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इमरान खान के अतिरिक्त कोई वर्ल्ड कप विजेता कप्तान प्राइम मिनिस्टर (पीएम) तो क्या मिनिस्टर तक नहीं बना। इमरान खान के अतिरिक्त किसी वर्ल्ड कप विजेता कप्तान के जेल जाने की भी और कोई मिसाल नहीं है। वैसे तो हर वर्ल्ड कप विजेता कप्तान चर्चा में रहा पर अकेले इमरान खान का नाम जितना चर्चा में रहा- बाकी सब कप्तान मिलकर भी उनकी बराबरी नहीं कर सकते। उनकी मौजूदा स्थिति-

  • 5 अगस्त 2023 : 2018-2022 में जब पीएम थे तो जो गिफ्ट मिले उन्हें बेचने से मिली रकम न बताने/छिपाने पर पाकिस्तान ट्रायल कोर्ट ने सुनाई 3 साल की जेल की सजा। इन गिफ्ट की कीमत 14 करोड़ पाकिस्तानी रुपये (405 करोड़ भारतीय रुपये) से भी ज्यादा बता रहे हैं
  • 29 अगस्त 2023 : जमानत मिल गई पर जेल से बाहर नहीं आ पाए और अंदरूनी जानकारी लीक करने के आरोप में जेल में रखने का आदेश- 13 सितंबर तक।
  • 13 सितंबर 2023 : दो हफ्ते तक और जेल में रखने का आदेश- 26 सितंबर तक।
  • 26 सितंबर 2023 : अदालत ने जांच पूरी करने के लिए उनकी न्यायिक हिरासत को 10 अक्टूबर तक बढ़ा दिया। उस दिन भी वे जेल से बाहर आ पाएंगे या नहीं- कोई नहीं जानता।

गिरफ्तारी के इन मौजूदा राउंड से पहले उन्हें 9 मई को भी गिरफ्तार किया था और तब तो देश भर में विरोध हुआ/दंगे भड़क उठे थे। दो दिन बाद रिहा हुए- सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी को अवैध घोषित कर दिया था। इस समय उन पर 150 से ज्यादा केस दर्ज हैं और कोर्ट का आदेश मानकर, वे इन केस के सिलसिले में अलग-अलग शहरों में/कोर्ट में पेश होने लगे तो उनके पास और कोई काम नहीं रह जाएगा। क्रिकेट से पॉलिटिक्स में जाने वालों की लिस्ट बड़ी लंबी है पर उनसे पहले ऐसा किसी और के साथ नहीं हुआ। नवजोत सिद्धू भी लगभग एक साल जेल में रहे पर वह राजनीतिक केस नहीं था। इस राजनीति के चक्कर में इमरान खान के पाकिस्तान के लिए 88 टेस्ट और 175 वनडे और 1992 में वर्ल्ड कप टाइटल चर्चा में बहुत पीछे रह गए।

इसका मतलब ये तो नहीं कि जहां सिर्फ क्रिकेट की बात हो रही है, वहां भी इमरान खान को नजरअंदाज कर दें? पीसीबी ने वर्ल्ड कप 2023 के लिए जब पब्लिसिटी कैंपेन शुरू किया तो 14 अगस्त 2023 को एक वीडियो अपलोड की। कमाल देखिए कि वर्ल्ड कप में पाकिस्तान की बात हो रही है और वर्ल्ड कप जीतने वाले कप्तान का उसमें जिक्र तक नहीं। वीडियो बहुत लंबी नहीं थी पर इमरान खान के बिना तो आईसीसी भी वर्ल्ड कप प्रमोशन वीडियो नहीं बनाएगी।

वैसे इमरान खान के साथ, पाकिस्तान में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है।  इमरान खान की टीम की टाइटल जीत के चार साल बाद, पाकिस्तान तो 1996 वर्ल्ड कप में मेजबान भी था। सरकार के कंट्रोल वाले टीवी पर टूर्नामेंट में टीम की उम्मीद के बारे में जो भी बात की, 1992 की जीत के जश्न की जो भी प्रेरणा देने वाली वीडियो चलाईं, उनमें कहीं इमरान खान का चेहरा नहीं था- मानो पाकिस्तान ने उनके बिना वर्ल्ड कप जीता हो। जो रैप बनाया उसमें इमरान को छोड़कर सभी मशहूर क्रिकेटरों का जिक्र था- यहां तक कि पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) ने वर्ल्ड कप कप्तान के कैलेंडर से भी उन्हें गायब कर दिया जबकि इमरान तो उनके पास नौकरी भी कर चुके थे। मजे की बात ये कि उन दिनों कमेंटेटर के रोल में इमरान खान बड़ी चर्चा में थे- ख़ास तौर पर पाकिस्तानी टीवी स्क्रीन पर।

तब वजह राजनीति नहीं थी- 1992 की जीत के जोश में वे अपने साथी क्रिकेटरों का जिक्र भूल गए थे और उसी का मामला उछल रहा था। असल में, अपनी मां की कैंसर से मौत के बाद वे पाकिस्तान में एक कैंसर हॉस्पिटल के मिशन पर थे और जीत के जुनून में उस मिशन का जिक्र तो कर दिया- टीम के क्रिकेटर गायब हो गए। इसी की नाराजगी चल रही थी- यहां तक कि उस हॉस्पिटल के लिए पैसा इकट्ठा करने का तरीका भी हर किसी को पसंद नहीं आया था। 
तब इस सब के पीछे बेनजीर भुट्टो थीं- जो 70 के दशक में ऑक्सफोर्ड में अपने कॉलेज के सालों से इमरान को जानती थीं और उन्हें, उनकी बढ़ती लोकप्रियता से खतरा महसूस होने लगा था। खैर वह सब एक अलग स्टोरी है।

इस बार पहली वीडियो में इमरान के न होने की वसीम अकरम ने आलोचना की तो दो दिन बाद दूसरा वीडियो आ गया- इसमें इमरान आ गए और वसीम गायब। नतीजा- पीसीबी ने तीसरा वीडियो पोस्ट किया और ये भी बेदाग़ नहीं है। इससे तो वे कोई वीडियो न ही बनाते तो अच्छा था। क्या इस तरह की कोशिशों से 1992 वर्ल्ड कप जीत का रिकॉर्ड खत्म हो जाएगा?

  • चरनपाल सिंह सोबती

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