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इंग्लैंड ने पाकिस्तान को टी 20 इंटरनेशनल की सीरीज में हरा दिया – इस सीरीज को सिर्फ इस नतीजे के लिए याद नहीं रखा जाएगा। इस सीरीज को याद रखने की एक और वजह होगी लियम लिविंगस्टन की बैटिंग- ख़ास तौर पर उनके छक्के। इसमें भी दूसरे टी 20 का एक छक्का – स्ट्रोक ऐसा था कि गेंद लांग ऑन के पास छत के ऊपर से स्टेडियम से बाहर चली गई और साथ के रगबी ग्राउंड में गिरी – दर्शक हैरान या यूं कहिए कि जिसने इसे देखा हैरान रह गया। ये छक्का ऐसा था कि फ़ौरन दूरी भी मापी नहीं जा सकी। कौन हैं ये लियम लिविंगस्टन? सीरीज के शुरू से देखते हैं:

  • पहले टी 20 में सेंचुरी – 42 गेंद में जो इंग्लैंड के लिए तीनों तरह की इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे तेज।सिर्फ 43 गेंद पर 103 रन और टी 20 इंटरनेशनल में सबसे तेज 50 का कप्तान का रिकॉर्ड तोड़ा – सिर्फ 17 गेंद में।
  • दूसरे टी 20 में 23 गेंद में 38 रन यानि 165.22 स्ट्राइक रेट और 2 चौके एवं 3 छक्के शामिल। इसी में 16 वें ओवर की पहली गेंद – लिविंगस्टन ने लांग ऑन के पास एमराल्ड स्टैंड की कैंटिलीवर छत पर हारिस रऊफ की गेंद पर वह 6 लगाया जिसकी यहां बात हो रही है। ये ऐसा बड़ा 6 था कि इसने ऑन-एयर कमेंटेटरों को भी झकझोर कर रख दिया। श्रीलंका के पूर्व कीपर-बल्लेबाज कुमार संगकारा ने कहा – ‘गेंद कहाँ गई – मुझे तो दिखाई ही नहीं दी।’ स्काई स्पोर्ट्स पर स्टुअर्ट ब्रॉड ने कहा: “मैंने इसे ट्विटर पर 20 बार देखा। मैंने इससे बड़ा छक्का नहीं देखा है – ऊंचाई और दूरी दोनों थे इसमें।” पहले दो टी 20 में 66 गेंद में 12 छक्के लगाए।
    सच तो ये है कि लिविंगस्टन ने दो गेंद ग्राउंड से बाहर भेजीं- तीन ओवर पहले इमाद वसीम की गेंद को सेंट माइकल रोड पर भेज दिया था। दुर्भाग्य से टॉम कुरेन के साथ मिक्स-अप में लिविंगस्टन आउट हो गए अन्यथा न जाने क्या कमाल कर जाते।
  • तीसरे टी 20 में 2 गेंद पर 6 रन – एक स्ट्रोक 6 वाला ही था।

इंग्लैंड वाले अभी तक 18 साल से भी कम उम्र की शफाली वर्मा के 6 नहीं समझ पाए थे कि अब लिविंगस्टन ने नया सवाल खड़ा कर दिया – कैसे कोई इतने बड़े 6 लगा सकता है? शफाली ने 6 लगाने की किसी से कोई ख़ास ट्रेनिंग नहीं ली – विश्वास कीजिए लिविंगस्टन एक नई परंपरा शुरू कर चुके हैं और वह है 6 लगाने की ट्रेनिंग। ये पक्का है कि ये सिर्फ ताकत की बात नहीं है – ये भी एक तकनीक है। हर कोई इतने बड़े 6 नहीं लगा रहा। 6 लगाने की ख़ास ट्रेनिंग की जा सकती है इसका सिलसिला तो कई साल पहले ही शुरू हो गया था पर तब टी 20 क्रिकेट नहीं थी इसलिए उसका ख़ास असर नज़र नहीं आया।

1999 वर्ल्ड कप से एक साल पहले दक्षिण अफ्रीका के ऑलराउंडर लांस क्लूजनर के टखने में चोट लग गई थी। गेंदबाजी कर नहीं पा रहे थे तो बैटिंग की प्रेक्टिस शुरू कर दी – गेंदबाजी करने वाली मशीन की फुल टॉस या हाफ वॉली और एक दिन में 500, 600 गेंद खेलना। क्लूजनर ऐसे पहले क्रिकेटर बने, जिसने 6 लगाने के लिए फोरेंसिक और सिस्टम कोचिंग की मदद ली। वे 1999 वर्ल्ड कप में यूं ही प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट नहीं बन गए थे। उन्होंने रास्ता दिखाया पर क्रिकेट अभी इस ट्रेनिंग को अपनाने की स्थिति में नहीं थी। ये टी 20, टी 10 और अब ‘हंड्रेड’ का दौर है – यहां स्टाइल से ज्यादा 6 के बड़े स्ट्रोक की जरूरत है। ऐसी क्रिकेट खेलने के लिए ख़ास बल्लेबाज़ों की जरूरत है। लिविंगस्टन इसी सोच की देन हैं।

