‘टीम इंडिया’ इसलिए लिखा क्योंकि 8 खिलाड़ी ने डाउन अंडर में महिला बिग बैश लीग में हिस्सा लिया। इससे पहले, सिर्फ तीन भारतीय- हरमनप्रीत कौर, स्मृति मंधाना और वेदा कृष्णमूर्ति ने लीग में हिस्सा लिया था। 2021-22 सीजन में जिस एक देश की सबसे ज्यादा खिलाड़ी खेलीं वह भारत है।
इनमें से भी स्टार रही हरमनप्रीत कौर (मेलबोर्न रेनेगेड्स) जो लीग से बिल्कुल पहले तक न तो पूरी फार्म में थीं और न ही फिट। भारत की टी 20 कप्तान हरमन को न सिर्फ WBBL प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट (31 वोट और पर्थ स्कॉर्चर्स की जोड़ी बेथ मूने और सोफी डिवाइन 28 वोट को मात दी) चुना, टीम ऑफ़ द टूर्नामेंट में भी आईं। मेलबर्न रेनेगेड्स के लिए बल्लेबाजी और गेंदबाजी चार्ट में टॉप- 130.96 स्ट्राइक रेट से 406 रन, जिसमें तीन मैच जीतने वाले 50+ और 18 छक्के (टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा) और दाहिने हाथ की ऑफ स्पिन से 7.45 इकॉनमी रेट से 15 विकेट- इसमें सबसे ख़ास बात पावरप्ले और डेथ ओवरों में कीमती विकेट। इस आलराउंड टेलेंट ने उन्हें टूर्नामेंट की WBBL टीम में एकमात्र भारतीय और सिर्फ दूसरी विदेशी बना दिया।
बाकी की 7 क्रिकेटर का नाम भी अलग अलग मौके चमका पर जो तारीफ हरमन के हिस्से में आई- उसका जवाब नहीं। वे बस रेनेगेड्स को लीग फाइनल में नहीं ले जा पाईं। रेनेगेड क्रिकेटर के तौर पर ये उनका पहला सीज़न था।
स्मृति मंधाना (सिडनी थंडर) भी कम नहीं रहीं- संयोग से सबसे यादगार मैच हरमन की रेनेगेड्स के विरुद्ध खेला जिसमें से चार रन की हार के बावजूद 64 गेंद में 114* (इस लीग में टॉप स्कोर बराबर और लीग में सेंचुरी बनाने वाली पहली भारतीय)। जीत के लिए हरमन की आखिरी गेंद पर 6 के हिट की जरूरत थी जो नहीं लगा।इसी तरह जब 44 गेंद में 64 बनाए गेड्स के विरुद्ध तब भी नाजुक मुकाबले में हार हिस्से में आई। रिकॉर्ड- 130.44 स्ट्राइक रेट से 377 रन और सिडनी थंडर के लिए टॉप स्कोरर। टूर्नामेंट की शुरुआत में अपनी टीम की चार जीत में से दो में टॉप स्कोरर थीं।
अगर रेनेगेड्स- थंडर मैच की बात करें तो हरमन के 81(55 गेंद) मंधाना के 114(64) पर भारी पड़े। 176 रन का पीछा करते हुए 100+ स्ट्राइक रेट दर्ज़ करने वाली वाली एकमात्र बल्लेबाज थी। हार के बावजूद चर्चा में वे हरमन से आगे रहीं :
- एलिस पेरी के बाद ऑस्ट्रेलिया में तीनों तरह की क्रिकेट में सेंचुरी बनाने वाली सिर्फ दूसरी महिला- 102 (109)- 2016 वन डे, 127 (216)- 2021 टेस्ट और 114* (64)- 2021 WBBL में।* मिताली राज के बाद मल्टी टी 20 सेंचुरी बनाने वाली सिर्फ दूसरी भारतीय महिला।
- मंधाना के विदेशी टी 20 लीग में सबसे बड़े स्कोर: 114* – WBBL में थंडर के लिए (2021), केएसएल में थंडर के विरुद्ध 102 (2018 में) और 72 (2019 में)- मजे की बात ये कि इन तीनों मैच में सामने वाली टीम में हरमनप्रीत थीं।
अन्य 6 का प्रदर्शन :
जेमिमा रोड्रिग्स (मेलबर्न रेनेगेड्स) : 27.75 औसत से 333 रन और टीम की दूसरी सबसे ज्यादा रन बनाने वाली खिलाड़ी- स्ट्राइक रेट 116.43। सिडनी थंडर के विरुद्ध- 56 गेंद में 75*
