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आईपीएल 2024 में कॉन्ट्रैक्ट के बावजूद, न खेलने वालों में एक नाम इंग्लैंड के मार्क वुड का भी है- उनके न खेलने फैसला ईसीबी ने वर्कलोड मैनेजमेंट के तहत लिया, टी20 वर्ल्ड कप तथा वेस्टइंडीज और श्रीलंका के विरुद्ध आगे की टेस्ट सीरीज को ध्यान में रखते हुए। उनका नुकसान टेस्ट क्रिकेट की नई ‘हॉट प्रॉपर्टी’ शमर जोसेफ का फायदा बना और लखनऊ सुपरजाइंट्स टीम में वे आ गए। इस रिपोर्ट के लिखने तक- भले ही, लखनऊ ने आखिरकार शमर को डेब्यू करा दिया है और  शमर ने देख लिया कि आईपीएल क्या है? यहां चर्चा यह नहीं कर रहे कि आईपीएल में उनका पहला ओवर कैसा अटपटा रहा- इस बात कि कि आईपीएल में किस तरह पैसा मिल रहा है? उनके पास 3 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट है और ये कोई छोटी रकम नहीं- ख़ास तौर पर वेस्टइंडीज क्रिकेटर के लिए तो और भी ज्यादा क्योंकि वहां ऑफिशियल क्रिकेट में पैसा लगातार कम हो रहा है।

एक तरफ इंग्लैंड है जिन्होंने सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट खिलाड़ी वुड को आईपीएल खेलने से रोका- ठीक वैसे ही जैसे जोफ्रा आर्चर को तो आईपीएल 2024 ऑक्शन में ही शामिल होने से रोक दिया था क्योंकि लगातार कोशिश हो रही है कि वे टी20 वर्ल्ड कप तक फिट हो जाएं। आईपीएल 2023 में भी वुड ने सिर्फ 4 मैच खेले और 11.82 औसत से 11 विकेट लिए।

शमर जोसफ वही गेंदबाज है जिसने ऑस्ट्रेलिया विरुद्ध पिछली ड्रा सीरीज में वेस्टइंडीज के लिए डेब्यू किया और टेस्ट क्रिकेट में अपनी पहली गेंद पर स्टीवन स्मिथ को आउट किया। वह एडिलेड टेस्ट हार गए पर जब चोट के बावजूद आख़िरी पारी में 7 विकेट लेकर वेस्टइंडीज को गाबा में दूसरे टेस्ट में 8 रन से नाटकीय जीत दिलाई तो उनकी, पूरी क्रिकेट की दुनिया में चर्चा हुई। 1997 के बाद वेस्टइंडीज की ऑस्ट्रेलिया में ये पहली टेस्ट जीत थी।

इस ऑस्ट्रेलिया टूर से पहले हुए कॉन्ट्रैक्ट की बदौलत, ILT20 सीज़न में दुबई कैपिटल्स  के लिए खेलना था शमर को पर ब्रिस्बेन टेस्ट में मिचेल स्टार्क की यॉर्कर से पैर के अंगूठे में लगी चोट ने खेलने न दिया। तब भी नई मशहूरी ने 17 फरवरी से खेली पीएसएल में पेशावर जाल्मी का कॉन्ट्रैक्ट दिला दिया- भले ही कोई मैच नहीं खेले। शमर का करियर टी20 रिकॉर्ड देखेंगे तो हैरान रह जाएंगे-  इस आईपीएल सीजन से पहले तक 2 मैच और 0 विकेट पर टी20 वर्ल्ड कप टीम में जगह के दावेदार। हमेशा रिकॉर्ड ऐसा नहीं रहेगा क्योंकि टी20 के पैसे का स्वाद ‘देख’ लिया है।

तो ये है उस खिलाड़ी का टी20 परिचय जिसे ‘टेस्ट स्पेशलिस्ट’ बनाने पर बड़ी-बड़ी बातें कही गईं। तब भी, खुद वेस्टइंडीज ने उन्हें न रोका, टी20 लीग के कॉन्ट्रैक्ट लेने से। बहरहाल इस चर्चा ने एक नई सोच शुरू कर दी- अगर हर कोई टी20 लीग में खेलेगा तो टेस्ट के लिए कौन बचेगा? ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड इस सवाल के जवाब में एक नया तरीका ले आए हैं- पूरी क्रिकेट की दुनिया में टेस्ट क्रिकेटर को बराबर फीस मिले और ये इतनी हो कि ‘टेस्ट स्पेशलिस्ट’ बच जाएं।

कितनी फीस- अभी सुझाव है, बेंचमार्क 20000 डॉलर (लगभग 16.65 लाख रुपये), जिसे आगे और बेहतर डिज़ाइन कर सकते हैं। इस समय भारत में टेस्ट फीस इससे कहीं ज्यादा है और इसे तुलना के लिए 27000 डॉलर लिख सकते हैं। बीसीसीआई क्यों कम फीस की कंडीशन में उनका साथ देगा? ये कैसी स्कीम है जिसमें भारत के खिलाड़ियों का नुकसान और बाकी के सभी देशों के खिलाड़ियों का फायदा। बीसीसीआई ने अगर ‘टेस्ट स्पेशलिस्ट’ के बारे में सोचा तो उनके लिए वातव में, ऐसी स्कीम बनाई जो वास्तव में कई को ‘टेस्ट स्पेशलिस्ट’ बने रहने पर रोक सकती है (पढ़ें : https://allaboutcric.com/news/hindi/test-incentive-scheme-of-bcci/ )।

