पता नहीं क्यों ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट कप्तान का विवाद खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा। ‘सेंडपेपर गेट’ कांड ने न सिर्फ स्टीव स्मिथ को टेस्ट कप्तान से हटाया- डेविड वार्नर का कप्तान के तौर पर करियर भी ख़त्म कर दिया। टिम पेन ने इस गड़बड़ माहौल में टीम को संभाला- अब वही टिम पेन उस विवाद की वजह से हटे जो, उन्हें कप्तान बनाते हुए क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को मालूम था। अगर तब दिक्कत नहीं थी तो अब क्यों?
एशेज सीरीज शुरू होने में कुछ ही दिन बचे थे और पूरा ध्यान होना चाहिए था सीरीज की तैयारी पर लेकिन क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया उलझ गई कप्तान ढूंढने में। ये मुसीबत आई, 2017 में साथ में काम करने वाली एक महिला स्टाफ को अश्लील संदेश भेजने के मामले में टिम पेन के इस्तीफे की वजह से। अब सवाल आ गया कि कौन होगा अगला कप्तान? ऐसे में पहले दिन से पैट कमिंस सबसे जोरदार दावेदार थे और वही कप्तान बने। इसकी कुछ ख़ास वजह/ कमियां :
- टीम में उनकी जगह पक्की है- ऑस्ट्रेलिया में पॉलिसी ये है कि पहले टीम के 11 खिलाड़ी चुनो और उनमें से कप्तान बनाओ।
- गड़बड़ ये कि गेंदबाज हैं और कई जानकारों को गेंदबाज़ कप्तान हजम नहीं होता। खुद ऑस्ट्रेलिया आम तौर पर ऐसे कप्तान नहीं बनाता, जो बल्लेबाज नहीं।
- मार्क टेलर, डेनिस लिली और स्टीव वॉ ने भी अपना वोट कमिंस को दिया- इन का वोट मिलने से काम आसान हो गया।
ऐसा नहीं कि और कोई विकल्प नहीं था :
- स्टीव स्मिथ भी टीम में पक्के और पहले कप्तान रहे हैं- कप्तान के तौर पर बैटिंग रिकॉर्ड गज़ब का और 70.66 औसत दर्ज़ की।
- मार्नस लाबुशेन- ऑस्ट्रेलिया के इस समय टॉप बल्लेबाज और टीम में जगह भी पक्की। फायदे की बात ये कि स्मिथ से उम्र में छोटे और लंबे समय से भविष्य के टेस्ट कप्तान के तौर पर चर्चा में हैं। पेन ने उनके नाम की वकालत की पर डर ये कि कहीं कप्तानी की जिम्मेदारी से बल्लेबाजी पर नेगेटिव असर न आ जाए।
- ट्रैविस हेड- 27 साल की उम्र यानि कि आगे काफी लंबा करियर। ऑस्ट्रेलिया ए की कप्तानी कर चुके हैं और हाल ही में ससेक्स ने भी कप्तान बनाया। टेस्ट में औसत 40 से कुछ कम। गड़बड़ ये कि एशेज के लिए टीम में जगह पक्की नहीं।
आखिर में कमिंस को कप्तान और स्टीव स्मिथ को उनका डिप्टी बनाया- कमिंस को कप्तान बनाना एक नई शुरुआत है। सबसे पहले कमिंस की बात करते हैं :
- ऑस्ट्रेलिया टेस्ट टीम के 47वें कप्तान।
- रे लिंडवाल के बाद ऑस्ट्रेलियाई के टेस्ट कप्तान बनने वाले सिर्फ दूसरे तेज गेंदबाज (लगभग 65 साल पहले रे लिंडवाल एक टेस्ट में- भारत के विरुद्ध और वह भी संयोग से)।