(प्लेयर ऑफ द मैच)। 13 पारियों में 13 और 27 के बीच 6 स्कोर- बस अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में नहीं बदल पाई।
दीप्ति शर्मा (सिडनी थंडर) : पिछले चैंपियन सिडनी थंडर के निराशाजनक टूर्नामेंट में एकमात्र अच्छा खेली क्रिकेटर- निचले क्रम पर बल्लेबाजी के बावजूद 35.16 स्ट्राइक रेट से 211 रन
(टीम के लिए तीसरी टॉप स्कोरर)- साथ में 7.15 की इकॉनमी से 13 विकेट (थंडर के विकेट चार्ट में नंबर 2)।
शफाली वर्मा (सिडनी सिक्सर्स) : 50 गेंद में 57 के एक स्कोर के अतिरिक्त कुछ ख़ास नहीं- 17.36 औसत से 12 पारियों में 105.52 स्ट्राइक रेट से 191 रन जिसमें 8 स्कोर एक अंक वाले
(तीन 0 शामिल)। टीम लगातार 6 मैच हारी।
राधा यादव (सिडनी सिक्सर्स) : खब्बू स्पिनर को एक शानदार कैच के लिए ज्यादा चर्चा मिली, सीजन में सिक्सर्स की दूसरी सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली गेंदबाज- 9 विकेट के लिए 6.81 इकॉनमी से गेंदबाजी, बीच के ओवरों में रन रेट रोका और डेथ ओवरों में कीमती विकेट। 5 पारी में 21.3 औसत से 43 रन।
ऋचा घोष (होबार्ट हरिकेन्स): अपने WBBL करियर की शानदार शुरुआत की- पहले दो मैचों में 67 रन पर बाकी 12 में सिर्फ 95 रन (इनमें से आखिरी पांच पारी में 13 रन)। रिकॉर्ड – 95.29 स्ट्राइक रेट से 162 रन।
पूनम यादव (ब्रिस्बेन हीट) : WBBL 2021 में टॉप 5 विकेट लेने वालों में से तीन स्पिनर- इनमें से एक रही अनुभवी लेग स्पिनर पूनम- 6.63 इकॉनमी रेट से 10 विकेट। इनमें से पहले दो मैचों में चार विकेट और सिडनी थंडर के विरुद्ध 17 रन देकर तीन विकेट। इन्हें छोड़ दें तो बाकी 10 मैचों में सिर्फ तीन विकेट और डैथ ओवर में तो 9+ रन दिए।
ये सब ठीक है और इनकी अपनी उपलब्धि के तौर पर रिकॉर्ड में दर्ज़ रहेगा पर सवाल ये है कि इन क्रिकेटरों के इस रिकॉर्ड प्रदर्शन से भारत में महिला क्रिकेट को क्या फायदा मिलेगा? उनके अनुभव से यहां क्या असर आएगा?
ऑस्ट्रेलिया में खेली सभी 8 क्रिकेटर का सुर एक ही है- ‘महिला आईपीएल का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।’ हरमन को उम्मीद है कि ऑस्ट्रेलियाई लीग में कामयाबी महिला आईपीएल शुरू करने की दिशा में एक स्टेप के तौर पर काम करेगी। महिला आईपीएल की आवाज तो कई साल से सुनाई दे रही है पर बीसीसीआई ने अभी तक हिम्मत नहीं दिखाई है। सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या भारत में, अच्छा खेलने वाली, अपनी इतनी क्रिकेटर हैं कि आईपीएल के लिए 4-5 टीम बना सकें? सिर्फ ढेरों विदेशी खिलाड़ी बुलाकर तो लीग नहीं चला सकते- कामयाब फाइनेंशियल मॉडल के लिए हर टीम में 7-8 भारत की अपनी क्रिकेटर का होना जरूरी है।
इसका जवाब – महिला आईपीएल में विदेशी खिलाड़ियों को भी यहां खेलने बुलाएंगे ताकि अपना अनुभव हमारी घरेलू खिलाड़ियों के साथ साझा कर सकें। इससे नई टेलेंट के सामने आने का सिलसिला और तेज हो जाएगा।
- चरनपाल सिंह सोबती