इस समय वेस्टइंडीज में रिटेनर कॉन्ट्रैक्ट 1-1.50 लाख डॉलर है और टेस्ट फीस 5000 डॉलर, जो टेस्ट देशों में सबसे कम है। शमर जैसे आईपीएल में हर साल 10 लाख डॉलर या उससे भी ज्यादा कमा रहे हैं। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया का रिटेनर्स सालाना औसतन लगभग 10 लाख डॉलर है और कप्तान पैट कमिंस को 20 लाख डॉलर मिलते हैं। कमिंस क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया से एक साल में 30 लाख डॉलर कमाने वाले पहले खिलाड़ी बनने के करीब हैं। फर्क बढ़ने की एक वजह मैच की गिनती भी है- वेस्टइंडीज साल में औसतन 6 टेस्ट खेल रहे हैं- ऑस्ट्रेलिया ने पिछले 15 महीने में 22 मैच खेले। ये ठीक है कि बीसीसीआई की टेस्ट इंसेंटिव स्कीम से प्रेरणा लेकर नई स्कीम बनाई पर ढेरों सवाल सामने आ गए। 

नई फीस देगा कौन? जब उनके देश में बोर्ड के पास पैसा नहीं तो वे इतनी फीस कहां से देंगे? इसके जवाब में एक नई स्कीम आ गई- भविष्य में हर टेस्ट क्रिकेटर को बराबर टेस्ट फीस आईसीसी दे। अगर आईसीसी ने ये खर्चा अपने ऊपर लिया तो इसका सबसे ज्यादा विरोध बीसीसीआई करेगा- एक तो आईसीसी से जो सालाना मुनाफे का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा बीसीसीआई को मिलता है उसकी रकम कम हो जाएगी और इसके अतिरिक्त भारतीय खिलाड़ी फिजूल में डॉलर में फीस लेकर इनकम टैक्स के नए पचड़े में पड़ जाएंगे। बीसीसीआई भला क्यों इस नए सिरदर्द को अपने ऊपर लेगा और दूसरे शब्दों में एक तरह से पूरी दुनिया की टेस्ट क्रिकेट की फंडिंग भारत से आईसीसी को मिल रहे पैसे से शुरू हो जाएगी। 
मौजूदा हालत ये है कि कई टेस्ट देश न सिर्फ कम टेस्ट फीस दे रहे हैं- महीनों तक फीस नहीं देते। नई टेस्ट स्कीम में इन सभी को फायदा होगा, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के क्रिकेटर जहां हैं वहीं रह जाएंगे और भारत के खिलाड़ियों को नुकसान होगा। दक्षिण अफ्रीका ने न्यूजीलैंड में टेस्ट खेलने अपनी लगभग नंबर 3 टीम भेज कर बता दिया कि फोकस कहां है? ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान स्टीव वॉ ने तो तब ही इसे टेस्ट क्रिकेट की मौत की भविष्यवाणी कह दिया था। उनके टॉप खिलाड़ी टेस्ट के दिनों में SA20 के लिए रिजर्व थे।

टी20 लीग, टेस्ट क्रिकेट के ताबूत में कील ठोक रही हैं- इसी दलील पर ही तो तब के आईसीसी चीफ शशांक मनोहर ने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की शुरुआत की वकालत की थी 2019 में ढाका में। सच ये है कि आईपीएल या अन्य लीग से भी पहले, टेस्ट क्रिकेट को तो केरी पैकर वर्ल्ड सीरीज़ ने ही झटका दे दिया था। और पीछे जाएं तो 1909 में, जब इंपीरियल क्रिकेट कॉन्फ्रेंस ने 1912 में इंग्लैंड में एक टेस्ट क्रिकेट का ट्रायंगुलर खेलने के बारे में सोचा तो उसके पीछे भी सोच टेस्ट क्रिकेट को बचाने की थी। कुछ दिन पहले तीन टी20 फ्रेंचाइजी लीग एक साथ चल रही थीं- बीपीएल, आईएलटी20 और एसए20 भी। ये चेतावनी नहीं तो और क्या है पर सेव टेस्ट क्रिकेट के लिए किसी बेहतर स्कीम की जरूरत है। सिर्फ दक्षिण अफ्रीका को क्यों दोष दें- वेस्टइंडीज ने भी दो टेस्ट मैचों की उस सीरीज के लिए 7 अनकैप्ड खिलाड़ियों को चुना, जहां उन्होंने आखिरी बार 1997 में एक टेस्ट जीता था।

इस बीच, ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध आयरलैंड की पहली दो टीम वाली सीरीज पैसे के कमी में टलने के पूरे आसार हैं- अगस्त-सितंबर में 4 मैच की सीरीज का प्रोग्राम है। 

  • चरनपाल सिंह सोबती

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