- न्यू साउथ वेल्स के कप्तान रहे हैं सिर्फ चार मार्श वन-डे कप मैच में और एक भी फर्स्ट क्लास मैच का अनुभव नहीं। अब सीधे टेस्ट में कप्तान।
- 2019 से टेस्ट और व्हाइट-बॉल क्रिकेट दोनों में ऑस्ट्रेलिया के उप-कप्तान।
- 1960 के दशक में रिची बेनो के बाद पहले नियमित गेंदबाज कप्तान- वे एक स्पिनर थे और 1958 से 1963 तक कप्तान रहे।
- 2011 में टेस्ट क्रिकेट में आए- रिकॉर्ड : 34 टेस्ट में 164 विकेट।
- उम्र 28 साल और ये बोनस है- फिट और अक्टूबर 2018 के बाद से हर टेस्ट खेले हैं।
कमिंस के साथ उप कप्तान स्टीव स्मिथ- वही जिन्हें कप्तानी से हटा दिया था 2018 के सैंडपेपरगेट घोटाले में उनकी भूमिका के लिए और दो साल के लिए कप्तान न बनने का प्रतिबंध लगा था। हालाँकि वह प्रतिबंध ख़त्म हो गया, तब भी स्मिथ ही क्यों? और भी हैरानी की बात ये कि जब इंटरव्यू में कमिंस से पूछा था उप कप्तान के बारे में तो उन्होंने अपनी पसंद के तौर पर स्मिथ का नाम लिया था।
ऐसा नहीं कि कमिंस को स्मिथ की आदत मालूम नहीं। वे, टिम पेन की टीम में खेलते हुए, उप कप्तान न होने के बावजूद यूं फील्डिंग सजाते देखे गए मानो कप्तान हों। कमिंस ने इसी को बोनस मान लिया- ‘स्टीव पूरे ग्राउंड को पहली स्लिप से देखते हैं, स्पिनरों के साथ बड़ा अनुभव, गेंदबाजी में बदलाव – इस सब में अगर मुझे मदद मिले तो इसमें गलत क्या है?’ कमिंस हालांकि एक दशक पहले टेस्ट क्रिकेट में आए लेकिन स्मिथ के 77 की तुलना में 34 टेस्ट खेले हैं। इस बात का दबाव उन पर रहेगा तो इस बात का भी कि आम तौर पर ये माना जाता है कि गेंदबाज़ कप्तान कामयाब नहीं होते। इसलिए क्या ऑस्ट्रेलिया ने स्मिथ को चुपचाप ‘शैडो कप्तान’ बना दिया और आगे की तैयारी कर दी?
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के गौरवशाली इतिहास में इससे पहले किसी भी तेज गेंदबाज को नियमित टेस्ट कप्तानी नहीं सौंपी गई। ऐसा नहीं कि गेंदबाज़ कप्तान कामयाब नहीं हुए। टेस्ट में 50+ विकेट लेने वाले तेज गेंदबाज- कप्तान/ आल राउंडर की लिस्ट देखें तो ये ख़ास नाम सामने आते है :
- शॉन पोलक (मैच: 26, जीत- 14, हार- 5, ड्रा- 7)
- वसीम अकरम (मैच: 25, जीत- 12, हार- 8, ड्रा- 5)
- कर्टनी वॉल्श (मैच: 22, जीत- 6, हार- 7, ड्रा – 9)
- हीथ स्ट्रीक (मैच: 21, जीत- 4, हार- 11, ड्रा- 6)
- बॉब विलिस (मैच: 18, जीत- 7,हार – 5, ड्रा- 6)
- वकार यूनुस (मैच: 17, जीत- 10,हार- 7, ड्रा – 0)
ऑलराउंडर - इमरान खान (मैच: 48,जीत- 14 ,हार- 8, ड्रा- 26)
- जेसन होल्डर (मैच: 37, जीत- 11, हार- 21, ड्रा- 5)
- कपिल देव (मैच: 34, जीत- 4, हार- 7, ड्रा- 22, टाई -1)
- डैरेन सैमी (मैच: 30, जीत- 8, हार- 12, ड्रा- 10)
- चरनपाल सिंह सोबती