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कुछ ही घंटे बाद टोक्यो में ओलंपिक खेलों का उद्घाटन है – दुनिया का सबसे बड़ा खेल मेला। कोविड ने इसका आयोजन एक साल स्थगित करा दिया पर रोका नहीं – ‘शो मस्ट गो ऑन’ और ओलंपिक हो रहे हैं। 33 खेलों में 339 इवेंट में मैडल के लिए मुकाबले होंगे – स्पष्ट है वे खेल जिन्हें दुनिया देखना चाहती है। इन 33 खेल की लिस्ट में क्रिकेट नहीं है। टोक्यो में चार नए खेल: सर्फिंग, स्केटबोर्डिंग, स्पोर्ट्स क्लाइम्बिंग और कराटे जोड़ दिए पर क्रिकेट नहीं। तो क्या क्रिकेट के बारे में ये नहीं कह सकते कि ये दुनिया के सबसे लोकप्रिय खेलों में से एक है?

एक तरफ ओलंपिक शुरू तो दूसरी तरफ कुछ ही घंटे पहले ICC ने अपनी 78वीं एजीएम के दौरान मंगोलिया, ताजिकिस्तान और स्विट्जरलैंड को अपना नया सदस्य बनाया। क्या इन देशों का नाम पढ़ कर भी ये नहीं लगता कि क्रिकेट तो है ही पूरी दुनिया का खेल। मंगोलिया और ताजिकिस्तान एशिया रीजन से 22वें और 23वें सदस्य हैं, जबकि स्विट्जरलैंड यूरोप से 35वां सदस्य – कुल 106 सदस्य जिसमें 94 एसोसिएट्स। तो फिर ओलंपिक में क्रिकेट के गोल्ड मैडल के लिए मुकाबला क्यों नहीं होता? खेल विशेषज्ञ इसका बड़ा साफ़ जवाब देते हैं – ओलंपिक में क्रिकेट का नाम खेलों की लिस्ट में न होने के लिए जितना ओलंपिक आयोजक जिम्मेदार हैं, उससे ज्यादा क्रिकेट की इंटरनेशनल संस्था ICC जिम्मेदार है।ICC ने क्रिकेट के इस आधुनिक दौर में भी क्रिकेट को शामिल किए जाने की वह वकालत की ही नहीं कि क्रिकेट वापसी करे ओलंपिक खेलों की लिस्ट में – जी हाँ, क्रिकेट की वापसी होगी क्योंकि ओलंपिक में क्रिकेट का आयोजन हो चुका है। ICC से पूछें तो उनका जवाब है – जब खेलने वाले ही पूरी तरह तैयार नहीं तो वे क्या करें? इसी बहस में एक के बाद एक ओलंपिक निकलते जा रहे हैं।

ऐसा नहीं है कि ICC नहीं चाहती कि ओलंपिक में क्रिकेट हो। 2018 में, ICC ने एक सर्वे किया था जिसमें 87% प्रशंसकों ने ओलंपिक में क्रिकेट की वापसी के पक्ष में वोट दिया। अक्टूबर 2020 में ही, ओलंपिक में क्रिकेट को शामिल करने के सवाल पर ICC ने अपने सदस्य देशों से दो सवाल पूछे:

  • ओलंपिक में क्रिकेट हो तो उन्हें अपनी सरकार और ओलंपिक एसोसिएशन से क्या फाइनेंशियल मदद मिलेगी?
  • अगर क्रिकेट को प्रयोग के लिए एक बार या स्थायी रूप से ओलंपिक में शामिल किया जाता है तो क्या वे इसके लिए जरूरी फाइनेंस जुटा लेंगे? 2 नवंबर 2020 तक जवाब आने थे – अब तक कुछ पता नहीं कि इस सर्वे से क्या नतीजा निकला?

सच ये है कि इस समय कई पैरामीटर पर फुटबॉल और बास्केटबॉल के बाद क्रिकेट दुनिया का तीसरा सबसे लोकप्रिय खेल है – एक अरब से ज्यादा फॉलोअर्स। इस चौंका देने वाली लोकप्रियता के बावजूद, यह 1900 के बाद से ओलंपिक का हिस्सा नहीं रहा है। ओलंपिक में क्रिकेट इवेंट 1900 के पेरिस ओलंपिक की लिस्ट में थी जहां ग्रेट ब्रिटेन ने एकमात्र मैच में फ्रांस को 158 रन से हराया था। बेल्जियम और नीदरलैंड को भी खेलना था पर बाद में नहीं खेले। विजेताओं को सिल्वर मैडल दिए गए।