जब लिविंगस्टन इंग्लैंड लायंस के लिए खेलते थे तो उनके 6 हिटिंग कोच जूलियन वुड थे। इस पावर-हिटिंग कोच ने बताया कि कैसे, उसी ताकत से बड़े स्ट्रोक लगाने हैं। वुड ने जिन तकनीक का इस्तेमाल किया उनमें भारी बैट और हल्की गेंद का इस्तेमाल शामिल है। नतीजा लिविंगस्टन के रिकॉर्ड में नज़र आ रहा है :

  • वन डे इंटरनेशनल : 3 मैच में 72 रन – 5 चौके/ 4 छक्के
  • टी 20 इंटरनेशनल : 8 मैच में 206 रन -11 चौके/ 14 छक्के
  • फर्स्ट क्लास : 61 मैच में 3057 रन – 382 चौके/ 31 छक्के
  • लिस्ट ए : 58 मैच में 1624 रन – 117 चौके/ 64 छक्के
  • टी 20 : 139 मैच में 3577 रन – 254 चौके/ 204 छक्के
  • टी 20 इंटरनेशनल में कम से कम 14 छक्के लगाने वालों का रिकॉर्ड देखें तो लिविंगस्टन से कम रन बनाते हुए ये रिकॉर्ड सिर्फ क्रेग मैकमिलन (187) ने बनाया जबकि फैजल खान ने भी 206 रन बनाए थे।

एक दौर था जब क्रिकेटरों की काया का मजाक उड़ाया जाता था – कहते थे ये नाज़ुक से कैसे खिलाड़ी हैं? आज कई क्रिकेटर मिडिलवेट बॉक्सर की तरह शरीर बनाते हैं। विराट कोहली की बैटिंग की जितनी वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड की जाती हैं – उससे ज्यादा उनकी फिटनेस की। आज क्रिकेटर का खाना- पीना, ताकत, कंडीशनिंग वर्क और लाइफ स्टाइल को क्रिकेट गेंद को हिट करने की टेलेंट के लिए डिज़ाइन किया जा रहा है। यहां प्रेरणा वेस्टइंडीज टीम है – उनकी तरफ भी किसी ने ध्यान नहीं दिया। उन्होंने 6 हिटिंग को सबसे ज्यादा महत्व दिया- वे सिर्फ डॉट-बॉल कम नहीं कर रहे, सबसे ज्यादा बॉउंड्री शॉट लगा रहे हैं। वेस्टइंडीज ने पिछले तीन टी 20 वर्ल्ड कप में से दो जीते हैं पर वही टीम 5 दिन वाली क्रिकेट में एकदम परेशानी में पड़ जाती है।

लिविंगस्टन की बैटिंग तकनीक आधुनिक टी 20 की जरूरत को पूरा करती है। इंग्लैंड की टी 20 सीरीज से पहले लिविंगस्टन ने पॉल कॉलिंगवुड और मार्कस ट्रेस्कोथिक के साथ ट्रेनिंग सेशन किया था- उसमें भी सिर्फ गेंद हिट करने के बारे में बात हुई थी। आम राय ये है कि उनकी ग्रिप उन्हें सबसे ज्यादा मदद करती है- बेसबॉल स्टाइल के हिटर हैं क्रिकेट में।

क्रिकेट में सबसे लंबे छक्के चार्ल्स थॉर्नटन के गिने जाते हैं पर सच ये है कि औपचारिक तौर पर बड़े छक्कों का कोई रिकॉर्ड नहीं है। अल्बर्ट ट्रॉट एकमात्र ऐसे क्रिकेटर हैं जिन्होंने 1899 में लॉर्ड्स पवेलियन के ऊपर छक्का लगाया था।
लिविंगस्टोन का हिट इसके करीब ही माना जा रहा है -122 मीटर। इंग्लैंड वालों ने अभी से कहना शुरू कर दिया है कि लिविंगस्टन का वर्ल्ड कप में खेलना तो पक्का है। इंतज़ार कीजिए – देखिए क्या होने वाला है?

  • चरनपाल सिंह सोबती

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