्थन, दीप्ति के साथ है। वैसे इंग्लैंड वालों की बात करें तो जहां अपना फायदा हो, वे स्पिरिट को नहीं लॉ को बड़ा मानते हैं (स्कोर बराबर थे तो बिना शिकन, बॉउंड्री की गिनती पर वर्ल्ड कप जीत लिया) और जब दीप्ति ने विकेट लिया तो, लॉ बनाने वाले एमसीसी के हेड क्वार्टर में खेलते हुए भी, स्पिरिट को लॉ से बड़ा बना दिया।
हरमनप्रीत ने तो दीप्ति शर्मा को उनकी जागरूकता और लॉ के सही इस्तेमाल के लिए समर्थन दिया। ये दीप्ति शर्मा का भी ख़ास मैच था- पहले तो 106 गेंद में 68* रन बनाए और तभी वीमेन इन ब्लू ने स्कोर बोर्ड पर 169 रन बनाए। उसके बाद, जब डीन और फ्रेया डेविस की आख़िरी विकेट की जोड़ी ने पहले ही 35 रन जोड़ कर इंग्लैंड को जीत के करीब पहुंचा दिया था तो उनकी होशियारी ने मेजबान टीम को आख़िरी झटका दिया। टीम की एक ख़ास क्रिकेटर- पिछले पांच साल में तीन बड़े टूर्नामेंट के फाइनल खेले और बीसीसीआई को महिला आईपीएल शुरू करने के लिए प्रेरित करने वाली क्रिकेटर में से एक।
हरमनप्रीत ने साफ़ कहा- ‘मुझे नहीं लगता कि हमने कोई अपराध किया है। यह आईसीसी लॉज़ का हिस्सा है, इसे रन-आउट कहा जाता है, और हमने ऐसा किया है।’ वे तो इस बारे में बात करने की जरूरत भी महसूस नहीं करतीं क्योंकि टीम इंडिया ने आखिरकार अपनी बेहतर क्रिकेट से पहले 9 कीमती विकेट भी तो लिए थे।
हां, चार्ली डीन भी तारीफ की हकदार हैं- इंग्लैंड को परेशानी से निकाला, जीत के करीब पहुंचाया, 80 गेंद में 47 रन बनाए और स्कोरबोर्ड पर लगातार नजर रखी। इसके अतिरिक्त , आउट होने पर भले ही निराशा जाहिर की, आंसू बहे पर भारतीय खिलाड़ियों को जीत की बधाई दी और क्रीज पर अंपायर से बहस या गालियां देने जैसा कोई तमाशा नहीं किया। केट क्रॉस ने भी दीप्ति शर्मा के चार्ली डीन को रन आउट करने की निंदा करने से इनकार कर दिया- इंग्लैंड सिर्फ इस एक विकेट के गिरने से नहीं हारा।
- चार्ली डीन महिला वनडे में, नॉन -स्ट्राइकर सिरे पर गेंदबाज के डिलीवरी स्ट्राइड में, नए लॉ के हिसाब से रन आउट होने वाली पहली क्रिकेटर। इसी को पहले ‘मानकडेड’ कहते थे और अब ‘नॉन-स्ट्राइकर एंड पर रन आउट’ है।
- लॉर्ड्स में ऑफिशियल क्रिकेट में रन-आउट बैक अप के सिर्फ दो उदहारण : थॉमस बार्कर की गेंद पर एडवर्ड मार्टिन,1843 और दीप्ति शर्मा की गेंद पर चार्ली डीन, 2022
- अगर बाउंड्री काउंट से वर्ल्ड कप जीतना सही और लॉ में है तो नॉन स्ट्राइकर्स एंड पर रन आउट कर मैच जीतना क्यों सही नहीं है ? कहां लॉ लागू होगा और कहां स्पिरिट ऑफ़ क्रिकेट- ये इंग्लैंड वाले ही क्यों तय करें?
- दीप्ति शर्मा ने वही किया जो अश्विन ने आईपीएल में बटलर के साथ किया था। अश्विन तो अब कहते हैं कि गेंदबाज को, उसकी होशियारी के लिए, इस विकेट को हासिल करने का क्रेडिट मिलना चाहिए।
- हालांकि तय हो गया था कि इस तरह से आउट के जिक्र में आगे से वीनू मांकड़ का नाम नहीं जोड़ा जाएगा पर इस सोच की धज्जियां उड़ा दीं और हर जगह उनके ही नाम का जिक्र था।
– चरनपाल सिंह सोबती