कोविड-19 महामारी से जो हालत बन गए हैं, उनमें ICC चाहती है कि ओलंपिक के लिए हर टीम को अन्य दूसरे खेलों की तरह से सरकारी मदद मिले। सबसे बड़ी मुश्किल ये है कि भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया यानि कि क्रिकेट के ‘बिग थ्री’ ने इस मसले पर अब तक पूरा साथ नहीं दिया। इनकी सोच रही है – ओलंपिक भागीदारी से फायदा कम और नुक्सान ज्यादा है। जो दिन ओलंपिक के लिए निकालेंगे वे किसी न किसी सीरीज/ टूर्नामेंट के दिन खा जाएंगे और नुकसान जेब को होगा।

दूसरा मुद्दा है ओलंपिक में कौन सी क्रिकेट खेलें – टेस्ट, वन डे, टी 20 या और कोई? राहुल द्रविड़ ने टी20 को ओलंपिक में खेलने का समर्थन किया। इस बीच अबू धाबी टी 10 लीग के लोकप्रिय बनने से ओलंपिक में टी 10 खेलने की चर्चा शुरू हो गई। इस लीग को देखने वालों की गिनती लगातार बढ़ रही है – 2017 में पहले सीजन में 37 मिलियन, सीजन 2 में 97 मिलियन और सीजन 3 में 219 मिलियन दर्शक। आने वाले सालों में, यह प्रारूप क्रिकेट कैलेंडर में एक बड़ी जगह लेने वाला है। श्रीलंका अपने घरेलू क्रिकेट कैलेंडर में एक टी10 लीग जोड़ने वाला है। कुछ साल पहले ICC के सीनियर अधिकारी हारुन लोर्गट और इंग्लैंड के वाइट बॉल क्रिकेट कप्तान इयोन मोर्गन ओलंपिक में टी 10 चाहते हैं। सिर्फ 90 मिनट का मैच और एक स्टेडियम में ही, ज्यादा नहीं तो एक दिन में तीन मैच तो खेल ही सकते हैं – बेहद आकर्षक है और टीमें और खिलाड़ी इसे पसंद करते हैं। हो सकता है कल को इंग्लैंड वाले ‘द हंड्रेड’ खेलने की वकालत कर दें।

अगर यह मान भी लें कि आज हर मसले पर सहमति हो गई तो वे कौन से ओलंपिक हो सकते हैं जिनमें क्रिकेट देखने को मिले? 2024 के खेल पेरिस में हैं – उनके लिए सब तय हो चुका है। 2028 के लॉस एंजिल्स ओलंपिक में क्रिकेट को शामिल कर सकते हैं – ख़ास तौर पर ऐसे में जबकि अब अमेरिका में भी क्रिकेट की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है।

अब दो बातें और जो ओलंपिक में क्रिकेट की वापसी में मदद कर सकती हैं :

  • आखिरकार BCCI ने ओलंपिक में क्रिकेट खेलने को समर्थन देने की बात मान ली है। वे अब फायदे से ज्यादा ओलंपिक में क्रिकेट खेलने के महत्व को देख रहे हैं। इसी बदले नज़रिए का सबूत ये है कि 2022 बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में महिला टी20 के लिए टीम भेजने को मंजूरी दे दी है।
  • ICC लॉस एंजिल्स में 2028 के खेलों में क्रिकेट को शामिल करने पर जोर दे रही है – अगर ऐसा न हो पाया तो 2032 के ओलंपिक में तो जरूर होना चाहिए। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि ब्रिस्बेन को 2032 ओलंपिक मेजबान का अधिकार दिया जा रहा है और ऑस्ट्रेलिया तो वैसे भी टेस्ट क्रिकेट खेलने वाला देश है। वे क्रिकेट को जरूर ओलंपिक में देखना चाहेंगे। वैसे भी ब्रिस्बेन ने अपने ओलंपिक आवेदन में क्रिकेट, लॉन बाउल, मिक्स्ड मार्शल आर्ट, स्क्वैश और सॉफ्टबॉल को शामिल करने का जिक्र किया है। ब्रिस्बेन के लिए समर्थन ने क्रिकेट की वापसी के लिए समर्थन बढ़ा दिया है। ऑस्ट्रेलिया में क्रिकेट नहीं खेलेंगे तो और कहाँ?

टोक्यो में क्रिकेट न देखने की निराशा कुछ तो कम होगी। अब समय आ गया है कि क्रिकेट दुनिया के सबसे बड़े खेल मेले का हिस्सा बने।

  • चरनपाल सिंह सोबती

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